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मनमानी की पार्किंग में इस तरह फंसी 108 एम्बुलेंस, तड़पती रही गर्भवती

locationसतनाPublished: Sep 03, 2017 12:24:00 pm

Submitted by:

suresh mishra

हाल-ए-जिला अस्पताल: अस्पताल परिसर में ही हनुमान मंदिर के पास मनमानी के जाम में आधे घंटे तक फंसी रही।

District hospital in satna

District hospital in satna

सतना। जिला अस्पताल परिसर में वाहन खड़े करने के लिए पार्किंग बनाई गई है। लेकिन, लोग जहां इच्छा होती है वहां वाहन पार्क कर देते हैं। इससे अस्पताल आने वाले पीडि़तों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार उपचार में देरी से जान का खतरा पैदा हो जाता है। कुछ एेसी ही स्थिति शनिवार की दोपहर देखने को मिली।
पीछे वाले गेट से १०८ एम्बुलेंस प्रसव पीड़ा से कराहती गर्भवती को लेकर जिला अस्पताल आ रही थी। लेकिन, अस्पताल परिसर में ही हनुमान मंदिर के पास मनमानी के जाम में आधे घंटे तक फंसी रही। बाद में लोगों के हस्तक्षेप के बाद मुश्किल से एम्बुलेंस को रास्ता दिलाया गया।
पीछे वाले गेट से अस्पताल परिसर में दाखिल

घूरडांग निवासी विद्या पति राजेश कुशवाहा को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल दाखिल कराने के लिए परिजनों ने १०८ कॉल सेंटर में संपर्क किया। कुछ देर बाद वाहन गर्भवती को लेने पहुंच गया। वाहन क्रमांक एमपी ०२ एवी ६४१० कृष्णनगर रोड से होते हुए पीछे वाले गेट से अस्पताल परिसर में दाखिल हुआ। लेकिन, हनुमान मंदिर के पास दो चौपहिया एमपी १९ टी १७९८ और माल वाहक एमपी १९ एल ११४० मनमर्जी से रास्ते में पार्क कर दिए गए थे।
20 मिनट बाद माल वाहक वाहन को हटाया

इस कारण पीछे से आ रही १०८ एम्बुलेंस सहित अन्य वाहन फंस गए। गर्भवती पीड़ा से कराह रही थी। स्थिति गंभीर होने के कारण शीघ्र इलाज की आवश्यकता थी। १०८ का स्टाफ दोनों वाहन चालकों को तलशता रहा, लेकिन दोनों गायब थे। लोगों के हस्तक्षेप के बाद लगभग २० मिनट बाद माल वाहक वाहन को हटाया गया।
अस्पताल में वाहन खड़ाकर चले जाते हैं बाजार
अस्पताल परिसर में निजी शव वाहन पार्क करने पर प्रतिबंद लगा दिया गया है। लेकिन इसके बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। परिसर के अंदर ओपीडी समय के बाद भी बड़ी संख्या में वाहन खड़े रहते हैं, जो परिजन या स्टाफ के नहीं होते हैं।
तीनों मुख्य प्रवेश द्वार अघोषित आटो स्टैंड

कुछ लोग तो अस्पताल में वाहन पार्क कर बाजार घूमने, खरीदारी करने चले जाते हैं। तीनों मुख्य प्रवेश द्वार अघोषित आटो स्टैंड बन गए हैं। प्रबंधन को भी इसकी जानकारी है, लेकिन किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं अस्पताल आने वाले मरीजों को परेशान होना पड़ता है।
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