इसमें हर वार्ड के लिए आवश्यकतानुसार अलग-अलग वित्त का प्रबंध किया जाएगा। इससे शहर के उन वार्डों को अधिक लाभ मिलेगा, जो अभी तक निगम प्रशासन की उपेक्षा के चलते विकास की राह देख रहे थे। बजट में वार्डों की जरूरत के हिसाब से उनकी आवश्यकताएंतय की जाएंगी।
नए सिरे से वार्डवार बजट तैयार गौरतलब है, वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए नगर निगम प्रशासन द्वारा संयुक्त बजट तैयार किया जा रहा था। लेकिन, बीते सप्ताह नगरीय प्रशासन विभाग से आए एक पत्र ने निगम के संयुक्त बजट तैयार करने के प्रयासों पर पानी फेर दिया है। नगरीय प्रशासन ने नया बजट वार्डवार प्रस्तुत करने के निर्देश निगम प्रशासन को दिए हैं। पत्र मिलते ही नगर निगम के अधिकारी नए सिरे से वार्डवार बजट तैयार करने में जुट गए हैं।
चर्चा में फंसी बजट की फाइल
नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा तय गाइडलाइन के अनुसार नगर निगम को १५ जनवरी तक मेयर इन कॉउंसिल से बजट को अनुमोदित कराना अनिवार्य है। इसके बाद इसे अंतिम स्वीकृति के लिए परिषद में रखा जाएगा। नगर निगम प्रशासन अभी तक बजट की फाइल को अंतिम रूप नहीं दे पाया। निगम सूत्रों के अनुसार बजट की फाइल मेयर और कमिश्नर की आपसी खींचतान में फंसी हुई है।
नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा तय गाइडलाइन के अनुसार नगर निगम को १५ जनवरी तक मेयर इन कॉउंसिल से बजट को अनुमोदित कराना अनिवार्य है। इसके बाद इसे अंतिम स्वीकृति के लिए परिषद में रखा जाएगा। नगर निगम प्रशासन अभी तक बजट की फाइल को अंतिम रूप नहीं दे पाया। निगम सूत्रों के अनुसार बजट की फाइल मेयर और कमिश्नर की आपसी खींचतान में फंसी हुई है।
आयुक्त के पास चर्चा के लिए पेंडिंग सूत्रों ने बताया कि विगत दिवस नगरीय प्रशासन से पत्र आने के बाद निगम प्रशासन ने वार्डवार बजट तैयार करने की फाइल महापौर को स्वीकृति के लिए सौंपी थी। उसमें मेयर ने ‘चर्चा की जायÓ टीप लगाकर कमिश्नर को वापस लौटा दिया था। तब से बजट की फाइल आयुक्त के पास चर्चा के लिए पेंडिंग है। अभी तक उनकी ओर से चर्चा के लिए महापौर को समय नहीं दिया गया।
अविकसित वार्डों के लिए होगा खास
ननि सूत्रों ने बताया, इस साल प्रस्तुत होने वाले बजट में वार्डों को विकसित एवं अविकसित दो श्रेणियों में बांटा जाएगा। जिन वार्डों में अभी विकास कम हुआ है, उनमें सड़क, बिजली, पानी एवं सौंदर्यीकरण के लिए अधिक बजट का प्रावधान किया जाएगा। नगर निगम की इस नई पहल से शहर के समग्र विकास की उम्मीद बंधी है।
ननि सूत्रों ने बताया, इस साल प्रस्तुत होने वाले बजट में वार्डों को विकसित एवं अविकसित दो श्रेणियों में बांटा जाएगा। जिन वार्डों में अभी विकास कम हुआ है, उनमें सड़क, बिजली, पानी एवं सौंदर्यीकरण के लिए अधिक बजट का प्रावधान किया जाएगा। नगर निगम की इस नई पहल से शहर के समग्र विकास की उम्मीद बंधी है।
पार्क एवं तालाबों के विकास पर जोर
नगर निगम प्रशासन द्वारा तैयार किए जा रहे बजट में इस वर्ष पार्क सौंदर्यीकरण एवं तालाबों के विकास पर जोर दिया जा रहा है। इस मद में व्यय होने वाली राशि में दस गुना तक वृद्धि का अनुमान है। गौरतलब है, बीते साल ननि प्रशासन द्वारा प्रस्तुत बजट में पार्क एवं तालाबों के कायाकल्प के लिए मात्र 50 लाख रुपए का प्रावधान किया गया था। इस वर्ष शहर में सीवर लाइन के कारण नाली निर्माण के बजट में कटौती हो सकती है। इसके अलावा शहर में सीसी सड़कों की जगह डामर सड़कों के निर्माण पर जोर दिया जाएगा।
नगर निगम प्रशासन द्वारा तैयार किए जा रहे बजट में इस वर्ष पार्क सौंदर्यीकरण एवं तालाबों के विकास पर जोर दिया जा रहा है। इस मद में व्यय होने वाली राशि में दस गुना तक वृद्धि का अनुमान है। गौरतलब है, बीते साल ननि प्रशासन द्वारा प्रस्तुत बजट में पार्क एवं तालाबों के कायाकल्प के लिए मात्र 50 लाख रुपए का प्रावधान किया गया था। इस वर्ष शहर में सीवर लाइन के कारण नाली निर्माण के बजट में कटौती हो सकती है। इसके अलावा शहर में सीसी सड़कों की जगह डामर सड़कों के निर्माण पर जोर दिया जाएगा।
नहीं चलेगा पार्षदों का प्रभुत्व
वार्डवार बजट प्रस्तुत होने से नगर निगम के पॉवरफुल पार्षदों का प्रभुत्व कम होगा। तय बजट के अनुसार निगम प्रशासन द्वारा सभी वार्डों में विकास कार्य कराए जाएंगे। इससे निगम प्रशासन पर बजट आवंटन में पक्षपात का आरोप भी नहीं लगेगा। ज्ञात हो कि अभी तक निगम प्रशासन द्वारा निर्माण कार्यों के लिए शहर का संयुक्त बजट प्रस्तुत किया जाता था। इसमें कुछ वार्डों में करोड़ों के कार्य हो जाते थे तो कुछ वार्ड सड़क-नाली के लिए तरसते रहते थे।
वार्डवार बजट प्रस्तुत होने से नगर निगम के पॉवरफुल पार्षदों का प्रभुत्व कम होगा। तय बजट के अनुसार निगम प्रशासन द्वारा सभी वार्डों में विकास कार्य कराए जाएंगे। इससे निगम प्रशासन पर बजट आवंटन में पक्षपात का आरोप भी नहीं लगेगा। ज्ञात हो कि अभी तक निगम प्रशासन द्वारा निर्माण कार्यों के लिए शहर का संयुक्त बजट प्रस्तुत किया जाता था। इसमें कुछ वार्डों में करोड़ों के कार्य हो जाते थे तो कुछ वार्ड सड़क-नाली के लिए तरसते रहते थे।