इस दौरान कलेक्टर ने मंदाकिनी नदी के घाट का अवलोकन किया। यहां के प्राकृतिक जल स्रोत विभिन्न निर्माण कार्यों की वजह से या फिर प्राकृतिक क्षरण आदि के कारण बंद हो चुके हैं। इन्हें खोलने के लिए सीएमओ चित्रकूट को इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए। कहा कि पोकलेन मशीन लगाकर यहां के प्राकृतिक जल स्रोत खोले जाएं।
मुख्य मार्ग से सती अनुसुइया के बीच 5 किलोमीटर के रास्ते में यात्रियों की सुरक्षा और बारिश आदि में ठहरने के लिए शेड बनाए जाएंगे। सती अनुसुइया रोड में एक शेड तथा मुख्य मार्ग में एक शेड बनाया जाएगा। साथ ही सती अनुसुइया क्षेत्र में एक टायलेट बनाया जाएगा। इसका साइनेज भी बनाने के निर्देश दिए गए। इस दौरान यहां की रोड का चौड़ीकरण व साफ सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए। घाट में चेंजिंग रूम बनाने एवं घाट के क्षतिग्रस्त हिस्सों को दुरुस्त करने को कलेक्टर ने कहा।
रजौला बायपास में मेला के दौरान आने वाली भीड़ को किसी परेशानी न हो इसके लिए यहां रोड का निर्माण शीघ्र बनाने के निर्देश दिए। कहा गया कि अभी साढ़े पांच मीटर चौड़ी रोड बनाने का कार्य प्रारंभ करें। इसकी अतिरिक्त चौड़ाई का काम बाद में किए जाने का प्लान बनाने कहा। इस सड़क को 15 मीटर चौड़ा करने 12 करोड़ के ऊपर का एस्टीमेट आने की बात कही गई। इसके अलावा तुलसी मार्ग से अक्षय वट तक लगभग एक किलोमीटर सीसी सड़क बनाने के निर्देश दिए गए। बताया गया कि सती अनुसुइया मार्ग पहले सीसी बनना था लेकिन अब यह काम प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से बन रहा है। ऐसे में शेष राशि का काम यहां किया जाएगा।
कलेक्टर ने बस स्टैंड के निर्माण कार्यों को भी देखा। बस स्टैंड में चल रहे निर्माण कार्यों की धीमी गति में तेजी लाने और गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के निर्देश दिए।
स्थल निरीक्षण के बाद कलेक्टर ने मंदाकिनी रिसोर्ट में मिनी स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान बताया गया कि यहां 100 करोड़ रुपए के विभिन्न कार्य प्रस्तावित हैं या चल रहे हैं। इस दौरान सीवर लाइन प्रोजेक्ट के घटिया निर्माण को इंगित करते हुए इसे तत्काल व्यवस्थित करने के निर्देश दिए गए। परिक्रमा पथ पर 20 शेडों के निर्माण का कार्य तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए। प्रमोद वन में सीवर जंक्शन के काम में रीवा कलेक्टर से चर्चा कर जमीन उपलब्धता विवाद का निराकरण किया और तत्काल काम प्रारंभ करने के निर्देश दिए। कहा जहां भी कार्य चल रहे हैं वहां तय मापदण्डों के तहत डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाए। समय सीमा पर सभी काम पूरे किए जाएं।