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चपरासी का नाम शिक्षकों के बीच डालकर जबरन पैदा किया अतिशेष, बड़ी साजिश का ऐसे हुआ खुलासा

locationसतनाPublished: Jul 11, 2019 01:32:17 pm

Submitted by:

suresh mishra

अतिशेष में बड़ी साजिश का खुलासा: डाटाबेस में डाली गलत जानकारी, तबादलों के डाटाबेस में भी व्यापक अनियमितता

Disclosure of big conspiracy in satna education department

Disclosure of big conspiracy in satna education department

सतना। पूरे प्रदेश में गत वर्ष जब अतिशेष खत्म हो गए थे तब सतना इकलौता जिला था जहां अतिशेष की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी। अब ऑनलाइन अतिशेष खत्म करने पोर्टल में फिर व्यवस्था तय की गई है। लेकिन अब जब शिक्षक पोर्टल पर अपनी अतिशेष की स्थिति देख रहे हैं तो चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे। मामले में लिपिकीय स्टाफ द्वारा की गई साजिश का भी खुलासा हो रहा है।
स्थिति यह है कि विद्यालयों में शिक्षकों के डाटा के बीच चपरासियों के नाम फीड हैं। इससे स्वीकृत पद से पदस्थापना ज्यादा हो जा रहे है। संबंधित शिक्षक अतिशेष न होने के बाद भी अतिशेष हो रहे हैं। इसी तरह तबादलों के लिए जो जानकारी पोर्टल पर आ रही उसमें भी व्यापक गोलमाल है।
जो पद रिक्त है वह रिक्त नहीं दिख रहा। जो भरा हुआ है उसे रिक्त दिखाया गया है। इसके पीछे तबादलों के बाद होने वाले लेनदेन और विवाद की स्थितियों का फायदा उठाना माना जा रहा है। साथ ही कुछ लोग जिले में अतिशेष की व्यवस्था यथावत रखना चाहते हैं इसलिए मामले में गड़बड़ी भी कराई गई है। इस वर्ष अतिशेष की स्थिति को दुरुस्त करने के लिये पोर्टल अपडेट करने उमावि कन्या धवारी में डाटाबेस फीडिंग का काम किया गया।
दो माह के लिए यहां दो शिक्षकों की अतिरिक्त ड्यूटी लगाकर शिक्षकों का डाटा फीड कराया गया। यह व्यवस्था तय की गई थी कि संकुलों से आने वाले डाटा का परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद इसे फीड किया जाएगा। शिक्षकों का डाटा देने की जिम्मेदारी प्राचार्यों को थी। 10-10 स्कूलों का ऑफलाइन डाटा चेक करने के बाद आनलाइन करना था। लेकिन, शिक्षा महकमे के कारोबारियों ने खेल कर लिया और पोर्टल पर गलत डाटा भर दिया। जो अब सामने आ रहा है।
ऐसी की गड़बड़ी
जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार माध्यमिक शाला भटनवारा में मीना त्रिपाठी भृत्य है। लेकिन इनका नाम शिक्षकों के बीच में लिखा है और इनके नाम के आगे लिखा गया है कि इस शिक्षक की स्कूल को आवश्यकता है। इसी विद्यालय में सत्यव्रत त्रिपाठी हेडमास्टर है। नियमानुसार हेडमास्टर अतिशेष (सरप्लस) नहीं माने जाते हैं। लेकिन पोर्टल पर गलत फीडिंग से इन्हें अतिशेष कर दिया गया। सवाल यह है कि जब भृत्य को शिक्षक दिखा दिया गया तो स्वीकृत से ज्यादा पद हो जाने से यहां एक शिक्षक अतिशेष हो गया। स्पष्ट है कि डाटा फीङ्क्षडग में गड़बड़ी की गई है। यह एक स्कूल की समस्या नहीं है। काफी संख्या में विद्यालयों के गलत डाटा भर दिए गए हैं।
तबादलों का भी डाटा गड़बड़
तबादलों के लिए भी पोर्टल पर जो डाटा डाला गया है उसमें काफी गड़बडिय़ां हैं। उमावि बगहा में बायो का पद ही नहीं दिया गया है। यहां यह पद भरा दिख रहा है जबकि हकीकत में यहां पदस्थापना नहीं है। नियमानुसार उमावि में शिक्षक वर्ग १ या लेक्चरार पदस्थ होंगे। सितपुरा मा.शा में सामा. अध्ययन और अंग्रेजी को गणित में फीड कर दिया है, विज्ञान का पद रिक्त दिखा रहा है। जबकि यहां विज्ञान के शिक्षक हैं।
कुछ गड़बडिय़ां मेरे सामने भी आई हैं। निचला स्टाफ भी दोषी हो सकता है। ऐसे मामलों पर संशोधन की प्रक्रिया दिखवाई जाएगी। अभी पोर्टल लॉक है।
बीएस देशलहरा, डीईओ

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