ये है मामला
हैरानी की बात यह है कि 15 दिनों से भी अधिक समय से यह व्यवस्था लागू है और जिला अस्पताल प्रबंधन को भनक तक नहीं। दरअसल, गायनी विभाग के चिकित्सक संभागायुक्त रीवा की कार्रवाई के बाद इमरजेंसी ड्यूटी से बचने के लिए अनेक नायाब तरीके निकाल रहे हैं। अब जानबूझकर नियमों के विपरीत मेडिकल ऑफिसर की ऑन कॉल ड्यूटी लगा दी। इससे ओपीडी टाइम के बाद गायनी विभाग के विशेषज्ञ सहित सभी मेडिकल ऑफिसर अपने घर चले जाते हैं। वहां क्लीनिक में गर्भवती से शुल्क लेकर चिकित्सा व परामर्श देते हैं। जबकि प्रसव कक्ष में चौबीस घंटे एक मेडिकल ऑफिसर तैनात रहना चाहिए।
हैरानी की बात यह है कि 15 दिनों से भी अधिक समय से यह व्यवस्था लागू है और जिला अस्पताल प्रबंधन को भनक तक नहीं। दरअसल, गायनी विभाग के चिकित्सक संभागायुक्त रीवा की कार्रवाई के बाद इमरजेंसी ड्यूटी से बचने के लिए अनेक नायाब तरीके निकाल रहे हैं। अब जानबूझकर नियमों के विपरीत मेडिकल ऑफिसर की ऑन कॉल ड्यूटी लगा दी। इससे ओपीडी टाइम के बाद गायनी विभाग के विशेषज्ञ सहित सभी मेडिकल ऑफिसर अपने घर चले जाते हैं। वहां क्लीनिक में गर्भवती से शुल्क लेकर चिकित्सा व परामर्श देते हैं। जबकि प्रसव कक्ष में चौबीस घंटे एक मेडिकल ऑफिसर तैनात रहना चाहिए।
रोजाना आती हैं गर्भवती
जिला अस्पताल जिले की सबसे बड़ी रेफरल इकाई है। यहां पर जिलेभर के सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से रोजाना बड़ी संख्या में गंभीर गर्भवती रेफर की जाती हैं। उन्हें त्वरित चिकित्सा की आवश्यकता होती है। लेकिन, गायनी विभाग के चिकित्सकों की मनमानी के चलते जिला अस्पताल पहुंचने के बाद भी इलाज नहीं मिल पा रहा। गर्भवती सहित परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति गंभीर होने पर नर्सिंग स्टाफ भी हाथ खड़े कर देता है।
जिला अस्पताल जिले की सबसे बड़ी रेफरल इकाई है। यहां पर जिलेभर के सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से रोजाना बड़ी संख्या में गंभीर गर्भवती रेफर की जाती हैं। उन्हें त्वरित चिकित्सा की आवश्यकता होती है। लेकिन, गायनी विभाग के चिकित्सकों की मनमानी के चलते जिला अस्पताल पहुंचने के बाद भी इलाज नहीं मिल पा रहा। गर्भवती सहित परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति गंभीर होने पर नर्सिंग स्टाफ भी हाथ खड़े कर देता है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए है ऑनकॉल ड्यूटी
संचालनालय स्वास्थ्य सेवा के ड्यूटी रोस्टर के मुताबिक विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों को ही ऑन कॉल ड्यूटी पर तैनात किया जा सकता है। उनसे केवल आकस्मिक स्थिति में ही सेवाएं ली जाती हैं। लेकिन जिला अस्पताल गायनी विभाग के चिकित्सकों ने मनमानी करते हुए विशेषज्ञ सहित सभी मेडिकल ऑफिसर को अपनी सुविधा के लिए ऑनकॉल ड्यूटी पर तैनात कर दिया है। इससे इकाई की चिकित्सा सेवाएं बेपटरी हो गई है। पीडि़तों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।
संचालनालय स्वास्थ्य सेवा के ड्यूटी रोस्टर के मुताबिक विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों को ही ऑन कॉल ड्यूटी पर तैनात किया जा सकता है। उनसे केवल आकस्मिक स्थिति में ही सेवाएं ली जाती हैं। लेकिन जिला अस्पताल गायनी विभाग के चिकित्सकों ने मनमानी करते हुए विशेषज्ञ सहित सभी मेडिकल ऑफिसर को अपनी सुविधा के लिए ऑनकॉल ड्यूटी पर तैनात कर दिया है। इससे इकाई की चिकित्सा सेवाएं बेपटरी हो गई है। पीडि़तों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।
प्रसव कक्ष में 24 घंटे एक मेडिकल ऑफिसर होना चाहिए। ऑन कॉल ड्यूटी में केवल विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं ली जा सकती हैं। मेडिकल ऑफिसर को ऑन कॉल कैसे तैनात कर दिया, जांच कराएंगे।
इकबाल सिंह, अस्पताल प्रशासक
इकबाल सिंह, अस्पताल प्रशासक