ये भी पढ़ें: हवलदार को फोन कर सिपाही बोला एसपी बोल रहा हूं, फिर टीआई को दी गाली, तो पुलिस ने पकड़कर भेजा जेल हालात यह रहे कि तय समय पर महज दो-तीन लोग ही मौजूद थे। जैसे ही सिटी मजिस्ट्रेट की दबिश की खबर अधिकारियों-कर्मचारियों को मिली, आनन फानन सभी पहुंचने लगे। हालांकि विलंब से आने वालों की उपस्थिति तो सिटी मजिस्ट्रेट ने दर्ज कर ली पर 10.50 बजे वे उपस्थिति पंजी लेकर कार्यालय से चली गईं।
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सिटी मजिस्ट्रेट संस्कृति शर्मा 10.30 बजे डीईओ कार्यालय पहुंचीं और उपस्थिति पंजी लेकर डीईओ कक्ष में बैठ गईं। उन्होंने कार्यालय में मौजूद स्टाफ से पेंसिल मांगी लेकिन शिक्षाधिकारी कार्यालय में नहीं मिली। बहरहाल इस दौरान कुछ लोग आ गए तो उनसे पंजी पर हस्ताक्षर करवा लिए। इसके बाद डीईओ कार्यालय से निरीक्षण के संबंध में फोन लगाए जाने लगे। आनन-फानन भागते हुए अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे। 10.50 तक यह सिलसिला जारी रहा। इसके बाद सभी को अनुपस्थित मान लिया गया। सहायक संचालक एनके सिंह सहित एडीपीसी गिरीश अग्निहोत्री भी समय पर नहीं पहुंचे थे। सिटी मजिस्ट्रेट को बताया गया कि कुल 30 कर्मचारियों के स्टाफ में 2 निलंबित, एक मेडिकल लीव पर तथा एक क्रीड़ा प्रतियोगिता में भेजा गया है। इसके बाद 9 लोग अनुपस्थित हैं।
सिटी मजिस्ट्रेट संस्कृति शर्मा 10.30 बजे डीईओ कार्यालय पहुंचीं और उपस्थिति पंजी लेकर डीईओ कक्ष में बैठ गईं। उन्होंने कार्यालय में मौजूद स्टाफ से पेंसिल मांगी लेकिन शिक्षाधिकारी कार्यालय में नहीं मिली। बहरहाल इस दौरान कुछ लोग आ गए तो उनसे पंजी पर हस्ताक्षर करवा लिए। इसके बाद डीईओ कार्यालय से निरीक्षण के संबंध में फोन लगाए जाने लगे। आनन-फानन भागते हुए अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे। 10.50 तक यह सिलसिला जारी रहा। इसके बाद सभी को अनुपस्थित मान लिया गया। सहायक संचालक एनके सिंह सहित एडीपीसी गिरीश अग्निहोत्री भी समय पर नहीं पहुंचे थे। सिटी मजिस्ट्रेट को बताया गया कि कुल 30 कर्मचारियों के स्टाफ में 2 निलंबित, एक मेडिकल लीव पर तथा एक क्रीड़ा प्रतियोगिता में भेजा गया है। इसके बाद 9 लोग अनुपस्थित हैं।
चपरासी तक समय पर नहीं आते
सामान्य तौर पर कार्यालयीन व्यवस्था यह होती है कि अधिकारी-कर्मचारियों के पहले चपरासी दफ्तर पहुंच कर साफ सफाई सहित अन्य व्यवस्थाएं तय करते हैं। डीईओ कार्यालय में अराजकता की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां 3 चपरासी समय पर उपस्थित नहीं हो सके।
सामान्य तौर पर कार्यालयीन व्यवस्था यह होती है कि अधिकारी-कर्मचारियों के पहले चपरासी दफ्तर पहुंच कर साफ सफाई सहित अन्य व्यवस्थाएं तय करते हैं। डीईओ कार्यालय में अराजकता की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां 3 चपरासी समय पर उपस्थित नहीं हो सके।
ये मिले अनुपस्थित
