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विजयादशमी आज: रावण के अहंकार का होगा दहन, पहली बार बना ऐतिहासिक पुतला

locationसतनाPublished: Sep 30, 2017 02:51:28 pm

Submitted by:

suresh mishra

दादा सुखेंद्र सिंह स्टेडियम में होगा मुख्य समारोह, ५० हजार अनुमानित भीड़, ५०० पुलिसकर्मी होंगे तैनात, ४० से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे

Dussehra 2017: All You Need To Know About Significance Of Vijaydashami

Dussehra 2017: All You Need To Know About Significance Of Vijaydashami

सतना। असत्य पर सत्य, अन्याय पर न्याय की जीत का पर्व दशहरा शनिवार को है। अन्याय के प्रतीक रावण का दहन किया जाएगा। आयोजन जिलेभर में होगा। मुख्य कार्यक्रम जवाहर नगर स्थित दादा सिंह स्टेडियम में होगा। प्रभु श्रीराम द्वारा अहंकारी रावण का मानमर्दन किया जाएगा। कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
इस बार रावण का कद बढ़ाया गया है। ३५ फीट के रावण के पुतले का दहन होगा। शाम पांच बजे रावण वध का मंचन, पुतला दहन कार्यक्रम होगा। शाम ६.४५ बजे प्रभु श्रीराम का विजय जुलूस निकलेगा। जुलूस शोभायात्रा के रूप में पूरे नगर का भ्रमण करते हुए बिहारी मंदिर में समाप्त होगा।
यहां से गुजरेगी शोभायात्रा
शाम ६.४५ बजे शोभायात्रा निकलेगी। प्रभु श्रीराम का विजयरथ सबसे आगे होगा। शेष झांकियां पीछे रहेंगी। समारोह में जनता भी शामिल होगी। यात्रा धवारी से प्रारंभ होगी जो अग्रसेन चौक, जयस्तम्भ चौक, बिहारी चौक, अहिंसा चौक, अस्पताल चौक, पुराना नगर निगम तिराहा, पावर हाउस चौक, हनुमान चौक, फूलचंद चौक, लालता चौक, भैंसाखाना चौक के बाद पुन: लालता चौक, गांधी चौक, बिहारी मंदिर पहुंचेगी। वहां पूजा अर्चना के बाद समापन होगा।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस
सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने भी तैयारी कर ली है। शहर में जगह-जगह पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। हर चौराहे व मुख्य मार्ग पर बल मौजूद रहेगा। सीएसपी वीडी पांडेय ने बताया, ५०० पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी। हर झांकी के साथ पुलिसकर्मी चलेंगे। सादी वर्दी में भी पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी। करीब ४० सीसीटीवी कैमरे से समारोह पर नजर रखी जाएगी।
डालीबाबा में भी जलेगा रावण
डालीबाबा रामलीला समाज द्वारा रावण दहन किया जाएगा। इनके द्वारा १०५ वर्षों से आयोजन किया जाता रहा है। यहां बुद्धू लाला लोनिया का परिवार ऐसा है जो विगत २५ साल से रावण के पुतले का निर्माण करता आ रहा है। दावा किया गया है कि इस बार २५ फीट के रावण का दहन शाम ४.३० बजे किया जाएगा। पुतला दहन के बाद प्रभु श्रीराम का विजय जुलूस निकाला जाएगा।
जुलूस डालीबाबा में आकर समाप्त

