बताया गया कि जिस बिल्डिंग में आग लगी वह जर्जर हालत में और और उस पर भी सचिन टेंट हाउस का वहां गोदाम हुआ था। आग लगने से गोदाम के अंदर रखे टेंट के पकड़े बर्तन वगैरह सब जलकर राख हो गए। टेंट संचालक को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। फायर अधिकारियों ने बताया कि आग लगने की घटना के कारणों की तलाश की जा रही है। गोदाम की फायर एनओसी नहीं है। फायर अधिकारियों ने बताया कि यदि समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। आग से अगल-बगल के भवन चपेट में आ सकते थे। आग की चपेट में आए जर्जर भवन की पहली मंजिल की छत गिर गई है। दमकल कर्मियों ने अपनी जान पर खेलते हुए आग बुझाई।
आग की लपटें काफी ऊपर तक थी जिसे देखकर आसपास के लोग दहशत में आ गए। फायर विभाग के अधिकारियों ने सिविल लाइन व कोलगवां फायर स्टेशन से दमकल के 5 वाहन और कर्मियेां को बुलाकर काम पर लगाया। बताया गया कि आग की लपटों पर काबू पाने पांचों दमकल में भरा पानी काम नहीं आया। पानी के लिए स्टेशन तक पांचों दमकलों को पांच-पांच फेरे लगाने पड़े। दमकल कर्मियों ने बताया कि आग पर पूरी तरह काबू पाने के लिए एक लाख लीटर पानी खर्च हुआ।
नगर निगम की फायर शाखा ने अपनी शुरुआती जांच में पाया कि एक मंजिला भवन पर अवैध रूप से टेंट हाउस का गोदाम चल रहा था। भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका था। सूत्रों ने बताया कि अतिक्रमण शाखा से भवन मालिक को पूर्व में जर्जर भवन गिराने की नोटिस भी दी गई थी। नोटिस के बाद भी जर्जर मकान में कपड़ो व प्लास्टिक से भरा गोदाम चलता रहा। नगर निगम भी नोटिस देकर भूल गया था। आग की घटना की जांच के बाद भवन को ध्वस्त करने की कार्रवाई हो सकती है।
आरपी परमार, फायर अधिकारी