इसमें डेयरी विस्थापन के लिए आवश्यक शासकीय भूमि राजस्व विभाग से नगरीय विकास एवं आवास विभाग को नि:शुल्क आवंटित की जाएगी। अधोसंचना विकास के बाद यह जमीन डेयरी संचालकों को आवंटित की जाएगी। इस प्रक्रिया में 6 विभाग शामिल रहेंगे।
नए सिरे से विस्थापन नीति राष्ट्रीय हरित अभिकरण सेंट्रल जोन बेंच भोपाल ने 2015 में आदेश जारी कर नगरीय क्षेत्र में स्थित/संचालित डेयरियों को नगरीय क्षेत्र से बाहर करने को कहा था। इस आदेश के पालन की तैयारियां अब शासन ने पूरी कर ली हैं। इसके लिए नए सिरे से विस्थापन नीति तय की गई।
विस्थापन की प्रक्रिया प्रारंभ अब नगरीय क्षेत्र से डेयरियों को बाहर विस्थापित करने के निर्देश प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग भरत यादव ने जारी कर दिए हैं। संभागायुक्त, कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त एवं सभी नगर पालिकाओं के सीएमओ को जारी आदेश में डेयरी विस्थापन की प्रक्रिया प्रारंभ करने को कहा गया है।
जमीन का होगा हस्तांतरण
नगरीय क्षेत्र से बाहर डेयरियों को विस्थापित करने के लिए शासन द्वारा जमीन उपलब्ध कराई जाकर वहां अधोसंरचना विकास का काम किया जाएगा। इसके बाद यहां के भूखंडों का आवंटन डेयरी संचालकों को किया जाएगा। इसके लिए सबसे पहले कलेक्टर द्वारा राजस्व विभाग की जमीन नगरीय विकास एवं आवास विभाग को विभिन्न गांवों में नि:शुल्क आवंटित की जाएगी। नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा इस जमीन को विकसित कर आवंटन के लिए संबंधित नगरीय निकाय को सौंपेगा।
नगरीय क्षेत्र से बाहर डेयरियों को विस्थापित करने के लिए शासन द्वारा जमीन उपलब्ध कराई जाकर वहां अधोसंरचना विकास का काम किया जाएगा। इसके बाद यहां के भूखंडों का आवंटन डेयरी संचालकों को किया जाएगा। इसके लिए सबसे पहले कलेक्टर द्वारा राजस्व विभाग की जमीन नगरीय विकास एवं आवास विभाग को विभिन्न गांवों में नि:शुल्क आवंटित की जाएगी। नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा इस जमीन को विकसित कर आवंटन के लिए संबंधित नगरीय निकाय को सौंपेगा।
दिसंबर 15 के पहले की डेयरियों को होगा आवंटन
डेयरी विस्थापन में उन्हीं डेयरी संचालकों को पट्टा आवंटित होगा जिनकी डेयरी 14 दिसंबर 2015 के पहले से क्रियाशील होंगी। इसके लिए उन्हें नगरीय निकाय द्वारा जारी गुमाश्ता पंजीयन प्रमाण पत्र जो 14 दिसंबर 2015 के पहले का हो प्रस्तुत करना होगा। अन्य दस्तावेज भी तय किए गए हैं। डेयरी में मौजूद पशु मान से आवश्यकता का आकलन कर लाटरी पद्धति से क्षेत्रफल के अनुसार भूखंड दिया जाएगा। एक पशु के मान से 100 वर्गफीट की जमीन तय की गई है।
डेयरी विस्थापन में उन्हीं डेयरी संचालकों को पट्टा आवंटित होगा जिनकी डेयरी 14 दिसंबर 2015 के पहले से क्रियाशील होंगी। इसके लिए उन्हें नगरीय निकाय द्वारा जारी गुमाश्ता पंजीयन प्रमाण पत्र जो 14 दिसंबर 2015 के पहले का हो प्रस्तुत करना होगा। अन्य दस्तावेज भी तय किए गए हैं। डेयरी में मौजूद पशु मान से आवश्यकता का आकलन कर लाटरी पद्धति से क्षेत्रफल के अनुसार भूखंड दिया जाएगा। एक पशु के मान से 100 वर्गफीट की जमीन तय की गई है।