टीपी सिंह डीईओ, अंजनी तिवारी सहायक ग्रेड 2, शहाबुद्दीन खान लेखापाल, सुखलाल प्रजापति वरिष्ठ लेखा परीक्षक, रत्नेश सोनी सहायक ग्रेड 3, सुनील निगम व्याख्याता अटैच रमसा सहित कमल रैकवार भृत्य, शिवकिशोर गर्ग भृत्य, शिवधारी प्रसाद कोल भृत्य अनुपस्थित पाए गए। इनका प्रतिवेदन कलेक्टर को दिया गया है। कार्रवाई के बाद अपनी सफाई देने अंजनी तिवारी और सुनील निगम सिटी मजिस्ट्रेट के पास पहुंचे थे, जिन्हें सिटी मजिस्ट्रेट ने चलता कर दिया।
टीपी सिंह डीईओ, अंजनी तिवारी सहायक ग्रेड 2, शहाबुद्दीन खान लेखापाल, सुखलाल प्रजापति वरिष्ठ लेखा परीक्षक, रत्नेश सोनी सहायक ग्रेड 3, सुनील निगम व्याख्याता अटैच रमसा सहित कमल रैकवार भृत्य, शिवकिशोर गर्ग भृत्य, शिवधारी प्रसाद कोल भृत्य अनुपस्थित पाए गए। इनका प्रतिवेदन कलेक्टर को दिया गया है। कार्रवाई के बाद अपनी सफाई देने अंजनी तिवारी और सुनील निगम सिटी मजिस्ट्रेट के पास पहुंचे थे, जिन्हें सिटी मजिस्ट्रेट ने चलता कर दिया।
कक्षा में सोने वाले शिक्षक पर आज तक नहीं हो सकी कार्रवाई
शिक्षा विभाग में गड़बड़झाले और मनमानी पर किस तरह से पर्दा डाला जाता है, उसका सीधा उदाहरण चुनहा प्राथमिक शाला में स्कूल समय पर कक्षा में सोते मिले शिक्षक सुवेन्द्र सिंह का है। संभागायुक्त और कलेक्टर के निर्देश के बाद भी संबंधित पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जो मामला स्पष्ट नजर आ रहा है उस पर भी जांच के नाम पर दोषी शिक्षक को बचाने का खेल किया जा रहा है। जबकि संबंधित प्राचार्य डीईओ के वाट्सअप ग्रुप पर स्पष्ट तौर पर संबंधित शिक्षक की मनमानी का उल्लेख कर चुके हैं।
शिक्षा विभाग में गड़बड़झाले और मनमानी पर किस तरह से पर्दा डाला जाता है, उसका सीधा उदाहरण चुनहा प्राथमिक शाला में स्कूल समय पर कक्षा में सोते मिले शिक्षक सुवेन्द्र सिंह का है। संभागायुक्त और कलेक्टर के निर्देश के बाद भी संबंधित पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जो मामला स्पष्ट नजर आ रहा है उस पर भी जांच के नाम पर दोषी शिक्षक को बचाने का खेल किया जा रहा है। जबकि संबंधित प्राचार्य डीईओ के वाट्सअप ग्रुप पर स्पष्ट तौर पर संबंधित शिक्षक की मनमानी का उल्लेख कर चुके हैं।
…तो कहां थे डीईओ
डीईओ कार्यालय में चर्चा रही कि डीईओ क्रीड़ा प्रतियोगिता के कार्यक्रम का जायजा लेने गए हुए हैं। लेकिन मामले में जब जिला क्रीड़ा अधिकारी मीना त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि डीईओ 12 बजे तक यहां नहीं पहुंचे थे। अब गेंद कलेक्टर के पाले में है कि वे अनुपस्थिति पर कैसी गंभीरता दिखाते हैं।
डीईओ कार्यालय में चर्चा रही कि डीईओ क्रीड़ा प्रतियोगिता के कार्यक्रम का जायजा लेने गए हुए हैं। लेकिन मामले में जब जिला क्रीड़ा अधिकारी मीना त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि डीईओ 12 बजे तक यहां नहीं पहुंचे थे। अब गेंद कलेक्टर के पाले में है कि वे अनुपस्थिति पर कैसी गंभीरता दिखाते हैं।