scriptजिस गांव में कलेक्टर ने लगाई थी चौपाल, उसी को 2 दिन रखा अंधेरे में | Electricity company punishes 150 defaulters to 600 families | Patrika News

जिस गांव में कलेक्टर ने लगाई थी चौपाल, उसी को 2 दिन रखा अंधेरे में

locationसतनाPublished: Oct 19, 2019 05:06:51 pm

Submitted by:

suresh mishra

बंद की बिजली: विद्युत कंपनी ने 150 डिफाल्टरों की सजा 600 परिवारों को दी

Electricity company punishes 150 defaulters to 600 families

Electricity company punishes 150 defaulters to 600 families

सतना/ जिस सुलखमां गांव में कलेक्टर सतेंन्द्र सिंह ने सात दिन पहले चौपाल लगाकर ग्रामीणों की सभी समस्याओं का निराकरण करने का अश्वासन दिया था, उसी गांव को बिजली कंपनी के अधिकारियों ने दो दिन अंधेरे में रख दिया। मामला जब उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आया तो आनन-फानन बिजली जोड़ 15 दिन का नोटिस दे दिया गया।
दरअसल, लक्ष्य प्राप्ति के लिए बिजली कंपनी उन गांवों में कनेक्शन काट रही है, जहां का बिल एक लाख से अधिक बकाया है। ऐसे गांवों में एक लाख से अधिक के बकाया वाले ट्रांसफार्मर चिह्नित कर कनेक्शन विच्छेदन किया जा रहा है।
सतना में बिजली कंपनी ने सबसे पहले उसी गांव पर कार्रवाई कर दी, जो आज भी चरखे के सहारे जीवन यापन करता है। कलेक्टर ने गांव की बदहाली देख खुद चौपाल लगाकर सारी समस्याओं के निराकरण की बात कही थी। साथ ही गांव में परिवारों को इलेक्ट्रिक चरखा देने का आश्वासन दिया था।
ग्रामीणों पर पांच लाख बिजली बिल बकाया
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में लगभग 250 विद्युत उपभोक्ताओं पर 5 लाख रुपए से अधिक का बिजली बिल बकाया है। इसे वसूलने बुधवार को कंपनी के अधिकारी गांव पहुंचे और लोगों से 50 फीसदी बकाया राशि जमा करने को कहा। लेकिन चरखा चलाकर किसी प्रकार जीवन यापन कर रहे ग्रामीणों ने जब आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए तुरंत पैसा जमा करने में असमर्थता व्यक्त की तो अधिकारियों ने ट्रांसफार्मर से गांव की विद्युत आपूर्ति काट दी, जबकि गांव में 600 कनेक्शन हैं। इससे सुलखमा गांव के 600 परिवार दो दिन तक अंधेरे में रहे।
पत्रिका ने पूछा सवाल तो जोड़ दी बिजली
जब ‘पत्रिका’ ने शुक्रवार की शाम बिजली कंपनी के अधिकारियों से गांव की बिजली क्यों काटी गई, इसकी जानकारी ली तो कंपनी के अधिकारी हरकत में आ गए और आनन-फानन में गांव पहुंच कर रात 9 बजे गांव की विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी। दो दिन बाद गांव का अंधेरा छटा और बिजली आई तो ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
डिफाल्टरों की सजा पूरे गांव को
ग्रामीणों ने बताया कि जिन उपभोक्तओं द्वारा बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा, बिजली कंपनी के अधिकारी उनका कनेक्शन काटने की बजया पूरे गांव की बिजली आपूर्ति रोक दी। विद्युत कंपनी के अधिकारियों इस तानाशाही के कारण ऐसे उपभोक्ता जिनका बिजली बिल बकाया नहीं है उन्हें भी दो दिन अंधेरे में गुजरने पड़े। ग्रामीणों ने कंपनी के अधिकारियों पर यह भी अरोप लगाया की गांव की बिजली काटने से पहले ग्रामीणों को बिल जमा करने की सूचना और समय नहीं दिया गया जो गलत है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो