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हत्या या हादसा: मंदिर से लापता साधु का झाडि़यों में मिला शव

locationसतनाPublished: Nov 12, 2019 12:56:00 pm

Submitted by:

Dhirendra Gupta

फॉरेंसिक टीम के साथ जांच करने पहुंचे एडिशन एसपी, चार दिन से लापता रहे साधु का शव मिलने से सनसनी, स्थानीय लागों को हत्या की आशंका

Dead body of sadhu found in temple

Dead body of sadhu found in temple

सतना. अमदरा थाना के घुनवारा स्थित खेमाई मंदिर से चार दिन पहले लापता हुए साधु का शव डेढ़ किमी दूर रेलवे ट्रैक किनारे झाडि़यों में मिला है। सोमवार की दोपहर शव मिलने की खबर पाते ही इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस पहुंचती इसके पहले ही मौके पर भीड़ जमा हो चुकी थी। यह सूचना जिला मुख्यालय आई तो एडिशनल एसपी गौतम सोलंकी, एसडीओपी हेमंत शर्मा, फॉरेंसिक अधिकारी डॉ. महेन्द्र सिंह घटना स्थल पर पहुंचे। जहां साधु की गुमशुदगी और उनके रहन सहन के बारे में टीआई अरुण कुमार मर्सकोले से जानकारी जुटाते हुए आला अफसर बारीकी से जांच कार्रवाई में जुट गए।
रात को हुए थे लापता
घुनवारा के स्थानीय लोगों का कहना है कि 7 नबंवर की रात करीब 11 बजे तक साधु किशोरी दास उर्फ भण्डारी महाराज (80) को खेरमाई मंदिर परिसर में ही देखा गया। इसके बाद वह लापता हो गए। अगले दिन नजर नहीं आने पर आस पास तलाश की गई। रविवार को साधु के लापता होने की सूचना थाने में दर्ज कराई गई। इसके अगले दिन सोमवार की दोपहर एक चरवाहे ने गंध आने पर पास जाकर देखा तो शव नजर आया। खबर मिली कि बोरे में बंद शव मिला है। जब स्थानीय लोग और पुलिस पहुंची तो घुनवारा स्थित खेरमाई मंदिर से करीब डेढ़ किमी दूर रेलवे के किमी नंबर 1126/01 में अप ट्रैक किनारे झाडि़यों से साधु का शव बरामद हुआ।
मौत को हो चुके कई दिन
फॉरेंसिक जांच में यह बात सामने आई है कि साधु की मौत कुछ दिन पहले ही हो चुकी है। शव डिकम्पोज होने के बाद उसमें कीड़े लग चुके थे। मृतक के दाहिने अंग सिर, हाथ पैर में चोट के निशान मिले हैं। एेसे में पुलिस को आशंका है कि ट्रेन की टक्कर लगने से मृत्यु हुई होगी। उप्र के झांसी जिले के मऊरानीपुर इलाके में टोल गांव के रहने वाले भण्डारी महाराज के परिवार से जुड़े लोगों को सूचना भेजी गई है। ताकि परिवार के सदस्यों के आने पर पुलिस कार्रवाई आगे बढ़ सके।
आखिर क्यों जाएंगे ट्रैक की ओर
स्थानीय लोगों का कहना है कि खेरमाई मंदिर के मुख्य पुजारी जय प्रकाश तिवारी उर्फ सोनी महाराज हैं। जबकि साधु भण्डारी महाराज वर्ष 1991 में देवी प्रति स्थापना के बाद से ही अक्सर यहां रहने के लिए आते रहे हैं। कभी छह महीने तो कभी इससे जयादा या कुछ दिनों के लिए भण्डारी महाराज घुनवारा के खेमाई मंदिर आते थे। ग्र्रामीण बताते हैं कि वह किसी से रुपए पैसे भी नहीं लेते थे। गांव वाले जो सीधा दे जाते थे उसी का प्रसाद खा लेते थे। शौच जाने के लिए भी वह आस पास बने शौचालय का इस्तेमाल करते थे। एेसे में रात को रेलवे ट्रैक की ओर जाने का क्या जरूरत पड़ी?
दबी जुबान कई बातें
एडिशनल एसपी गौतम सोलंकी ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला ट्रेन से टक्कर लगने से मौत का समझ आ रहा है। पुलिस इसे हादसा मानकर आगे बढ़ रही है। लेकिन स्थानीय लोगों में हत्या आशंका चर्चा का विषय बनी हुई है। खेरमाई मंदिर और भण्डारी महाराज से जुड़े लोग आशंका तो जता रहे हैं लेकिन स्पष्ट नहीं कह पा रहे कि आखिर हत्या की वजह क्या हो सकती है। हालांकि पुलिस कुछ लोगों से पूछताछ करते हुए मामले की पड़ताल में जुटी है। ताकि हकीकत सामने आ सके।
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