scriptराजधानी से ज्यादा दबंग सतना के आवारा कुत्ते | Dogs of Satna are more domineering than Rajdhani bhopal | Patrika News

राजधानी से ज्यादा दबंग सतना के आवारा कुत्ते

locationसतनाPublished: Aug 25, 2021 02:27:04 am

Submitted by:

Pushpendra pandey

हकीकत ऐसी: 8 माह में 9999 डॉग बाइट के मामले आए सामने, कुत्तों के सबसे ज्यादा आतंक वाला प्रदेश का चौथा शहर सतना

Satna dog news

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सतना. प्रदेश में इंदौर, जबलपुर और भिंड के बाद सतना के कुत्ते सबसे ज्यादा खूंखार हैं। सतना चौथा एेसा शहर है जहां आवारा कुत्तों का सबसे ज्यादा आतंक है। ये आवारा कुत्ते रोजाना 40 से 50 लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इसके बावजूद न जिला प्रशासन इन आवारा कुत्तों पर गंभीर है और न नगर निगम इनको पकडऩे के लिए कोई कदम उठा रहा। स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड की मानें तो प्रदेश के चार शहरों इंदौर, जबलपुर, भिंड और सतना में एंटी रैबीज इंजेक्शन की खपत सबसे ज्यादा हो रही है। यानी इन जिलों में डॉग बाइट के मामले सबसे ज्यादा आ रहे हैं।
8 माह में 10000 लोग शिकार
शहर में बीते 8 माह जनवरी से अगस्त तक 10000 लोग आवारा कुत्तों का शिकार हो चुके हैं। सबसे ज्यादा जनवरी महीने में 1882 लोगों को आवारा कुत्तों ने अपना शिकार बनाया। मार्च में लॉकडाउन के बाद लोगों के घर से नहीं निकलने के कारण डॉग बाइट के मामलों में गिरावट आई। इसका असर अप्रैल और मई की संख्या में देखा जा सकता है। अनलॉक के बाद डॉग बाइट की संख्या में एक बार फिर तेजी से इजाफा हुआ। अगस्त में 19 दिन में 633 डॉग बाइट के मामले जिला अस्पताल पहुंच चुके हैं।

हर माह डेढ़ से दो सौ बॉयल की खपत
जिला अस्पताल में हर माह डेढ़ से दो सौ एंटी रैबीज इंजेक्शन की खपत हो रही है। लॉकडाउन के दौरान एंटी रैबीज इंजेक्शन की खपत में कमी आ गई थी। लॉकडाउन के बाद एक बार फिर एंटी रैबीज इंजेक्शन की डिमांड बढऩे लगी है। बीते 8 माह में 1005 बॉयल खप चुके हैं।
हर साल 10-12 हजार लोग पहुंच रहे अस्पताल
जिले में कुत्तों के काटने की घटनाएं साल दर साल बढ़ रही हैं। 2019 में 10950 लोग इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचे थे। 2020 में भी 10 हजार से ज्यादा लोग डॉग बाइट के शिकार हुए। 2021 के 8 माह में 9999 लोग डॉग बाइट के शिकार हो चुके हैं।

जिम्मेदार नहीं गंभीर
शहर में रात के समय आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ जाता है। बाधवगढ़ और सिंधी कैंप इलाके में एक दिन में आधा दर्जन से अधिक लोगों को ये अपना शिकार बना रहे हैं। हाल यह हैं कि लोग दहशत में आकर अपने बच्चों को घर से नहीं निकलने दे रहे। इसके बाद भी नगर निगम कुत्तों को पकडऩे में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा। ननि प्रशासन के पास इन कुत्तों को पकड़कर न ऑपरेशन कराने और न वैक्सीनेशन कराने की व्यवस्था है।
Satna dog data
Patrika Satna IMAGE CREDIT: patrika
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