30 साल की लीज पर जमीन
डेयरी संचालकों को जो जमीन आवंटित की जाएगी उसके लिए उनसे एक प्रतिफल लिया जाएगा। संबंधित भूखंड विकास में होने वाले व्यय तथा संधारण की राशि आवश्यकतानुसार आवंटितियों से नगरीय निकाय प्रतिफल के रूप में लिया जाएगा। इस राशि के आधार पर डेयरी संचालकों को भूखण्ड का 30 साल का पट्टा दिया जाएगा।
डेयरी संचालकों को जो जमीन आवंटित की जाएगी उसके लिए उनसे एक प्रतिफल लिया जाएगा। संबंधित भूखंड विकास में होने वाले व्यय तथा संधारण की राशि आवश्यकतानुसार आवंटितियों से नगरीय निकाय प्रतिफल के रूप में लिया जाएगा। इस राशि के आधार पर डेयरी संचालकों को भूखण्ड का 30 साल का पट्टा दिया जाएगा।
पंजीयन शुल्क से छूट
वाणिज्यिक कर विभाग डेयरी व्यवस्थापन प्रयोजन के लिए आवंटित की गई भूमि के पट्टा निष्पादन को मुद्रांक तथा पंजीयन शुल्क से छूट देगा। डेयरी संचालक को पट्टे की प्रीमियम राशि मात्र पर ही मुद्रांक व पंजीयन शुल्क लगेगा।
वाणिज्यिक कर विभाग डेयरी व्यवस्थापन प्रयोजन के लिए आवंटित की गई भूमि के पट्टा निष्पादन को मुद्रांक तथा पंजीयन शुल्क से छूट देगा। डेयरी संचालक को पट्टे की प्रीमियम राशि मात्र पर ही मुद्रांक व पंजीयन शुल्क लगेगा।
विस्थापन में 6 विभागों की भूमिका
डेयरी विस्थापन नीति में नगरीय विकास एवं आवास विभाग सहित नगरीय निकाय, पशुधन विभाग, राजस्व विभाग, मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी और वाणिज्यिक कर विभाग की भूमिका शामिल की गई है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग डेयरी संचालकों को देने के लिए जमीन नगरीय निकायों को सौंपेगा। नगरीय निकाय चिह्नित भूमि में आवश्यक विकास कार्य करेंग।
डेयरी विस्थापन नीति में नगरीय विकास एवं आवास विभाग सहित नगरीय निकाय, पशुधन विभाग, राजस्व विभाग, मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी और वाणिज्यिक कर विभाग की भूमिका शामिल की गई है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग डेयरी संचालकों को देने के लिए जमीन नगरीय निकायों को सौंपेगा। नगरीय निकाय चिह्नित भूमि में आवश्यक विकास कार्य करेंग।
नगरीय क्षेत्र से बाहर जाने के आदेश
साथ ही डेयरी संचालकों को नगरीय क्षेत्र से बाहर जाने के आदेश करेंगे। तय अवधि में नगर से बाहर न जाने वाले डेयरियों के पशुओं को जब्त करेंगे। पशुधन विभाग व्यवस्थापन में सहायता करेगा। साथ ही व्यवस्थापन स्थल पर पशुओं की जांच और उपचार की समुचित व्यवस्था करेगा। राजस्व विभाग आवश्यक भूमि उपलब्ध कराएगा। बिजली विभाग संबंधित स्थल पर विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराएगा।
साथ ही डेयरी संचालकों को नगरीय क्षेत्र से बाहर जाने के आदेश करेंगे। तय अवधि में नगर से बाहर न जाने वाले डेयरियों के पशुओं को जब्त करेंगे। पशुधन विभाग व्यवस्थापन में सहायता करेगा। साथ ही व्यवस्थापन स्थल पर पशुओं की जांच और उपचार की समुचित व्यवस्था करेगा। राजस्व विभाग आवश्यक भूमि उपलब्ध कराएगा। बिजली विभाग संबंधित स्थल पर विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराएगा।