सतना

व्यापारी को अगवा करने से पहले MP पुलिस ने 3 गुर्गों को दबोचा, 5.30 लाख के इनामी डकैत के लिए कर रहे थे काम

पैसा कमाने युवाओं को बबुली ने बनाया था मोहरा, दो दिन बाद वारदात को अंजाम देने वाले थे आरोपी, सतना पुलिस को मिली बड़ी सफलता

सतनाJun 12, 2018 / 07:11 pm

Dhirendra Gupta

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सतना। मप्र और उप्र के सीमाई इलाकों में सक्रिय साढ़े पांच लाख के इनामी डकैत बबुली कोल ने युवाओं को मोहरा बनाकर अपहरण करने का टारगेट दिया था। ठीक दो दिन बाद बस स्टैण्ड सतना पर पान की दुकान लगाने वाले एक व्यापारी को अगवा करने की साजिश भी रच ली गई। इसकी भनक पुलिस महानिरीक्षक उमेश जोगा को अपने सूचना तंत्र से मिला तो पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर को खबर दी गई। एसपी हिंगणकर ने एक मजबूत पुलिस टीम गठित करते हुए उसे काम पर लगाया। इस टीम ने तेजी सक्रियता दिखाते हुए बबुली के गुर्गों को दबोच लिया। मंगलवार को पुलिस कप्तान हिंगणकर ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया।
यह आरोपी पकड़े गए
एसपी ने बताया कि पुलिस टीम ने अपने तंत्र की मदद से आरोपी राजेश कुमार कोल पुत्र कामता प्रसाद कोल (38) निवासी डोडामाफी थाना मारकुण्डी उत्तरप्रदेश, छोटू उर्फ नारायण गुप्ता पुत्र विजय कुमार गुप्ता (21) निवासी वीरपुर थाना धारकुण्डी व विनय कुमार सेन पुत्र शिवकुमार सेन (26) निवासी नई बस्ती थाना कोलगवां जिला सतना को गिरफ्तार किया गया है। इनसे एक 315 बोर का देशी कट्टा, दो नग जिंदा कारतूस, दो नग चाकू, तीन मोबाइल फोन एवं कुल 4500 रुपए नकद जब्त किए गए हैं।
इस टीम को मिली कामयाबी
अपहरण की योजना बना रहे छोटू, राजेश और विनय का सटीक लोकेशन मिलने पर पुलिस ने इन्हें वीरपुर से ही पकड़ लिया। इनकी योजना थी कि वीरपुर में मिलने के बाद हथियार और दवा के साथ सतना पहुंचेंगे। इस ऑपरेशन में एडिशनल एसपी आरएस प्रजापति, एसडीओपी चित्रकूट, सायबर सेल प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र कुमार पटेल, थाना प्रभारी बरौंधा खेम सिंह पेन्द्रो, थाना प्रभारी कोठी ओपी सिंह, थाना प्रभारी धारकुण्डी राजेन्द्र तिवारी की अहम भूमिका रही।
कार, हथियार और दवा
अपहरण की वारदात को अंजाम देने के लिए एक कार, सुरक्षा के लिए हथियार और टारगेट को बेहोश करने के लिए दवा चाहिए थे। छोटू और विनय जब बोलेरा जीप बुक करने गए तो भाड़ा सात हजार रुपए मांगा गया। इसके लिए छोटू ने लवलेश से बात की और सौदा तय करने चल दिया। अभी बेहोश करने के लिए दवा की कमी थी। छोटू ने दवा के लिए लवलेश और बबुली से कहा तो उन्होंने फोन पर ज्यादा बात न करते हुए मिलने बुलाया। योजना थी कि व्यापारी को अगवा करने के बाद बेहोश कर डोडामाफी के जंगल में बबुली के सुपुर्द कर दिया जाएगा। इसके बाद डकैत ही फिरौती लेकर छोटू और उसके साथियों को हिस्सा पहुंचा देगा।
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