दूषित आटे की बन रहीं रोटियां
निरीक्षण में मिला कि राशन दुकान से दीनदयाल रसोई को जो गेहूं आवंटित किया जाता है, रसोई ठेकेदार उसे बिना धुले और साफ कराए सीधे चक्की भेज देता है। महापौर ने राशन के गेहूं की बोरी खुलवा कर उसकी गुणवत्ता परखी तो गेहूं में कचरा और मिट्टी मिली। इस पर ठेका कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि दूषित गेहूं की रोटी खिलाने से यदि कोई बीमार हो गया तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने कर्मचारियों को गेहूं की ग्रेडिंग कराने के बाद उसकी पिसाई कराने के निर्देश दिए।
एक साल से बंद मशीन
निरीक्षण में मिला कि राशन दुकान से दीनदयाल रसोई को जो गेहूं आवंटित किया जाता है, रसोई ठेकेदार उसे बिना धुले और साफ कराए सीधे चक्की भेज देता है। महापौर ने राशन के गेहूं की बोरी खुलवा कर उसकी गुणवत्ता परखी तो गेहूं में कचरा और मिट्टी मिली। इस पर ठेका कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि दूषित गेहूं की रोटी खिलाने से यदि कोई बीमार हो गया तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने कर्मचारियों को गेहूं की ग्रेडिंग कराने के बाद उसकी पिसाई कराने के निर्देश दिए।
एक साल से बंद मशीन
निगम प्रशासन की ओर से दीनदयाल रसोई में एक लाख रुपए की रोटी मेकर मशीन लगवाई गई थी, जो लगने के एक माह बाद ही खराब हो गई। पूर्व निगमायुक्त प्रवीण सिंह अढ़ायच ने निरीक्षण करते हुए मशीन की मरम्मत कराने के निर्देश दिए थे। छह माह बीतने के बाद भी मशीन की मरम्मत नहीं हो सकी।