कई किसान ऋ ण वसूली के इंतजार में
प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया था। इसमें छोटी राशि वाले किसानों के कर्ज तो माफ हो गए, लेकिन जिन किसानों ने दो लाख से ज्यादा कर्ज लिया था, उनका कर्ज माफ नहीं हो पाया था। जून में उन्हें लाभ देने का प्रस्ताव पूर्व सरकार ने रखा था, लेकिन अब परिस्थितियां बदल गईं। सत्ता में आई भाजपा सरकार ने समर्थन खरीदी के दौरान ऋण वसूली शुरू कर दी।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया था। इसमें छोटी राशि वाले किसानों के कर्ज तो माफ हो गए, लेकिन जिन किसानों ने दो लाख से ज्यादा कर्ज लिया था, उनका कर्ज माफ नहीं हो पाया था। जून में उन्हें लाभ देने का प्रस्ताव पूर्व सरकार ने रखा था, लेकिन अब परिस्थितियां बदल गईं। सत्ता में आई भाजपा सरकार ने समर्थन खरीदी के दौरान ऋण वसूली शुरू कर दी।
इधर, समिति के कर्जदार परेशान
जिले की मंडियों में उचित दाम न मिलने से किसान समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए मजबूर हैं। समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए जिलेभर में 60 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था। जो सरकार की दोहरी नीति से परेशान हैं। शासन ने समर्थन खरीदी के साथ ही खाद-बीज या किसान क्रेडिट कार्ड ऋण की आधी रकम वसूलने का निर्णय लिया है। सरकारी खरीदी में एेसा सिस्टम बनाया गया है कि कर्ज का 50 प्रतिशत भुगतान किए बिना किसान का बिल जनरेट ही नहीं होगा। यही कारण है कि छोटे काश्तकारों के साथ अब प्रशासन ने बड़े किसानों को भी खरीदी के मैसेज भेजना चालू कर दिए हैं।
जिले की मंडियों में उचित दाम न मिलने से किसान समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए मजबूर हैं। समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए जिलेभर में 60 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था। जो सरकार की दोहरी नीति से परेशान हैं। शासन ने समर्थन खरीदी के साथ ही खाद-बीज या किसान क्रेडिट कार्ड ऋण की आधी रकम वसूलने का निर्णय लिया है। सरकारी खरीदी में एेसा सिस्टम बनाया गया है कि कर्ज का 50 प्रतिशत भुगतान किए बिना किसान का बिल जनरेट ही नहीं होगा। यही कारण है कि छोटे काश्तकारों के साथ अब प्रशासन ने बड़े किसानों को भी खरीदी के मैसेज भेजना चालू कर दिए हैं।