श्रमिकों ने लगाए वित्तीय अनियमितता के आरोप
बताया गया, सतना सीमेंट में करीब 3 हजार ठेका श्रमिक काम करते हैं। इसमें से अधिकतर उप्र व बिहार क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन श्रमिकों के अक्टूबर माह के वेतन का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। इसके लिए वे अपनी ठेका कंपनी से बात करते रहे। उधर, कंपनी के अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ लेते थे कि कंपनी की ओर से कोई भुगतान नहीं हुआ है। लिहाजा, वे वेतन का भुगतान नहीं कर पा रहे। श्रमिकों के लिए स्थिति और ज्यादा खराब हो गई। कारण था कि दीपावली व छठ जैसे त्योहार नवंबर माह में पड़ गए। इससे कंपनी के प्रति नाराजगी बढ़ती गई।
बताया गया, सतना सीमेंट में करीब 3 हजार ठेका श्रमिक काम करते हैं। इसमें से अधिकतर उप्र व बिहार क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन श्रमिकों के अक्टूबर माह के वेतन का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। इसके लिए वे अपनी ठेका कंपनी से बात करते रहे। उधर, कंपनी के अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ लेते थे कि कंपनी की ओर से कोई भुगतान नहीं हुआ है। लिहाजा, वे वेतन का भुगतान नहीं कर पा रहे। श्रमिकों के लिए स्थिति और ज्यादा खराब हो गई। कारण था कि दीपावली व छठ जैसे त्योहार नवंबर माह में पड़ गए। इससे कंपनी के प्रति नाराजगी बढ़ती गई।
शीर्ष प्रबंधन कर रहा मनमानी
गुरुवार सुबह 8 बजे जब शिफ्ट चेंज होने की बात चल रही थी, तभी श्रमिकों में वेतन न मिलने की बात शुरू हो गई और देखते ही देखते गुस्सा भड़क गया। श्रमिक नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। यह सिलसिला करीब ४ घंटे तक चला। इस दौरान शीर्ष प्रबंधन की ओर से कोई नहीं आया। उसके बाद ठेका कंपनी के लोग पहुंचे और श्रमिकों को समझाकर काम पर वापस किए। उसके बाद प्रबंधन का ९ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन पहुंचाया गया। जिसे स्वीकार करते हुए विचार किया जा रहा है।
गुरुवार सुबह 8 बजे जब शिफ्ट चेंज होने की बात चल रही थी, तभी श्रमिकों में वेतन न मिलने की बात शुरू हो गई और देखते ही देखते गुस्सा भड़क गया। श्रमिक नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। यह सिलसिला करीब ४ घंटे तक चला। इस दौरान शीर्ष प्रबंधन की ओर से कोई नहीं आया। उसके बाद ठेका कंपनी के लोग पहुंचे और श्रमिकों को समझाकर काम पर वापस किए। उसके बाद प्रबंधन का ९ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन पहुंचाया गया। जिसे स्वीकार करते हुए विचार किया जा रहा है।
सीमेंट क्लिंकर बेचने का आरोप
श्रमिकों ने कंपनी के शीर्ष प्रबंधन पर क्लिंकर बेचने के आरोप भी लगाए। उनका कहना था कि आला अधिकारियों ने दूसरी कंपनी को क्लिंकर व सीमेंट ऊपर ही ऊपर बेच दिया। प्रोडक्शन व टैक्स में अंतर आने के बाद कंपनी मुख्यालय ने जवाब मांगा, तो अधिकारी इस्तीफा देकर फरार हो गए। लेकिन, कंपनी प्रबंधन की ओर से आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया। उनका कहना है कि किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता नहीं है।
श्रमिकों ने कंपनी के शीर्ष प्रबंधन पर क्लिंकर बेचने के आरोप भी लगाए। उनका कहना था कि आला अधिकारियों ने दूसरी कंपनी को क्लिंकर व सीमेंट ऊपर ही ऊपर बेच दिया। प्रोडक्शन व टैक्स में अंतर आने के बाद कंपनी मुख्यालय ने जवाब मांगा, तो अधिकारी इस्तीफा देकर फरार हो गए। लेकिन, कंपनी प्रबंधन की ओर से आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया। उनका कहना है कि किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता नहीं है।