बरगढ़ स्टेशन मास्टर अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि जबलपुर में चेकिंग के बाद ट्रेन आगे बढ़ाई गई थी। आग लगने का कारण ब्रेक बाइंडिंग होना है। ब्रेक शू में दिक्कत से ऐसी स्थिति बनी थी। आग लगने के बाद करीब एक घंटे तक ट्रेन रुकी रही। आग बुझने के बाद 10.24 बजे पर ट्रेन आगे के लिए रवाना हुई।
आग की जानकारी मिलने के बाद यात्रियों में हड़कंप मच गया। चीख पुकार के बीच किसी ने चेन पुलिंग की और बरगढ़ स्टेशन पर ट्रेन रुकी। ट्रेन की रफ्तार कम होते ही यात्री अपना सामान लेकर कूदने लगे, पूरे स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सूचना मिलते ही बरगढ़ स्टेशन पर ही रेल कर्मियों ने आग को नियंत्रित कर लिया। जिससे कोई हताहत नहीं हो पाया और लगभग एक घंटे बाद ट्रेन को सुरक्षित इलाहाबाद की ओर रवाना कर दिया गया।
चित्रकूट के कटैया डांडी रेलवे स्टेशन के पास ब्रेक शू के पास आग लगने के दौरान ट्रेन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में थी। मानिकपुर जंक्शन चित्रकूट से ट्रेन चलने के बाद अगला स्टापेज नैनी प्रयागराज में था। इस दौरान यात्रियों की निगाह नहीं पड़ती, तो बड़ा हादसा तय था। एस-2 और एस-3 बोगी के यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकी। 10.24 बजे ट्रेन आगे के लिए रवाना कर दी गई है।
बॢनंग ट्रेन बनने से पवन एक्सप्रेस बच गई। इसके पीछे की वजह यात्री रहे। ट्रेन के गार्ड या चालक को घटना की जानकारी ट्रेन रुकने के बाद हुई। इससे एक बार फिर रेलवे प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।