लाइट वेट के चलते आ रही पसंद डालीबाबा निवासी प्रियंका शर्मा कहती हैं कि यह ज्वैलरी लाइट वेट होने के साथ कुछ अलग महसूस करवाती है। इसमें नेकलेस, हथ फ ूल, मांग टीका, झूमके, ब्रेसलेट, पायल, कमरबंद, बाजू बंद की फ्लावर ज्वैलरी चलन में है। छोटे मोटे फंक्शन के लिए लाइटवेट ज्वैलरी ही बेस्ट होती हैं। जिनको ओरिजन ज्वैलरी पसंद हैं वे हर फंक्शन के हिसाब से इसका ऑर्डर देकर तैयार करवाते हैं, लेकिन मैंने फेस्टिव सीजन के लिए कलरफुल पेपर से तैयार फ्लावर ज्वैलरी ली है।
फ्लावर से आता है नेचुरल लुक सज्जनपुर की रहने वाली सिंपी कहती हैं कि नवंबर में उनकी वेडिंग हैं। इसलिए उन्होंने अभी से अपनी पसंद व जरूरत के हिसाब से मेहंदी, हल्दी, संगीत सेरेमनी और फ ोटो शूट के लिए फ्लावर ज्वैलरी का निर्णय लिया है। वे कहती हैं कि कि इससे नेचुरल लुक आता है और खास बात यह है कि सिल्वर, गोल्ड के गहनों के मुकाबले फ्लावर ज्वैलरी लाइट वेट होती है, जो अब फैशन ट्रेंड बन चुकी है। और तो और यह ज्वैलरी महंगी भी नहीं होती है।
इन फूलों से बनाई जाती है ज्वैलरी
फू लों की ज्वैलरी बनाने में कुछ खास तरह के फू लों का उपयोग अधिक होता है। इनमें जेसमिन, गुलाब, कंद, हजारा, कनीर, मोगरा का उपयोग होता है। इन फू लों में महक होने के साथ कलरफुल होते हैं। वैसे तो मार्केट में ऑर्टिफि शयल फू लों से बनी ज्वैलरी की काफ ी वैरायटी मिलती है, लेकिन आेरिजनल फ्लावर से बनी ज्वैलरी का खास महत्व है।
फू लों की ज्वैलरी बनाने में कुछ खास तरह के फू लों का उपयोग अधिक होता है। इनमें जेसमिन, गुलाब, कंद, हजारा, कनीर, मोगरा का उपयोग होता है। इन फू लों में महक होने के साथ कलरफुल होते हैं। वैसे तो मार्केट में ऑर्टिफि शयल फू लों से बनी ज्वैलरी की काफ ी वैरायटी मिलती है, लेकिन आेरिजनल फ्लावर से बनी ज्वैलरी का खास महत्व है।