डीलाबाबा रामलीला समाज के महंत मोहन दास महाराज के अनुसार श्रीराम विजय जुलूस डालीबाबा मंदिर से शाम ६ बजे प्रारंभ होकर गौशाला, चौक, सिटी कोतवाली तिराहा, जयस्तम्भ चौक, स्टेशन रोड, सर्किट हाऊस चौक, सेमरिया चौक, कृष्ण नगर , जगतदेव तालाब रोड, हनुमान चौक, लालता चौक से गांधी चौक होते हुए डालीबाबा आकर समाप्त होगी।
शोभायात्रा का मार्ग
अग्रसेन चोक, जयस्तम्भ चौक, बिहारी चौक, अहिंसा चौक, अस्पताल चौक, पुराना नगर निगम तिराहा, पावर हाउस चौक, हनुमान चौक, फूलचंद चौक, लालता चौक, भैंसाखाना चौक के बाद पुन: लालता चौक, गांधी चौक, बिहारी मंदिर में पूजा अर्चना के बाद समापन होगा। झांकी में राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान रहेंगे।
कुंभकरण वध भी
श्रीबिहारी रामलीला का मंचन सुभाष पार्क में निरंतर चल रहा है। शुक्रवार की रात अहिरावण वध, मेघनाथ वध, कुंभकरण वध के प्रसंग को प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही रामलीला मंच के अंतिम प्रसंग को मंच पर प्रस्तुत किया गया।
जागीरदारों के क्षेत्र में बने स्थाई रावण
चित्रकूट जाते समय कोठी थाने के अंदर स्थाई रावण का पुतला दिखाई देता है। इसी तरह नागौद किले के सामने भी स्थाई रावण का पुतला बना है। इन्हें मिट्टी-गिट्टी से बनाया गया। ये पुतले नए नहीं हैं बल्कि सौ साल से ज्यादा पुराने हैं। इनको लेकर तरह-तरह की कहानियां हैं।
उस समय कलाकर कम होते थे

बताया जाता है कि रियासतों व जागीरदारों के क्षेत्र में स्थाई रावण का पुतला बनाया जाता है। इसके पीछे कारण था कि उस समय कलाकर कम होते थे, वहीं धार्मिक महत्व होने के कारण हर रियासत के लोग दशहरा धूमधाम से मनाते थे। गरीबी होने के कारण ग्रामीणों की उम्मीद रहती थी कि रियासतदार या जागीरदार पुतला बनवाएं। इसलिए स्थाई तौर पर रावण का निर्माण किया गया।
रावण के नाम पर मोहल्ले
जिस क्षेत्र में रावण का पुतला बना होता था उसका नाम भी रावण के नाम होता था। सामान्य तौर पर जिले में रावणा टोला, रमना, पुरानी लंका आदि नाम हैं। जिले के कोठी, सोहावल, नागौद, उचेहरा, मैहर, देवराज नगर एवं चित्रकूट व शहर के रावणा टोला में स्थाई रावण थे।
खोखला होता था पुतला
जहां रावण बनता था, वहीं रामलीला का मंचन होता था। इसलिए स्थाई पुतले को भी खोखला बनाया जाता था। ताकि कलाकर उसके पीछे छिपकर संवाद बोल सकें। जब रावण दहन करने का समय आता, तो पुतले में कचराभर कर जला दिया जाता था।
शाम को रावण वध का मंचन
रामलीला में रावण वध का मंचन किया जाएगा। युद्ध क्षेत्र में प्रभु श्रीराम को बिना रथ के देख विभीषण अधीर होंगे। रामलीला में रावण द्वारा ब्रम्ह शक्ति का प्रयोग, राम-रावण युद्ध का मंचन होगा। कलाकारों के उत्कृष्ट अभिनय से दर्शकों का ज्ञानवर्धन, धार्मिक व सनातनी विधाओं से मनोरंजन कर धार्मिक वातावरण स्थापित किया जायेगा।
राजेश के साथ सुमधुर रामायण गायन

इस अवसर पर व्यास पं. अरुण परौहा, महंत बृजेन्द्र कुमार दुबे अपने साथियों मुकेश एवं राजेश के साथ सुमधुर रामायण गायन करेंगे। मुख्य अतिथि महापौर ममता पाण्डेय होंगी। विशिष्ट अतिथि मोतीलाल गोयल व रामू अग्रवाल होंगे। अध्यक्षता निगम अध्यक्ष अनिल जायसवाल करेंगे।
भरत मिलाप पन्नीलाल चौक में
दशहरा के बाद भी रामलील कार्यक्रम आयोजित होंगे। भरत मिलाप पन्नीलाल चौक में होगा। व्यापारी संघ द्वारा १ अक्टूबर को शाम ७ से ८ बजे तक आयोजन होगा। ३ अक्टूबर को सुभाष पार्क में राजगद्दी का आयोजन होगा। इसमें कलाकारों व सहयोगियों को सम्मानित किया जाएगा। जानकारी बीरेन्द्र गोस्वामी ने दी।
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