scriptदलित महिला ने आत्महत्या नहीं की, पेट्रोल डालकर दबंगों ने दिया था फूंक | Dalit woman burnt alive in satna | Patrika News

दलित महिला ने आत्महत्या नहीं की, पेट्रोल डालकर दबंगों ने दिया था फूंक

locationसतनाPublished: Jul 25, 2019 05:07:12 pm

Submitted by:

suresh mishra

– महिला के बच्चों ने आइजी व डीआइजी के सामने सुनाई कहानी- सड़क पर पेट्रोल डालकर माचिस से आग लगाया – एसडीओपी को पुन: बयान लेने के निर्देश

Dalit woman burnt alive in satna

Dalit woman burnt alive in satna

सतना। नागौद के गिंजारा गांव में महिला की आग से झुलस के मौत मामले में नया मोड़ आ गया है और थाना पुलिस सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। जो अपनी हर चूक को झूठ से ढंकने पर आमादा है।
बच्चों की बयान को भी गलत ढंग से पेश किया गया। पूरे मामले की हकीकत ये है कि मारपीट से दुखी होकर आदिवासी महिला ने आत्महत्या हत्या नहीं की। बल्कि जमीन विवाद के चलते दबंगों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी। जिससे गंभीर रूप से जली महिला की अस्पताल में मौत हो गई।
बुधवार को आइजी, डीआइजी व एसपी के समक्ष मृतिका के बच्चों ने पूरी कहानी सुनाई। जिसके बाद हड़कंप मच गया। आला अधिकारियों ने एसडीओपी को पुन: बच्चों व परिजनों के बयान दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। सवाल अब भी खड़ा है कि क्या सतना पुलिस ईमानदारी से कर्तव्य निभाएगी या फिर अपनी गर्दन बचाने के लिए विगत दो दिन की तरह ही लिपापोती करेगी।
आईजी पहुंचे घटनास्थल

उल्लेखनीय है, पूरी वारदात को गंभीरता से लेते हुए बुधवार शाम करीब तीन बजे आइजी चंचल शेखर, डीआइजी अविनाश शर्मा गिंजारा गांव पहुंचे। जहां उन्होंने परिजनों, ग्रामीणों से वारदात के संबंध में चर्चा की। इसी दौरान मृत आदिवासी महिला के बच्चों से आइजी चंचल शेखर ने सवाल जवाब किया। तो बच्चों ने बताया कि आरोपी पेट्रोल घर से लेकर आए थे।
बच्चों के बयान पर फोकस करने को कहा

विवाद जब बढ़ा, तो उन्होंने मम्मी के ऊपर तेल डाल दिया और आग लगा दी। मम्मी घर की ओर भागी, लेकिन वो पूरी तरह से आग में जल रही थी। वारदात रोड के पास हुई, मम्मी ने खुद आग नहीं लगाया। इस बात को आइजी ने घूमा-घूमाकर पूछा, जिस पर बच्चे अड़े रहे। आइजी ने एसडीआपी रविशंकर पांडेय को परिजनों के पुन: बयान लेने के निर्देश दिए। बच्चों के बयान पर फोकस करने को कहा।
पटवारी पर गंभीर आरोप
बच्चों ने महिला पटवारी पर भी गंभीर आरोप लगाया। विवाद होता रहा और पटवारी दूर बैठकर देखती रहीं। बच्चों की माने, तो पटवारी ने बच्चों को डराने का काम भी किया। पहले चॉकलेट व समोसे का लालच दिया, फिर कहा कि हट जाओ नहीं तो डंडा मारेंगे।
हर सूचना की जांच की जाए
पूरे मामले में सूचना देने में देरी का मामला भी सामने आया। वारदात के २४ घंटे बाद तक एसडीओपी, एसपी, डीआइजी व आइजी को थाना पुलिस ने सूचना नहीं दी थी। वहीं पटवारी का कहना है कि उन्होंने डॉयल 100 को सूचना दी थी। आइजी चंचल शेखर ने जांच करने को कहा है कि कब सूचना डॉयल 100 को मिली, कब टीम मौके पर पहुंची। सूचना में देरी क्यों हुई, इन सभी बिंदुओं की जांच की जाए।
धारा व आरोपी बढ़ेंगे
आइजी के सामने ग्रामीण व परिजनों ने अन्य लोगों के वारदात में शामिल होने की बात कही। जिसको लेकर आइजी ने जांच करते हुए अन्य आरोपियों के नाम दर्ज करने व धाराओं को बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं।
स्कूल में लगाई चौपाल
मौके पर ग्रामीणों व परिजनों से चर्चा करने के बाद आइजी व डीआइजी ने स्कूल के सामने ही चौपाल लगाई। जिसमें ग्रामीणों से क्षेत्र की अन्य समस्याओं को लेकर पूछताछ की। साथ ही हर जानकारी पुलिस से साझा करने के निर्देश दिए।
सवालों में अधिकारी
इस पूरे मामले में जिले के आला अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। लगातार लापरवाही सामने आने के बाद भी एसपी ने थाना प्रभारी को निलंबित नहीं किया। बल्कि, थाना प्रभारी बदलते हुए संरक्षण देने का प्रयास किया गया। एसपी रामनगर कांड में भी ऐसा ही किए थे। कोलगवां व रामपुर थाना प्रभारी की लापरवाही उन्हे दिखती ही नहीं है।
अपनी गर्दन बचा रहे अधिकारी
घटना को लेकर महिला के बयान का वीडियो वॉयरल हुआ। उसे नजर अंदाज कर दिया गया। वहीं ग्रामीण व बच्चों के बयान को अपने सुविधानुसार बदलते हुए हत्या के पूरे मामले को आत्महत्या के लिए प्रेरीत करने में बदल दिया गया। ये पूरा खेल अधिकारियों ने अपनी गर्दन बचाने के लिए की। ताकि आदिवासी महिला को जलाकर मार डालने का बड़ा मुद्दा न बन सके।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो