विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बुधवार को सतना पहुंचकर भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह के पक्ष में किया प्रचार
Election 2019: Foreign Minister Sushma Swaraj election Speech of Satna
सतना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल विकास पुरुष नहीं हैं। बल्कि विश्व का एजेंडा तय करने वाले पीएम हैं। इसका उदाहरण मैं अंतराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में देती हूं। विश्व के सभी देशों ने समर्थन दिया था और 75 दिन के अंदर प्रस्ताव पास हो गया था। ये संयुक्त राष्ट्र संघ में इतिहास के रूप में दर्ज है। ऐसे कई मौके आए, जब प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ी। ये बात विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बुधवार को सतना में कहीं। वो भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह के पक्ष में प्रचार करने सतना पहुंची थी। इस दौरान स्थानीय टाउन हाल में सतना के बुद्धिजिवियों से परिचर्चा करते हुए उन्होंने अपनी बात रखी। हालांकि उन्होंने सतना के एक भी मुद्दे पर चर्चा नहीं की।
बल्कि राष्ट्रीय मुद्दों व आकड़ों के आधार पर सरकार की उपलब्धियों व ताकत को सामने रखने का प्रयास किया। उन्होंने ‘मोदी हैं, तों मुमकिन है’ पर जोर दिया। सुषमा स्वराज ने कहा कि 26/11 की घटना को सभी याद करते हैं। इसमें 166 लोगों की जान गई थी। 126 भारतीय थे और 40 मृत व्यक्ति 14 अन्य देशों के थे। तत्कालीन सरकार चाहती, तो इन देशों का समर्थन लेकर पाकिस्तान को अलग-थलग कर देती। लेकिन, ऐसा नहीं किया।
22 मिनट की चर्चा सुषमा स्वराज ने सतना में करीब 22 मिनट तक अपना पक्ष रखा। हालांकि पूरे कार्यक्रम को परिचर्चा का नाम दिया गया। लेकिन, ये पूरा संवाद एक तरफा था। मैं दो के लिए वोट मांगने आई हूं सुषमा स्वराज ने परिचर्चा शुरू करते ही कहा कि मैं एक के लिए वोट मांगने नहीं आई, बल्कि दो व्यक्ति के लिए वोट मांगने आई हूं। एक भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह के लिए और दूसरा प्रधानमंत्री मोदी के लिए वोट मांगने आई हूं। आप केवल भाजपा की एक बटन दबा दीजिएगा, दोनो काम हो जाएगा।
foreign minister sushma swaraj election Speech of Satna” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/04/24/5_6_4474657-m.jpg”>Patrika IMAGE CREDIT: Patrikaफिर चर्चा में रामोराम एक बार फिर रामोराम गुप्ता चर्चा में रहे। विधानसभा चुनाव में बगावत कर सपाक्स प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩे वाले रामोराम भाजपा में शामिल हो गए। उनके अलावा बसपा व अन्य दल के करीब आधा दर्जन नेता भी शामिल हुए हैं। लेकिन, सबसे ज्यादा चर्चा रामोराम गुप्ता के नाम की रही।