उपचुनाव में वोटों का विभाजन दिवंगत विधायक प्रेम सिंह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बीच है। प्रत्याशियों का फैसला भी इसी आधार पर होगा। मत विभाजन परंपरागत तौर पर हुआ तो प्रेमसिंह की याद में वोट पडेंग़े। जो भाजपा के पक्ष में मतदान करना चाहते हैं वो शिवराज सिंह के नाम करेंगे। दल, नेताओं के भाषण और वादों पर भरोसा नहीं है।
बरौंधा, पिंडरा, मझगवां का क्षेत्र दिवंगत विधायक प्रेम सिंह के अधिक प्रभाव का रहा है, जहां लोगों के उनसे व्यक्तिगत रिश्ते रहे हैं। चित्रकूट, पालदेव, नयागांव, चौबेपुर और आसपास कांग्रेस के नीलांशु का असर है। बिरसिंहपुर, जैतवारा, प्रतापपुर का इलाका भाजपा के प्रत्याशी शंकरदयाल त्रिपाठी के प्रभाव का माना जाता रहा है।
9 नवंबर को 1 लाख 98 हजार से ज्यादा मतदाता मतदान करेंगे। २५४ पोलिंग वाले विस क्षेत्र में पहले हुए चुनावों में जातिगत वोटों का धु्रवीकरण कम ही रहा है। इसके कारण क्षेत्र से ब्राह्मण, ठाकुर, पटेल और अन्य जातियों को प्रतिनिधित्व का मौका मिला है। इस बार हालात अलग हैं। दोनों ही प्रमुख दलों के प्रत्याशी ब्राह्मण होने से ४० फीसदी मत विभाजन इनके ही बीच होने की संभावना है। शेष 60 फीसदी मतदाता गरीब, अनपढ़ या अल्प शिक्षित होने से वोट का निर्णय भावनाओं और निजी रिश्तों के आधार पर करता रहा है।
कांग्रेस की तरफ से अब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ, नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह, प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव सभाएं कर चुके हैं। उधर, भाजपा मुख्यमंत्री के अलावा, उत्तप्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्य, प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार चौहान, मंत्रिमंडल के दर्जनभर सदस्यों के अलावा प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे को प्रचार के लिए ला चुकी है। मंगलवार को अंतिम कुछ घंटों में मुख्यमंत्री और अरुण यादव ने धारकुंडी आश्रम में संत सच्चिदानंद से आशीर्वाद लिया।