जिनेश रिश्तेदारों के साथ गुजरात के भरूच में मजदूरी करता था। ५० दिन से ज्यादा समय तक भरूच में फंसे होने के बाद मंगलवार को बस से चला। बुधवार सुबह सागर पहुंचा था। सागर से सतना तक दूसरी बस से करीब २ बजे सतना पहुंचे। यहां सेंट्रल किचन के सामने बस ने सवारियों को उतार दिया था। जिनेश ममेरे भाई के साथ खाना लेने जा रहा था, उसी दौरान उचेत होकर गिर गया और कुछ देर बाद दम तोड़ दिया। उसके ममेरे भाई राजू रावत ने पुलिस को बताया कि जिनेश को टीबी की शिकायत थी।
पोस्टमार्टम नहीं कराया
पुलिस के मुताबिक युवक की मौत नेचुरल डेथ है। इसी के चलते पोस्टमार्टम नहीं कराया गया और एबुलेंस से उसका शव गांव भेज दिया गया। सिविल लाइन टीआई अर्चना द्विवेदी ने बताया कि मृत युवक के साथ जो लोग सफर कर रहे थे वे दूर के रिश्तेदार हैं। उनसे सिर्फ यही जानकारी मिली कि जिनेश टीबी का मरीज था, जिसका इलाज काफी दिनों से चल रहा था। हालांकि जिनेश की बीमारी संबंधित कोई दस्तावेज रिश्तेदार पेश नहीं कर पाए।
पुलिस के मुताबिक युवक की मौत नेचुरल डेथ है। इसी के चलते पोस्टमार्टम नहीं कराया गया और एबुलेंस से उसका शव गांव भेज दिया गया। सिविल लाइन टीआई अर्चना द्विवेदी ने बताया कि मृत युवक के साथ जो लोग सफर कर रहे थे वे दूर के रिश्तेदार हैं। उनसे सिर्फ यही जानकारी मिली कि जिनेश टीबी का मरीज था, जिसका इलाज काफी दिनों से चल रहा था। हालांकि जिनेश की बीमारी संबंधित कोई दस्तावेज रिश्तेदार पेश नहीं कर पाए।
मौत की जांच हो
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि दिनेश की मृत्यु की जांच होनी चाहिए। आश्चर्य की बात है कि हजारों किमी का सफर कर कोई व्यक्ति सतना पहुंच जाता है फिर अचानक उसकी मौत हो जाती है। एक ओर मुख्यमंत्री ट्वीट कर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को प्रदेश की व्यवस्था देखने की चुनौती देते हैं तो दूसरी ओर सरकार की अकर्मण्यता के कारण दिनेश रावत जैसे गरीब मजदूर दम तोड़ रहे हैं।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि दिनेश की मृत्यु की जांच होनी चाहिए। आश्चर्य की बात है कि हजारों किमी का सफर कर कोई व्यक्ति सतना पहुंच जाता है फिर अचानक उसकी मौत हो जाती है। एक ओर मुख्यमंत्री ट्वीट कर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को प्रदेश की व्यवस्था देखने की चुनौती देते हैं तो दूसरी ओर सरकार की अकर्मण्यता के कारण दिनेश रावत जैसे गरीब मजदूर दम तोड़ रहे हैं।
जनसहयोग से एम्बुलेंस की व्यवस्था
टीआई ने बताया कि जनसहयोग के माध्यम से एबुलेंस की व्यवस्था कर शव को चुरहट स्थित गांव भेज दिया गया। बताया गया कि मृतक के शव को ले जाने के लिए निजी एबुलेंस चालक दस हजार रुपए की मांग कर रहे थे। बाद में फिर पुलिस ने जन सहयोग से एबुलेंस का इंतजाम किया।
टीआई ने बताया कि जनसहयोग के माध्यम से एबुलेंस की व्यवस्था कर शव को चुरहट स्थित गांव भेज दिया गया। बताया गया कि मृतक के शव को ले जाने के लिए निजी एबुलेंस चालक दस हजार रुपए की मांग कर रहे थे। बाद में फिर पुलिस ने जन सहयोग से एबुलेंस का इंतजाम किया।