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कलेक्टर जाम में फंसे तो 15 मिनट में हट गया अस्पताल मार्ग का अतिक्रमण, सुगम हुई शहरवासियों की राह

locationसतनाPublished: Jan 06, 2019 03:53:35 pm

Submitted by:

suresh mishra

कलेक्टर जाम में फंसे तो 15 मिनट में हट गया अस्पताल मार्ग का अतिक्रमण, सुगम हुई शहरवासियों की राह

Encroachment of district hospital road in satna

Encroachment of district hospital road in satna

सतना। जिला अस्पताल का जायजा लेने जा रहे कलेक्टर के अस्पताल मार्ग पर जाम में फंसने के बाद करीब 15 मिनट में ही इलाके का रास्ता अतिक्रमण मुक्त हो गया। जहां से दो दोपहिया वाहनों की क्रॉसिंग नहीं हो पा रही थी, वहां शनिवार दोपहर दो चार पहिया दौडऩे लगे। पर मॉनिटरिंग के अभाव में रात तक स्थिति लगभग वहीं पहुंच गई। दरअसल, स्टाफ क्वार्टर की जमीन का औचक जायजा लेने पहुंचे कलेक्टर अस्पताल मार्ग में जाम में फंस गए। उनका वाहन 10 मिनट तक जाम में फंसा रहा।
मौके से ही नगर निगम सहित यातायात महकमे को कार्रवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर के निर्देश के बाद जिम्मेदारों ने 15 मिनट में ही अस्पताल मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कर दिया। अस्पताल मार्ग पर चाय-पान के ठेले, फलों की गुमटियों सहित ऑटो चालकों ने अघोषित स्टैंड बना रखा है। मनमानी के चलते एम्बुलेंस भी नहीं निकल पा रही थीं। रेफर होने वाले पीडि़त अस्पताल गेट से निकलते ही जाम में फंस जाते थे। इलाज में देरी से मरीजों की हालत भी नाजुक हो जाती थी।
दो करोड़ की लागत से बनेगी बिल्डिंग
जिला अस्पताल परिसर में चिकित्सकों सहित स्टाफ के लिए दो करोड़ रुपए की लागत से मल्टी स्टोरी बिल्डिंग निर्माण के लिए राशि स्वीकृत हो चुकी है। कलेक्टर सतेंद्र सिंह अस्पताल परिसर में जमीन का जायजा लेने पहुंचे। सीएस डॉ. एसबी सिंह ने बताया कि परिसर में बिल्डिंग का निर्माण मप्र पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम की ओर से कराया जाएगा। बिल्डिंग के लिए दो स्थान दुर्गा मंदिर के पास और जिला प्रशिक्षण केंद्र के पास खाली पड़ा भूखंड चिह्नित किए गए हैं। शीघ्र ही एक स्थान का चयन कर निर्माण कार्य शुरू होगा। दूसरे चरण में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी आवासीय बिल्डिंग का निर्माण होगा। इनमें सिविल अस्पताल मैहर, सीएचसी नागौद, उचेहरा, देवराजनगर, पीएचसी मुकुंदपुर शामिल हैं। निर्माण राशि स्वीकृत होना शेष है।
छ्व लगातार उठा रहा आवाज
पत्रिका अस्पताल मार्ग को अतिक्रमण मुक्त करने लगातार आवाज उठा रहा था। ‘बेपटरी यातायात और अतिक्रमण ने कम की 108 की रफ्तार’ शीर्षक नाम से मोहट निवासी 81 वर्षीय रेफर वृद्ध को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन से ला रही एम्बुलेंस का मामला 2 दिसंबर को भी उजागर किया गया था। अमरपाटन से सतना चालीस किमी की दूरी एम्बुलेंस ने 45 मिनट में तय कर ली थी। लेकिन कोलगवां थाना से जिला अस्पताल महज तीन किमी की दूरी तय करने में 40 मिनिट लगे थे। अस्पताल गेट को पार करने में 10 मिनिट लग गए थे। गेट पर ऑटो, निजी वाहन पार्क थे। इसके अलावा सामने चाय-पान की दुकान भी यातायात को बाधित कर रही थी।
कलेक्टर फंसे तब जागे जिम्मेदार
अस्पताल मार्ग सहित प्रवेश द्वार पर अतिक्रमण के चलते ओपीडी समय में मरीजों को पैदल अंदर जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ननि और यातायात महकमे द्वारा जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा था। कलेक्टर निरीक्षण के बाद जाम में फंसे तब जिम्मेदार नींद से जागे।
रात में फिर वही हालात
दोपहर में अतिक्रण विरोधी कार्रवाई के बाद अमले के लौटते ही फिर से शव वाहन अस्पताल के बाहर तैनात हो गए। साथ ही धीरे-धीरे ठेला व्यापारी भी जमा हो गए, जिससे फिर से जाम लगने लगा। हालांकि प्रभारी निगमायुक्त मालवीय साकेत रविवार सुबह अस्पताल मार्ग का एक बार फिर से निरीक्षण करेंगे। इस दौरान यदि पुन: आतिक्रमण के चलते यातायात बाधित पाया गया तो अतिक्रणकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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