हालांकि होमगार्ड का दावा है कि जिले में यदि बाढ़ के हालात बने तो लोगों के बचाव के लिए पूरी तैयारी है। जिले के 23 थानों में से सिर्फ नागौद, मैहर, कोटर, नयागांव व रामनगर थानों के लिए बोट मौजूद हैं। बाकी थाना इलाकों में यदि बाढ़ के हालात बने तो जिला मुख्यालय से मदद आने तक रस्सा, कांटा-बिलैया व अन्य उपकरणों के भरोसे रेस्क्यू कार्य चलाना पड़ेगा।
उपकरणों के रखरखाव में लापरवाही
बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए भले ही होमगाड्र्स के जवान कमर कस चुके हैं, लेकिन जिन उपकरणों के भरोसे बचाव कार्य होने वाले हैं वे कुप्रबंधन के शिकार हैं। होमगार्ड के जिला कार्यालय स्थित स्टोर में उपकरणों के रखरखाव में लापरवाही बरती जा रही है। स्टोर में ज्यादातर उपकरण धूल खा रहे हैं। लाइफ जैकेट सहित साजो सामान के अन्य सामान व्यवस्थित नहीं हैं।
बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए भले ही होमगाड्र्स के जवान कमर कस चुके हैं, लेकिन जिन उपकरणों के भरोसे बचाव कार्य होने वाले हैं वे कुप्रबंधन के शिकार हैं। होमगार्ड के जिला कार्यालय स्थित स्टोर में उपकरणों के रखरखाव में लापरवाही बरती जा रही है। स्टोर में ज्यादातर उपकरण धूल खा रहे हैं। लाइफ जैकेट सहित साजो सामान के अन्य सामान व्यवस्थित नहीं हैं।
12 डीआरसी में तैनात किए गए 75 जवान
वर्ष 2016 की बाढ़ से सबक लेते हुए आपदा से निपटने होमगार्ड प्रशासन ने जिले में एक दर्जन डिजास्टर रेस्क्यू सेंटर बनाए हैं। इन सेंटरों में अब तक 75 जवान तैनात किए हैं जो संबंधित थानों से समन्वय स्थापित कर बाढ़ के दौरान फौरी तौर पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर देंगे। यदि किसी डीआरसी में बाढ़ की आपदा गंभीर होगी तो जिला स्तर से बैकअप दिया जाएगा। जिले में चित्रकूट, मझगवां, बिरसिंहपुर, सिंहपुर, मैहर, रामनगर, कोटर, रामपुर बाघेलान, नागौद, अमरपाटन, उचेहरा व ताला के डीआरसी कैम्पों में पूरे मानसूनी सीजन तक जवान तैनात रहेंगे।
वर्ष 2016 की बाढ़ से सबक लेते हुए आपदा से निपटने होमगार्ड प्रशासन ने जिले में एक दर्जन डिजास्टर रेस्क्यू सेंटर बनाए हैं। इन सेंटरों में अब तक 75 जवान तैनात किए हैं जो संबंधित थानों से समन्वय स्थापित कर बाढ़ के दौरान फौरी तौर पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर देंगे। यदि किसी डीआरसी में बाढ़ की आपदा गंभीर होगी तो जिला स्तर से बैकअप दिया जाएगा। जिले में चित्रकूट, मझगवां, बिरसिंहपुर, सिंहपुर, मैहर, रामनगर, कोटर, रामपुर बाघेलान, नागौद, अमरपाटन, उचेहरा व ताला के डीआरसी कैम्पों में पूरे मानसूनी सीजन तक जवान तैनात रहेंगे।
मॉकड्रिल में होमवर्क पूरा होने का दावा
जिले में बाढ़ जैसे हालातों पर लोगों की जान बचाने के लिए होमगार्ड के 157 जवानों ने अपना होमवर्क कर लिया है। होम गार्ड के अधिकारियों के मुताबिक जून में पांच दिन तक जवानों को गौरेया नदी में पूरे सामान सहित मॉकड्रिल कराई गई। विशेषज्ञों की निगरानी में जवानों को रेस्क्यू ऑपरेशन के गुरसिखाए गए। इस दौरान उपकरणों को भी जांच-परख कर दुरुस्त कर लिया।
जिले में बाढ़ जैसे हालातों पर लोगों की जान बचाने के लिए होमगार्ड के 157 जवानों ने अपना होमवर्क कर लिया है। होम गार्ड के अधिकारियों के मुताबिक जून में पांच दिन तक जवानों को गौरेया नदी में पूरे सामान सहित मॉकड्रिल कराई गई। विशेषज्ञों की निगरानी में जवानों को रेस्क्यू ऑपरेशन के गुरसिखाए गए। इस दौरान उपकरणों को भी जांच-परख कर दुरुस्त कर लिया।
हकीकत
– तैराक जवान- 150
– लाइफ जैकेट- 93
– इंफ्लाटेबल रबर बोट- 5 (एक बोट की क्षमता 6 व्यक्ति)
– फायबर बोट- 2 (एक बोट की क्षमता 10 व्यक्ति)
– 40 एचपी टू स्ट्रोक इंजन- 1
– 25 एचपी इंजन फोर स्ट्रोक- 6
– एअर प्रेशर पम्प-6
– ड्रैगन सर्च लाइट- 21
– सेल टार्च- 25
– एलईडी टार्च- 30
– टॉर्च वाले हेलमेट- 25
– नायलोन रस्सा- 5 (100 फीट)
– रोप लेडर- 1
– कांटा बिलैया- 5
– रिफ्लेक्टिव सेंट जैकेट- 40
– हैवी ड्यूटी वर्क ग्लव्ज-6
– मेगा फोन-6
– बोल्ट कटर- 1
– रोटरी हेमर ड्रिल- 4
– एंकर- 5
– तैराक जवान- 150
– लाइफ जैकेट- 93
– इंफ्लाटेबल रबर बोट- 5 (एक बोट की क्षमता 6 व्यक्ति)
– फायबर बोट- 2 (एक बोट की क्षमता 10 व्यक्ति)
– 40 एचपी टू स्ट्रोक इंजन- 1
– 25 एचपी इंजन फोर स्ट्रोक- 6
– एअर प्रेशर पम्प-6
– ड्रैगन सर्च लाइट- 21
– सेल टार्च- 25
– एलईडी टार्च- 30
– टॉर्च वाले हेलमेट- 25
– नायलोन रस्सा- 5 (100 फीट)
– रोप लेडर- 1
– कांटा बिलैया- 5
– रिफ्लेक्टिव सेंट जैकेट- 40
– हैवी ड्यूटी वर्क ग्लव्ज-6
– मेगा फोन-6
– बोल्ट कटर- 1
– रोटरी हेमर ड्रिल- 4
– एंकर- 5