ये भी पढ़ेें: डायरिया: दूषित पानी पीने से 9 मरीज गंभीर, जमीन पर हो रहा पीडि़तों का इलाज तीन की हालत नाजुक बनी है। वहीं दोपहर में डायरिया ( diarrhea )के कहर की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य महकमे में हड़कम्प मच गया। बीमारी नियंत्रण के नाम पर आनन-फानन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से टीम भेजी गई, जो गांव के अन्य पीडि़तों की सामान्य जांच कर ओआरएस का पैकट पकड़ा कर वापस लौट आई। ग्रामीणों को दवाइयां तक नहीं दी गईं।
ये भी पढ़ेें: ग्रामीण क्षेत्रों में उल्टी-दस्त का कहर, स्वास्थ्य अमला बेखबर ये है मामला
ग्रामीणों ने बताया, आदिवासी बहुल मोहल्ला नागेंद्र नगर में पिछले कई दिनों से उल्टी-दस्त के पीडि़त सामने आ रहे थे। 5-6 सितंबर की रात अचानक दो दर्जन से अधिक लोगों को बीमारी ने घेर लिया। लगातार उल्टी-दस्त से अनीता कोल (16) पिता गिरवर कोल और बेबी कोल (25) पति किशोरी कोल की गुरुवार की देररात हालत नाजुक हो गई। दोनों को शुक्रवार की दोपहर इलाज नहीं मिल पाया। इसके चलते दोनों ने दम तोड़ दिया।
ग्रामीणों ने बताया, आदिवासी बहुल मोहल्ला नागेंद्र नगर में पिछले कई दिनों से उल्टी-दस्त के पीडि़त सामने आ रहे थे। 5-6 सितंबर की रात अचानक दो दर्जन से अधिक लोगों को बीमारी ने घेर लिया। लगातार उल्टी-दस्त से अनीता कोल (16) पिता गिरवर कोल और बेबी कोल (25) पति किशोरी कोल की गुरुवार की देररात हालत नाजुक हो गई। दोनों को शुक्रवार की दोपहर इलाज नहीं मिल पाया। इसके चलते दोनों ने दम तोड़ दिया।
ये भी पढ़ेें: हरिहरपुर में डायरिया से एक मासूम की मौत, कई बीमार पीड़ितों को सीएचसी नागौद भेजा डायरिया से मौत की जानकारी लगने पर सीएचसी उचेहरा का एक चिकित्सक अपने दो-तीन कर्मचारियों के साथ गांव पहुंचा। वहां ग्रामीणों के सामान्य चेकअप में दो दर्जन से पीडि़त सामने आए। इनमें से आधा दर्जन पीडि़त हीरामन आदिवासी, अंजली आदिवासी पति राजेश आदिवासी, कुसुम आदिवासी पति रिंकु, फूलवती पति बृजेश, कौशल्या पति लालजी, रामभजन आदिवासी की हालत गंभीर थी। इसके अलावा आधा दर्जन से अधिक बच्चे भी गंभीर मिले। आनन-फानन सभी पीडि़तों को सीएचसी नागौद भेजा गया।
पानी के सैंपल बुलाए
डीएचओ डॉ. चरण सिंह ने बताया कि बीमारी की वजह पता करने के लिए गांव से उल्टी-दस्त और पानी के सैंपल बुलाए गए हैं। उनका जिला अस्पताल स्थित नैदानिक केंद्र में कल्चर परीक्षण किया जाएगा। कुलगढ़ी के मेडिकल ऑफिसर को श्यामनगर नाइट विजिट करने के निर्देश दिए हैं। जिलास्तरीय रैपिड एक्शन टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है। आउट ब्रेक की सूचना मिलते ही टीम को गांव के लिए रवाना कर दिया जाएगा।
डीएचओ डॉ. चरण सिंह ने बताया कि बीमारी की वजह पता करने के लिए गांव से उल्टी-दस्त और पानी के सैंपल बुलाए गए हैं। उनका जिला अस्पताल स्थित नैदानिक केंद्र में कल्चर परीक्षण किया जाएगा। कुलगढ़ी के मेडिकल ऑफिसर को श्यामनगर नाइट विजिट करने के निर्देश दिए हैं। जिलास्तरीय रैपिड एक्शन टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है। आउट ब्रेक की सूचना मिलते ही टीम को गांव के लिए रवाना कर दिया जाएगा।
कुएं के प्रदूषित पानी से फैली बीमारी
श्यामनगर के नागेंद्र नगर मोहल्ले में आदिवासी वर्ग के लोग निवास करते हैं। मोहल्ले में पेयजल का इकलौता साधन कुआं है। पांच हैंडपंप महीनों से बंद हैं। ग्रामीण मजबूरी में कुएं का पानी पी रहे थे। स्वास्थ्य विभाग और पीएचई द्वारा कुएं में दवा भी नहीं डाली गई थी। यही प्रदूषित पानी पीने से दो दर्जन से अधिक लोग डायरिया के शिकार हो गए।
श्यामनगर के नागेंद्र नगर मोहल्ले में आदिवासी वर्ग के लोग निवास करते हैं। मोहल्ले में पेयजल का इकलौता साधन कुआं है। पांच हैंडपंप महीनों से बंद हैं। ग्रामीण मजबूरी में कुएं का पानी पी रहे थे। स्वास्थ्य विभाग और पीएचई द्वारा कुएं में दवा भी नहीं डाली गई थी। यही प्रदूषित पानी पीने से दो दर्जन से अधिक लोग डायरिया के शिकार हो गए।