आगे कहा कि चित्रकूट उपचुनाव में भाजपा की हार ये संकेत देती है कि जनता की नजरों में पार्टी की छवि धूमिल हुई है। भाजपा धीरे-धीरे विश्वास खो रही है। इस बयान के बाद स्थानीय भाजपा नेताओं ने दूरी बना ली। वे कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री से मिलने तक नहीं पहुंचे।
उल्लेखनीय है कि, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर दो दिवसीय प्रवास पर सतना आए थे। गौर डीआरआई (दीनदयाल शोध संस्थान) भी पहुंचे। वहां कुछ समय के लिए डीआरआई पदाधिकारियों से चर्चा की। इस दौरान अधिकतम समय चित्रकूट में दिया। इस दौरान भाजपा के एक असंतुष्ट नेता भी उनसे मिलने पहुंचे। उनके आने की चर्चा का बाजार गर्म रहा। वापस भोपाल लौटते समय विवादित बयान सामने आया तो स्थानीय भाजपा नेताओं के होश उड़ गए है।
अगवानी को पहुंचे गिनती के समर्थक
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर बुधवार की सुबह चित्रकूट पहुंचे थे। इस दौरान उनके कुछ समर्थक तो पहुंचे, लेकिन पार्टी के बड़े नेता दूरी बनाए रखे। चित्रकूट उपचुनाव होने के बाद बड़े भाजपा नेता का यह पहला दौरा है। दौरे को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी जोर पकड़ रही हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि वे उपचुनाव के दौरान चित्रकूट नहीं आए। ना ही पार्टी ने उन्हें बुलाया।
गुरुवार की शाम भोपाल रवाना
बताया गया, पूर्व मुख्यमंत्री गौर बुधवार सुबह रीवांचल एक्सप्रेस से सतना पहुंचे थे। स्टेशन पर उनका स्वागत करने के लिए गिनती के समर्थक ही पहुंचे थे। इसके बाद वे सीधे चित्रकूट रवाना हो गए। कामतानाथ पहुंचे और मत्था टेका। गौर निजी कार्यक्रमों में शिरकत करने के लिए ही सिर्फ चित्रकूट में निकले। फिर गुरुवार की शाम रीवांचल एक्सप्रेस से भोपाल वापस रवाना होंगे।