scriptपुलिस सहायता केंद्र के सामने लग्जरी कार का कांच तोड़कर दो बैग चोरी, पुलिस ने FIR की जगह दर्ज की NCR | fir or ncr me antar: full form of ncr in police in hindi | Patrika News
सतना

पुलिस सहायता केंद्र के सामने लग्जरी कार का कांच तोड़कर दो बैग चोरी, पुलिस ने FIR की जगह दर्ज की NCR

दिनदहाड़े वारदात: पुलिस ने दर्ज की कागज गुमने की शिकायत

सतनाNov 13, 2019 / 02:09 pm

suresh mishra

fir or ncr me antar: full form of ncr in police in hindi

fir or ncr me antar: full form of ncr in police in hindi

सतना/ जिले में बदमाशों का आतंक बढ़ता जा रहा। अब वे पुलिस से भी खौफ नहीं खाते हैं। कोलगवां थाना क्षेत्र में पुलिस सहायता केंद्र के सामने दिनदहाड़े लग्जरी कार का कांच तोड़कर दो बैग चोरी कर लिए गए। भीड़ भरे इलाके में इस किस्म की वारदात का होना पुलिस के लिए बदमाशों की ओर से किसी चुनौती से कम नहीं है। वाहन मालिक जब थाने में एफआईआर दर्ज कराने पहुंचा तो वहां गाड़ी में तोडफ़ोड़ कर सामान चोरी करने के इस मामले में अपराध पंजीबद्ध करने की बजाय सीआरपीसी की धारा 155 के तहत कपड़े एवं कागजात गुम होने की सूचना दर्ज की गई है।
कॉफी हाउस का मामला

भोपाल चूना भट्टी थाना क्षेत्र में रहने वाले फतेह सिंह शेखावत पुत्र हीरेंद्र सिंह (29) लग्जरी कार एमपी 04 सीएम 4380 से सतना आए थे। वे सेमरिया चौक स्थित कॉफी हाउस पहुंचे। दिन में सुबह करीब सवा 10 बजे उन्होंने गाड़ी कॉफी हाउस के बाहर खड़ी की और नाश्ता करने लगे। आधा घंटा बाद लगभग पौने 11 बजे जब वे कॉफी हाउस से बाहर आए तो उनके होश उड़ गए। उनकी इस गाड़ी में ड्राइवर सीट के पीछे की सीट का कांच टूटा था। गाड़ी में अंदर कांच के टुकड़े फैले हुए थे और गाड़ी में रखे दो बैग गायब थे।
गायब हुए अहम दस्तावेज
फतेह सिंह शेखावत ने बताया कि एक नीले रंग का बैग था जिसमें कपड़े थे। एक बैग काले रंग का था जिसमें खनिज एवं पर्यावरण विभाग सहित अन्य शासकीय विभागों से संबंधित जरूरी कागजात थे। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक एवं केनरा बैंक की चेक बुक थी। यह दोनों बैग गाड़ी में नहीं मिले जिससे साफ है कि दोनों बैग चोरी हो गए हैं। जो चेकबुक चोरी हुई है उसमें कुछ चेक साइन किए हुए थे।
सवाल…पुलिस ने हल्के से क्यों लिया
पुलिस मुख्यालय भोपाल के शीर्ष स्तरीय अधिकारियों से लेकर जिला पुलिस अधीक्षक अधीनस्थों को निर्देशित करते हैं कि थाने आने वाले फरियादी को गंभीरता से सुनकर उसकी यथासंभव मदद की जाए। सवाल है कि अगर फरियादी के मुताबिक घटना चोरी की है और इसे दिनदहाड़े सार्वजनिक स्थान पर अंजाम दिया गया तो पुलिस ने फरियादी के कहे मुताबिक कांच तोड़कर बैग चोरी करने का अपराध पंजीबद्ध क्यों नहीं किया? क्या वजह है कि पुलिस ने कपड़े एवं कागजात गुमने का मामला मानकर एफआईआर की जगह एनसीआर दर्ज की है।
सीआरपीसी 155 के तहत एनसीआर दर्ज

फरियादी के मुताबिक सीआरपीसी 155 के तहत एनसीआर दर्ज की गई है। जिसका रोजनामचा क्रमांक 63 है। यह एनसीआर हेड कांस्टेबल 1111 कमलेश कुमार की ओर से दर्ज की गई है। क्या पुलिस चोरी की बात को पचा नहीं पा रही है या फिर पुलिस चोरी के इस मामले में जांच करने से बचना चाहती है? जबकि जांच से यह भी पता लग सकता है कि वास्तव में इस घटना को किस लिए अंजाम दिया गया है? क्या किसी बदमाश ने लैपटॉप और कैश की संभावना में बैग की चोरी की है या फिर किसी परिचित और करीबी का इस घटना में हाथ है?
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो