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Epilepsy Treatment: मिर्गी आने पर कतई न सुंघाएं जूता, वरना एक छोटी सी जतन मरीज को पड़ सकती है भारी

locationसतनाPublished: Nov 17, 2019 12:43:48 pm

Submitted by:

suresh mishra

खतरनाक: मिर्गी के मरीज विंध्य में सबसे ज्यादा सतना में

epilepsy treatment in ayurveda in hindi mirgi rog ka gharelu upchar

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विक्रांत दुबे@सतना/ आपके आसपास यदि किसी को मिर्गी का दौरा आ गया है, पीड़ित छटपटा रहा है तो जल्दबाजी में जूता या प्याज सुंघाने या फिर जबरन पानी पिलाने, मुंह में लकड़ी फंसाने जैसे कोई भी उपाय नहीं करें। आपका यह जतन पीडि़त की जान को जोखिम में डाल सकता है। जिला अस्पताल के मेडिकल विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. मनोज शुक्ला बताते हैं कि जूता सुंघाने का कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है। इससे किसी प्रकार का लाभ नहीं होता। एलोपैथी इसे नहीं मानता है।
डॉ. मनोज शुक्ला कहते हैं कि सार्वजनिक जगहों पर अक्सर देखने को मिलता है कि यदि किसी को मिर्गी का दौरा आ गया है तो लोग तरह-तरह के जतन करने लगते हैं। जबकि, चिकित्सीय के अलावा अन्य उपाय घातक हो सकते हैं। पीडि़त की जान जाने का भी खतरा हो सकता है। जबकि ऐसे पीडि़तों को त्वरित चिकित्सा मुहैया कराई जानी चाहिए। ऐसा कोई भी मामला सामने आए तो पीडि़त को शीघ्र ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने का प्रयास करें।
तेजी से बढ़ रही पीडि़तों की संख्या
स्वास्थ्य महकमे की रिपोर्ट पर गौर करें तो विंध्य में मिर्गी पीडि़तों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। सालाना पीडि़तों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा। सबसे ज्यादा असर सतना और रीवा पर है। हालांकि सभी जिला अस्पतालों में इलाज सहित जांच की सुविधा उपलब्ध है। पीडि़तों को नि:शुल्क दवाइयां भी मुहैया कराई जा रहीं। जिला अस्पताल में भी ईईजी, सीटीस्कैन जांच की सुविधा उपलब्ध है। पीडि़तों को नि:शुल्क दवा दी जा रही है।
सबसे ज्यादा सतना में पीडि़त
स्वास्थ्य महकमे की रिपोर्ट की मानें तो विंध्य में सबसे ज्यादा पीडि़त सतना जिले में है। 2017-18 में जिले में 179 मिर्गी पीडि़त सामने आए। 2018-19 में पीडि़तों की संख्या बढ़कर 232 हो गई। रीवा में वर्ष 2017-18 में 50, सीधी में 154, सिंगरौली में 118 और पन्ना में 54 पीडि़त सामने आए। 2018-19 में सिंगरौली को छोड़कर सभी जिलों में पीडि़तों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। सतना में 232, रीवा में 80, सीधी में 124, सिंगरौली में 24 और 89 पीडि़त सामने आए। पीडि़तों की बढ़ती संख्या को देख स्वास्थ्य महकमा भी चिंतित है।
इन बातों का रखें ख्याल
चिकित्सकों ने बताया कि यदि आपके सामने किसी पीडि़त को अचानक मिर्गी का दौरा आ गया है तो पीडि़त को सुरक्षित स्थान पर एक करवट सुला दें। पीडि़त के कपड़े ढीले कर दें, जहां सुलाएं ख्याल रखें कि वहां खुली हवा आ रही हो। आसपास भीड़ न लगाएं, सिर के नीचे मुलायम कपड़ा रखें, पीडि़त के मुंह में कुछ न डालें।
लाइलाज नहीं है बीमारी
विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो मिर्गी की पुष्टि होने के बाद पीडि़त को दवा का नियमित सेवन करना जरूरी होता है। दवाइयों के नियमित सेवन और एहतियात बरतने से पीडि़त को आराम मिलता है। दवाइयों के सेवन के बाद तीन वर्ष तक दौरे नहीं पड़ते, तो दवा का डोज कम करने के साथ धीरे-धीरे बंद कर दिया जाता है।
मिर्गी की वजह
मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि सिर पर चोट लगना, दिमागी बुखार आना, सिर पर गांठ बनना, ब्रेन ट्यूमर व ब्रेन स्ट्रोक होना, शराब या नशीली दवाइयों का अत्याधिक सेवन करने से लोग मिर्गी के शिकार हो जाते हैं।
मिर्गी के लक्षण
मांसपेशियों का अचानक फ ड़कना, दिमाग का अचानक बातचीत करते हुए ब्लैंक हो जाना, तेज रोशनी से आंखों में परेशानी होना, अचानक बेहोश हो जाना, मांसपेशियों पर औचक नियंत्रण खो जाना मिर्गी के प्रमुख लक्षण माने गए हैं।

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