scriptपहले वायरलेस लूटा, फिर बस्ता गायब हुआ, अब हुई बाइक चोरी | First robbed wireless, then vanished, now bike stolen | Patrika News

पहले वायरलेस लूटा, फिर बस्ता गायब हुआ, अब हुई बाइक चोरी

locationसतनाPublished: Dec 08, 2019 05:51:24 pm

Submitted by:

Dhirendra Gupta

अपनी ही संपत्ति महफूज नहीं रख पा रही पुलिस, बरामदगी और अपराधियों तक पहुंचने में छूटा पसीना

सतना. पहले पुलिस का वायरलेस सेट गायब हो गया। फिर जरूरी बस्ता मोटरसाइकिल से गिर कर कहीं गायब हो गया। इसके बाद बाइक चोरी चली गई। इससे बड़ी बात यह है कि इनमें से किसी भी चीज की बरामदगी नहीं हो सकी है। इस वजह से पुलिस की किरकिरी हो रही है। अहम बात यह है कि इन तीनों ही घटनाओं के पीछे कहीं न कहीं सबसे बड़ी वजह लापरवाही प्रदर्शित होती है। इस लिहाज से कहा यह जा सकता है कि चंद लापरवाह पुलिसकर्मियों की वजह से पूरे विभाग पर उंगली उठ रही है और कथित गैर जिम्मेदार कर्मचारियों की वजह से पुलिस कप्तान की छवि पर भी विपरीत असर पड़ रहा है।
गांव से शहर तक हावी बदमाश
देहात से लेकर जिला मुख्यालय तक छोटी बड़ी वारदातों के बीच सीधे तौर पर पुलिस को चुनौती देने वाले बदमाशों पर पुलिस अब तक शिकंजा नहीं कस सकी है। कुछ समय पहले कोलगवां थाना इलाके में आधा दर्जन से अधिक बदमाशों ने एकजुट होकर पुलिस पार्टी पर गश्त के दौरान हमला बोल दिया था। बदमाश पुलिस की राइफल छीन ले गए थे। उसी बीच पुलिस का वायरलेस सेट गुम हो गया था। सूत्रों की मानें तो पुलिस अब तक उस वायरलेस सेट को बरामद नहीं कर सकी है। बीते दिनों सिविल लाइन थाना क्षेत्र से पुलिस की विभागीय बाइक चोरी हो गई थी। बताते हैं कि पेट्रोलिंग टीम के पास यह बाइक थी। टीम के आरक्षक बाइक खड़ी कर चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे थे। उसी बीच स्कूटर से आए बदमाशों ने एमपी 03 ए 2665 नंबर की बाइक चोरी कर ली।
अब तक नहीं मिला बस्ता
गौरतलब है कि राइफल छीनने और वायरलेस सेट गायब होने की घटना गश्त के दौरान हुई थी, उसी तरह पुलिस की बाइक चोरी हो जाने की घटना भी गश्त के दौरान होना बताई जाती है। जन सुरक्षा के लिहाज से गस्त व्यवस्था बनाई गई है, जब पुलिस अपनी सुरक्षा नहीं कर पा रही है तो आम आवाम इस पुलिस से अपनी सुरक्षा का भरोसा कैसे करे?यहां बता दें कि जिस तरह पुलिस अपने वायरलेस सेट सहित चोरी गई बाइक की सरगर्मी से तलाश कर रही है ठीक उसी तरह पुलिस अपनी कुछ केस डायरियां भी ढूंढ रही है। बीते दिनों कोलगवां थाना के एक मुंशी से पूरा बस्ता ही गुम हो गया था। उस बस्ते में केस डायरीयों के साथ अन्य जरूरी कागजात थे।
सीएम हेल्पलाइन सहारा
अब सवाल यह है कि क्या सतना पुलिस इस प्रकार से सीधी चुनौती देने वाले बदमाशों को सबक सिखा सकेगी। दरअसल पुलिस की स्थिति यह है कि थानों में सुनवाई ना होने पर लोग सीएम हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत कर रहे हैं। कह सकते हैं कि या तो थानों की पुलिस अपने पास आने वाले फरियादियों की मदद नहीं कर रही है या फिर फरियादियों का पुलिस से भरोसा उठता जा रहा है। सूत्रों की मानें तो ऑनलाइन फ्रॉड से संबंधित कुछ मामले ऐसे हैं जिनके आरोपी संदेही मजे से बाहर टहल रहे हैं और इसीलिए ऐसे मामलों की शिकायत सीएम हेल्पलाइन तक पहुंच रही है।
कार सवार चोरों का पता नहीं
पुलिस अधीक्षक से लेकर पुलिस मुख्यालय ने समूचे विभाग को हिदायत दी है की संपत्ति संबंधित अपराधों को गंभीरता से लिया जाए बावजूद इसके चोरी, लूट, छीना झपटी, ठगी, धोखाधड़ी जैसी घटनाओं पर प्रभावी तरीके से अंकुश नहीं लग पा रहा है। बीते दिनों लग्जरी कार में सवार होकर आए बदमाशों ने भरहुत नगर तिराहे पर पुलिस चौकी के नजदीक दो दुकानों को भोर के वक्त अपना निशाना बनाया और हजारों रुपए की नकदी सहित कुछ सामान चुरा ले गए। पुलिस चौकी के करीब दिन के वक्त चोरी की दो वारदातों का एक साथ होना पुलिस के लिए चुनौती नहीं तो और क्या है?
क्यों नहीं करते एफआइआर
बात बदमाशों के हौसले की करें तो बीते दिनों इसका नमूना सतना सहित अमरपाटन में सामने आ चुका है। जहां वर्दी का रुआब बताकर कियॉस्क संचालकों से 20 -20 हजार रुपए ठग लिए गए। पीडि़त कई दफा थाने के चक्कर काट चुके हैं और ठगी करने वाले के बारे में अहम सुराग भी दे चुके। बावजूद इसके पुलिस मुकद्मा तक दर्ज करने को तैयार नहीं है।
तस्वीर होते हुए भी हाथ खाली
गौरतलब है कि पहले के जमाने में सीसीटीवी कैमरे जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी। पुलिस अपराधियों तक पहुंचने के लिए अपने तरीकों का इस्तेमाल करती थी। अब अमूमन वारदातों में सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग काम आ रही है, लेकिन बात पुलिस बाइक चोरी की करें तो सीसीटीवी रिकॉर्डिंग भी कोई मदद नहीं कर सकी है। यहां जो भरहुत नगर नगर तिराहे में चोरी हुई उसमें तो कैमरे की रिकॉर्डिंग में चोर दिख रहा है, गाड़ी भी दिख रही है। इसी तरह वर्दी वाले ठग की रिकॉर्डिंग भी अमरपाटन के कियॉस्क में होने की बात कही जाती है। सवाल है कि जब सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग होते हुए भी आरोपी बदमाश छुट्टा घूम रहे हैं तो यह पकड़े कब जाएंगे?

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