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हर पग जांच, फिर जेल में कैसे पहुंचा गांजा?

locationसतनाPublished: Jun 08, 2020 12:32:40 am

Submitted by:

Dhirendra Gupta

खास को बचाने प्रहरी को निपटाया, सवालों में केन्द्रीय जेल की सुरक्षा व्यवस्था, बंदी के पास कहां से आया गांजा के लिए पैसा

Broker Durgesh arrested from jail in smuggling case

Broker Durgesh arrested from jail in smuggling case

सतना. केन्द्रीय जेल सतना की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। अहम बात यह है कि हर पग जांच के बाद भी जेल की चार दीवारी के अंदर आखिर गांजा की पुडि़या कैसे पहुंच गई? इससे भी बड़ी बात तो यह है कि महज बंदी के कह देने पर अपने खास को बचाने एक प्रहरी को निलंबित कर दिया गया। जबकि यह सभी जानते हैं कि बंदियों के पास नकद रकम जेल में नहीं होती है। जबकि उसने कहा कि उसने 1500 रुपए में 20 ग्राम गांजा खरीदा है। इस बड़े खुलासे के बाद जेल प्रबंधन की कार्रवाही खुद सवालों के दायरे में फंस रही है। जब सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए तो जेल प्रबंधन ने जेल में दाखिल होने वाले स्टॉफ और बंदियों की जांच करने वालों को भी नोटिस देकर जबाव तलब करने की कार्रवाही शुरू कर दी है।
यह है मामला
जेल अधीक्षक नरेन्द्र प्रताप सिंह ने निलंबन पत्र में लेख किया है कि प्रहरी सुशांत सोंधिया की ड्यूटी 5 जून की रात 2 से सुबह 6 बजे तक नवीन आमद को रखने के लिए आइसोलेशन सेक्टर में निर्धारित की गई थी। आइसोलेशन सेक्टर में सुबह के वक्त 6 से 8 बजे तक सर्किल में ड्यूटी करने के लिए दण्डित बंदी सुखचैन उर्फ छोटू कोल पहुंचा। तभी प्रहरी ने बंदी छोटू को गांजा उपलब्ध कराया। जब ड्यूटी पूरी कर बंदी छोटू नवीन खण्ड के शारदा सेक्टर के 3/5 की ओर जा रहा था तभी नवीन खण्ड फाटक में तैनात दण्डित बंदी महेन्द्र तिवारी ने तलासी ली। तलासी के दौरान सुखचैन उर्फ छोटू के दाहिने पैर के घुटने के नीचे पॉलीथिन में बंधा गांजा बरामद हुआ। पूछताछ में बंदी छोटू ने प्रहरी सुशांत से १५०० रुपए में २० ग्राम गांजा लेने की बात कही। एेसे में प्रहरी को निलंबित कर दिया गया।
आखिर कैसी सुरक्षा?
केन्द्रीय जेल में मुख्य द्वार से ही दाखिल होने पर हर आम और खास की अच्छे से तलासी लेने का नियम है। आरक्षक सुशांत जब ड्यूटी पर गया तो उसकी तलासी हुई और जूते तक उतारवा कर जांचा गया। इसके बाद वह अपने तय स्थान पर ड्यूटी करने लगा। यहां गौर करने वाली बात है कि अगर सुशांत गांजा लेकर जेल में दाखिल हुआ तो पहली जांच में ही क्यों नहीं पकड़ा गया? क्या जेल का पूरा स्टॉफ गांजा और अन्य प्रतिबंधित पदार्थों की तस्करी में शामिल है? फिर ड्यूटी पूरी होने पर प्रहरी सुशांत के जाने के बाद बंदी छोटू को चक्कर फाटक पर जांचा गया तो वहां उसके पास गांजा क्यों नहीं मिला। सुशांत के जाने के दो घंटे बाद जब छोटू नवीन खण्ड फाटक पर पहुंचा तब उसके पास गांजा बरामद हुआ। सवाल यह है कि जेल में सुरक्षा इंतजाम आखिर किस तरह के हैं जो तलासी होने के बाद भी आसानी से प्रतिबंधित वस्तुएं पकड़ी नहीं जाती।
जेल में नहीं है तालमेल
केन्द्रीय जेल में अफसरों के बीच तालमेल नहीं है। इसी का नतीजा है कि जो अवैध काम अब तक होते आए हैं उनकी परतें खुलने लगी हैं। गांजा पकड़े जाने के बाद एक खास बात सोशल मीडिया पर और देखी गई। जेल के अंदर से ही अधिकारी अपने परिचितों के जरिए सोशल मीडिया पर एक दूसरे की कलई खोलते रहे।
वर्जन…
जेल में बंदियों के पास नकद पैसा नहीं रहता। पकड़े गए बंदी ने प्रहरी का नाम बताया इसलिए गांजा के मामले में उसे निलंबित कर विभागीय जांच कराई जा रही है। जेल में आने वाले स्टॉफ और बंदियों की जांच करने वाले स्टॉफ को भी नोटिस देकर जबाव तलब कर रहे हैं।
– नरेन्द्र प्रताप सिंह, जेल अधीक्षक, सतना

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