ये है मामला
परिजनों ने आरोप लगाया कि गर्भवती ललिता पति मनोज चौधरी निवासी धवारी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन 26 दिसंबर की रात 8 बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। इस दौरान डॉ मंजू सिंह लेबर रूम में ड्यूटी पर थीं। उन्होंने स्टाफ को निर्देशित किया कि इन्हें लेबर रूम से वार्ड में शिफ्ट कर दो। अभी डिलीवरी नहीं होगी। लेबर रुम से बाहर करते ही गर्भवती को दर्द व रक्तत्राव बढ़ गया।
परिजनों ने आरोप लगाया कि गर्भवती ललिता पति मनोज चौधरी निवासी धवारी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन 26 दिसंबर की रात 8 बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। इस दौरान डॉ मंजू सिंह लेबर रूम में ड्यूटी पर थीं। उन्होंने स्टाफ को निर्देशित किया कि इन्हें लेबर रूम से वार्ड में शिफ्ट कर दो। अभी डिलीवरी नहीं होगी। लेबर रुम से बाहर करते ही गर्भवती को दर्द व रक्तत्राव बढ़ गया।
डॉ. मंजू सिंह ने की अभद्रता परिजनों ने इसकी जानकारी डॉ मंजू सिंह को दी। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉ मंजू सिंह ने अभद्रता करते हुए स्टाफ से कहा कि इन्हें धक्के देकर बाहर निकालो। इसके बाद गर्भवती को मेटरनिटी वार्ड में भर्ती कराया गया। देररात गर्भवती ने बच्चे को जन्म दिया। उसे भर्ती कराने परिजन एसएनसीयू पहुंचे लेकिन चिकित्सकों ने जांच के बाद नवजात को मृत घोषित कर दिया।
महिला चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग
परिजनों ने सुबह 9 बजे सीएस डॉ एसबी सिंह से मामले की शिकायत दर्ज करायी। आरोप लगाया कि इलाज में लापरवाही के चलते नवजात की मौत हुई। डॉ मंजू सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सीएस ने शिकायत के बाद जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की। जिसमें डॉ रेखा त्रिपाठी, डॉ सुनील कारखुर और डॉ अरूण त्रिवेदी को शामिल किया गया है।
परिजनों ने सुबह 9 बजे सीएस डॉ एसबी सिंह से मामले की शिकायत दर्ज करायी। आरोप लगाया कि इलाज में लापरवाही के चलते नवजात की मौत हुई। डॉ मंजू सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सीएस ने शिकायत के बाद जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की। जिसमें डॉ रेखा त्रिपाठी, डॉ सुनील कारखुर और डॉ अरूण त्रिवेदी को शामिल किया गया है।
नर्सिंग होम में भर्ती करने दबाव बनाने का आरोप
परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉ मंजू सिंह निजी हॉस्पिटल में दाखिल करने दबाव बना रही थीं। उनकी बात नहीं मानने पर गर्भवती के इलाज में जानबूझकर लापरवाही की गई। जिसकी वजह से नवजात की मौत हो गयी।
परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉ मंजू सिंह निजी हॉस्पिटल में दाखिल करने दबाव बना रही थीं। उनकी बात नहीं मानने पर गर्भवती के इलाज में जानबूझकर लापरवाही की गई। जिसकी वजह से नवजात की मौत हो गयी।
कार्रवाई के निर्देश
सीएमएचओ डॉ अशोक अवधिया ने लेबर रूम में गर्भवती के इलाज में बरती जा रही लापरवाही को गंभीरता से लिया। डीएचओ डॉ विजय कुमार आरख को मौके पर भेजा। सीएस को रविवार को कोख में दम घुटने के मामले में सीएस को जांच करा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
सीएमएचओ डॉ अशोक अवधिया ने लेबर रूम में गर्भवती के इलाज में बरती जा रही लापरवाही को गंभीरता से लिया। डीएचओ डॉ विजय कुमार आरख को मौके पर भेजा। सीएस को रविवार को कोख में दम घुटने के मामले में सीएस को जांच करा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।