कायाकल्प अभियान के तहत जिला अस्पताल बीते दो वर्ष से प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त कर रहा है। बीते वर्ष फाइनल में ८२.२ अंक प्राप्त हुए थे। प्रबंधन ने इस बार प्रथम आने पूरी ताकत झोंक दी है। भवन का रंग रोगन, स्टाफ को प्रशिक्षण, नियमित साफ-सफाई, चिकित्सक सहित स्टाफ का सर्किल बनाया गया। असेस्मेंट करने आई टीम के रुख से प्रबंधन को उम्मीद है कि इस बार जिला अस्पताल प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त करेगा। इस दौरान सीएस डॉ एसबी सिंह, डॉ प्रमोद पाठक, डॉ एसके पाण्डेय, आरएमओ अरुण त्रिवेदी, डॉ सुनील कारखुर, डॉ जेएन पाण्डेय, डॉ अमर सिंह, डॉ आलोक खन्ना, डाइटीशियन जीएस तिवारी, स्टूवर्ड बीएल द्विवेदी सहित स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे।
कपड़े धुलने की मशीन देखी
सेंट्रल किचन में कपड़े धुलने की मशीन देखी। डाइटीशियन जीएस तिवारी से पूछा कि किस मरीज को क्या डाइट दी जाती है? क्वॉलिटी कैसे मेंटेन करते हो। सब्जी कैसे और किस प्रक्रिया के तहत खरीदी जाती है। मरीजों को बांटी जाने वाली सब्जी की तोल कराकर देखी। रसोइयों के नखून देखे, हाथ धुलवा कर देखा। आइसीयू में स्टाफ नर्स से पूछा कि गंभीर मरीज को कैसे अटेंड करते हो बताओ। डाक्टर को कब और कैसे बुलाते हो। यदि अचानक दो पेशेंट आ जाएं तो दोनों का कैसे उपचर करेंगे।