छात्रों को मिली धमकी
घटना के संबंध में प्राचार्य को जो आवेदन दिया गया है उसके अनुसार कालेज के गेट पर अध्यक्ष द्वारा कुछ बाहरी तत्वों को बुलाकर कालेज के छात्रों को धमकियां दिलवाई गईं। अध्यक्ष की ओर से अजय परिहार, अलोक पयासी सहित दर्जन भर बाहरी तत्वों ने कालेज के छात्रों को धमकियां दी और मारपीट की कोशिश की। यह भी बताया गया है कि इसी दौरान अभाविप के नगर मंत्री अंकित तिवारी जब कालेज जा रहे थे तो अध्यक्ष के इशारे पर इन लोगों ने मारपीट की और जिला संयोजक अजय द्विवेदी सहित अन्य छात्रों को जान से मारने की धमकी भी दी गई। घटना के बाद अंकित सहित अन्य छात्र घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचे तो अध्यक्ष भी वहां पहुंच गई और गंभीर धाराओं में दूसरे पक्ष पर प्रकरण दर्ज करने का दबाव बनाया। लेकिन पुलिस ने छात्रों के कैरियर को देखते हुए दोनों पक्ष को समझाइश देते हुए मामला रफा दफा करवाया।
घटना के संबंध में प्राचार्य को जो आवेदन दिया गया है उसके अनुसार कालेज के गेट पर अध्यक्ष द्वारा कुछ बाहरी तत्वों को बुलाकर कालेज के छात्रों को धमकियां दिलवाई गईं। अध्यक्ष की ओर से अजय परिहार, अलोक पयासी सहित दर्जन भर बाहरी तत्वों ने कालेज के छात्रों को धमकियां दी और मारपीट की कोशिश की। यह भी बताया गया है कि इसी दौरान अभाविप के नगर मंत्री अंकित तिवारी जब कालेज जा रहे थे तो अध्यक्ष के इशारे पर इन लोगों ने मारपीट की और जिला संयोजक अजय द्विवेदी सहित अन्य छात्रों को जान से मारने की धमकी भी दी गई। घटना के बाद अंकित सहित अन्य छात्र घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचे तो अध्यक्ष भी वहां पहुंच गई और गंभीर धाराओं में दूसरे पक्ष पर प्रकरण दर्ज करने का दबाव बनाया। लेकिन पुलिस ने छात्रों के कैरियर को देखते हुए दोनों पक्ष को समझाइश देते हुए मामला रफा दफा करवाया।
बन रही बड़े विवाद की स्थिति
पूरे मामले में सबसे बड़ी लापरवाही कालेज प्रबंधन की मानी जा रही है। छात्रों का कहना है कि कालेज प्रबंधन जान बूझ कर मामले में चुप्पी साधे हुए है। इस वजह से यहां आए दिन विवाद की स्थितियां बन रही हैं। टीआई कोलगवां हेमंत विष्णु बर्वे ने बताया कि डिग्री कालेज के दोनों पक्ष थाने आए थे। छात्रों का आपसी विवाद था। दोनों पक्षों ने थाने में आपसी समझौता कर लिया है।
पूरे मामले में सबसे बड़ी लापरवाही कालेज प्रबंधन की मानी जा रही है। छात्रों का कहना है कि कालेज प्रबंधन जान बूझ कर मामले में चुप्पी साधे हुए है। इस वजह से यहां आए दिन विवाद की स्थितियां बन रही हैं। टीआई कोलगवां हेमंत विष्णु बर्वे ने बताया कि डिग्री कालेज के दोनों पक्ष थाने आए थे। छात्रों का आपसी विवाद था। दोनों पक्षों ने थाने में आपसी समझौता कर लिया है।
अभाविप में दो फांक की स्थिति
बताया जा रहा है कि छात्रसंघ चुनाव के दौरान अध्यक्ष अभाविप कोटे से चुनाव मैदान में रहीं और जीत के बाद अभाविप ने अपना अध्यक्ष बताया। वहीं इस विवाद में दूसरा पक्ष भी अब अभाविप से जुड़ा हुआ है। ऐसे में इस मामले में अगर अभाविप के वरिष्ठ दखल नहीं देते हैं तो जिले के अग्रणी महाविद्यालय में ही अभाविप दो फांक होने की कगार पर पहुंच गई है।
बताया जा रहा है कि छात्रसंघ चुनाव के दौरान अध्यक्ष अभाविप कोटे से चुनाव मैदान में रहीं और जीत के बाद अभाविप ने अपना अध्यक्ष बताया। वहीं इस विवाद में दूसरा पक्ष भी अब अभाविप से जुड़ा हुआ है। ऐसे में इस मामले में अगर अभाविप के वरिष्ठ दखल नहीं देते हैं तो जिले के अग्रणी महाविद्यालय में ही अभाविप दो फांक होने की कगार पर पहुंच गई है।
अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी
जिस तरीके से कुछ दिनों में डिग्री कालेज में माहौल विवादित हुआ है उसको लेकर अब छात्र इस बात पर एक मत होने लगे हैं कि अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए। इस मामले में अभाविप और एनएसयूआई दोनों गुटों के छात्र शामिल हैं। छात्रसंघ प्रभारी से भी इस मामले में चर्चा और नियमों की जानकारी लेने के लिये संपर्क किया जाने लगा है। कुल मिला कर डिग्री कालेज के माहौल तनाव चरम पर पहुंच चुका है।
जिस तरीके से कुछ दिनों में डिग्री कालेज में माहौल विवादित हुआ है उसको लेकर अब छात्र इस बात पर एक मत होने लगे हैं कि अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए। इस मामले में अभाविप और एनएसयूआई दोनों गुटों के छात्र शामिल हैं। छात्रसंघ प्रभारी से भी इस मामले में चर्चा और नियमों की जानकारी लेने के लिये संपर्क किया जाने लगा है। कुल मिला कर डिग्री कालेज के माहौल तनाव चरम पर पहुंच चुका है।