scriptBIG EXPOSE : सतना कलेक्ट्रेट से बनाए जा रहे फर्जी वनाधिकार पट्टे ! | Fake 'van adhikar patta' being made in Satna district, Gang active | Patrika News

BIG EXPOSE : सतना कलेक्ट्रेट से बनाए जा रहे फर्जी वनाधिकार पट्टे !

locationसतनाPublished: Jun 21, 2020 11:29:35 pm

Submitted by:

Ramashankar Sharma

आजाक और वन अमले की मिली भगत से हो रहा है फर्जीवाड़ा
वन विभाग ने एक युवक से जब्त किए बड़े पैमाने पर दस्तावेज और वन विभाग की सील
मामला पुलिस को सौंपा, पुलिस ने बनाया आर्म्स एक्ट
हजारों रुपये अपात्रों से वसूल कर किया जा रहा है बड़ा खेल

Fake 'van adhikar patta' being made in Satna district, Gang active

Fake ‘van adhikar patta’ being made in Satna district, Gang active

सतना। शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े की तरह जिले में अब वनाधिकार पट्टा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसमें आदिम जाति कल्याण विभाग, वन विभाग के शासकीय सेवकों सहित वन समितियों के लोग और सरपंच सचिवों की मिलीभगत से फर्जी वनाधिकार पट्टा बनाया जाता है। चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई है कि वन विभाग की फर्जी टीप तक यह गिरोह तैयार कर लेता है और उसमें फर्जी मुहर लगा कर उसे असली जैसा बना कर फाइल में नस्तीबद्ध करता है। गिरोह के एक सदस्य को वन विभाग ने पकडऩे में सफलता हासिल की है और उसे जसो पुलिस को सुपुर्द कर दिया है। उधर जसो पुलिस ने उसपर आम्र्स एक्ट का मामला बनाया है। उधर युवक से जब्त संदिग्ध दस्तावेज और फर्जी सील मुहर वनपाल भारत सिंह नागर को मैदानी अमले ने सौंप दी है।
गैर शासकीय व्यक्ति बनाता है जीपीएस नक्शा
मिली जानकारी के अनुसार गिरोह का एक सदस्य पुष्पेन्द्र बागरी जो रैगांव-करसरा रोड में पड़ने वाले सेमरिया गांव का निवासी है परसमनिया पठार में लगातार आदिवासियों से संपर्क कर उन्हें फर्जी वनाधिकार पट्टे देने का काम कर रहा है। संबंधितों से पैसा लेने के बाद उनकी जमीन का जीपीएस से नक्शा पीडीएफ करता है। इसके बाद अन्य दस्तावेज लेकर उनकी नस्ती बना कर आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यालय में सौंपता है। इतना ही नहीं इसके द्वारा आदिवासियों के वन भूमि में फर्जी कब्जे की टीप भी बनाई जाती है और वन विभाग की फर्जी सील मुहर लगाकर हस्ताक्षर भी किये जाते हैं। इस काम में आदिम जाति कल्याण विभाग, वन विभाग, वन समिति सहित स्थानीय सरपंच सचिव भी साथ देते हैं। जानकारों का कहना है कि आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यालय के कुछ लिपिकीय स्टाफ इस खेल के मास्टर माइंड है और उनके द्वारा बाद में फर्जी पट्टा जारी कर दिया जाता है।
इस तरह हुआ खुलासा
इस पूरे खेल का खुलासा वन विभाग की सक्रियता से हो सका है। मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग के रेंजर अरुण शुक्ला को यह सूचना मिली थी कि कोई व्यक्ति वन भूमि में जमीन नाप कर रहा है और आदिवासियों को इन जमीनों का पट्टा दिलाने की बात कर रहा है। इस सूचना के आधार पर मैदानी अमले को सक्रिय किया गया और वन क्षेत्र में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए। हालांकि इस दौरान एक संदिग्ध व्यक्ति जंगल में घूमता दिखा लेकिन उसके पास कुछ था नहीं लिहाजा उस पर कोई कार्रवाई न कर उसकी निगरानी शुरू कर दी। गत दिवस पाया गया कि ये आदमी रात को वन भूमि में नापजोख कर रहा था। इस दौरान लगातार निगरानी कर रहे मैदानी वन अमले ने संबंधित युवक को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम पुष्पेन्द्र बागरी पिता दिलीप बागरी (28) बताया। पहले तो वो वन भूमि में नापजोख करने की बात से इंकार करता रहा। लेकिन जब पूछताछ का दायरा बढ़ाया गया तो उसने सच उगल दिया। इसके बाद उसकी तलाशी ली गई तो उसके कब्जे से कई फाइलें और काफी संख्या में वनाधिकार पट्टे से संबंधी दस्तावेज मिले। इतना ही नहीं इसके साथ ही वन विभाग सतना की फर्जी सील भी मिली। इन्हें जब्त करते हुए सभी दस्तावेज डिप्टी रेंजर भारत सिंह नागर को सौंप दिए गए हैं। साथ ही जसो पुलिस को बुलाकर आरोपी को सुपुर्द कर दिया गया।
पूछताछ में उगला सच
पुलिस को सौंपने से पहले स्थानीय ग्रामीणों की मौजूदगी में वन अमले ने पुष्पेन्द्र से पूछताछ की। जिसमें उसने इस काम में आदिम जाति कल्याण विभाग सतना के लिपिक चतुर्वेदी सहित एक सोहावल निवासी बाबू की भूमिका का भी उल्लेख किया है तो इस मामले में वन विभाग के नागर से अपनी मुलाकात की बात स्वीकारी है। हालांकि इसका खुलासा विस्तृत जांच में हो सकेगा। लेकिन यह तो साबित हो रहा है कि जिले में फर्जी तरीके से वनाधिकार पत्र बनाए जा रहे हैं।
पुलिस ने आर्म्स एक्ट का मामला कायम किया
जसो थाना पुलिस ने इस मामले में अलग कहानी बताई है। कहा कि यह लोगों को धमका रहा था। उसके पास से चक्कू मिला था। आर्म्स एक्ट में बंद किया गया है। उधर यह भी जानकारी सामने आई है कि इस मामले में पुष्पेन्द्र से जुड़ा एक व्यक्ति खुद को अखबार (पत्रिका नहीं) से जुड़े वाहन का चालक बताते हुए थाना पहुंचा था।
एक युवक पुष्पेन्द्र बागरी को वन भूमि में संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर पकड़ा गया था। उसके पास से कई संदिग्ध दस्तावेज और सील मिली है। संबंधित को जसो पुलिस को पूरी जानकारी देते हुए सौंप दिया गया है।
– अरुण शुक्ला, रेंजर

वन विभाग ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है। चाकू लेकर युवक लोगों को धमका रहा था। इस आधार पर प्रकरण कायम किया गया है।

– केपी त्रिपाठी, जसो थाना प्रभारी

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