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व्यापार लोन लेने बैंक गए मजदूरों से धोखाधड़ी

locationसतनाPublished: Jun 13, 2020 12:25:31 am

Submitted by:

Dhirendra Gupta

किस्त का मैसेज आया तो सन्न रह गए, बैंक ने भेजा नोटिस, शिकायत पर छ महीने से जांच में अटका मामला, ऑटो मोबाइल्स एजेंसी के एजेंट पर है आरोप

Fraud against laborers who went to the bank to take a business loan

Fraud against laborers who went to the bank to take a business loan

सतना. व्यापार लोन लेने के लिए बैंक गए पांच मजदूरों को ऑटो एजेंसी के एजेंट ने अपनी जाल में फंसा लिया। लोन दिलाने में मदद के नाम पर मजदरों से हजारों रुपए ऐंठे और कई दस्तावेजों पर दस्तखत करा लिए। लोन की आस लगाए बैठे मजदूरों के फोन पर जब ऑटो की किस्त जमा करने के लिए मैसेज आया तो सभी सन्न रह गए। एक दूसरे से संपर्क कर मजदूर ऑटो एजेंसी पहुंचे और एजेंअ से संपर्क किया तो उसने यह कहकर टहला दिया कि ऑटो फाइनेंस हुआ है और किसी को किस्त जमा करने की जरूरत नहीं। लेकिन यहां बैंक रिकॉर्ड में मजदूरों के नाम चढ़े होने पर बैंक ने सभी को नोटिस जारी कर दिया।
मजदूरों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में इसकी शिकायत दर्ज कराई तो एक थाने से दूसरे थाने होते हुए शिकायती आवेदन दबा दिया गया।
यह है शिकायतकर्ता
शिकायतकर्ता विजय कुशवाहा पुत्र स्व. रामखेलावन कुशवाहा निवासी नई बस्ती कोलगवां, धनराज विश्वकर्मा पुत्र शिव कुमार विश्वकर्मा निवासी मोहरिया लालन भरजुना थाना अमरपटन, सुरेन्द्र केवट पुत्र रामधनी केवट निवासी मल्लाहन टोला तिघरा थाना कोतवाली सतना, चंद्रशेखर भुंजवा पुत्र मदनलाल भुंजवा निवसी पाइप फैक्ट्री रोड गहरा नाला सतना ने बताया कि सभी पीडि़त नजीराबाद निवासी ठेकेदार अलीम अहमद के यहां ड्राइवर का काम करते हैं।
यह है मामला
शिकायत करने वाले फरियादियों ने बताया कि वह सभी एक साथ अक्टूबर 2019 में व्यापार लोन लेने के लिए यूनियन बैंक की शाखा सेमरिया चौक गए थे। बैंक में ही इनकी मुलाकात अंबर ऑटो मोबाइल्स के एजेंट से हुई। एजेंट ने इनकी जरूरत समझी और अपने जाल में फंसा लिया। एजेंट के कहने पर मजदूरों ने व्यापार लोन की आस में अपने सभी दस्तावेज उसे दिए और फिर एजेंट ने दो दिन बाद संपर्क करने को कहा। मजदूरों ने संपर्क किया तो एजेंट ने सर्किट हाउस के पास अपने ऑफिस बुला लिया। इसके बाद पांचों से ररकम जमा करने को कहा। किसी से 55 तो किसी से 65 हजार रुपए यह कहकर जमा कराए गए कि दो लाख रुपए का लोन मिल जाएगा। इसके बाद बैंक जाकर सभी का खाता खुलवाया और फिर कहा कि लोन की रकम खाते में आ जाएगी।
पुलिस ने नहीं की सुनवाई
पांच मजदूरों की मेहनत की गाढ़ी कमाई भी चली गई और ऑटो के लोन का कर्ज भी चढ़ गया। जबकि किसी को ऑटो मिला ही नहीं। इस गंभीर मामले की शिकायत 21 जनवरी 2020 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में की गई थी। जहां से पांचों व्यक्तियों के आवेदन कोलगवां थाना भेजे गए। मामला सिटी कोतवाली का था इसलिए कोलगवां थाना से 15 फरवरी को सभी आवेदन कोतवाली भेज दिए गए। यहां मामला आने के बाद जांच में क्या हुआ किसी को पता नहीं। हालत यह है कि मजदूर परेशान होकर घूम रहे हैं। पुलिस के आला अधिकारी भी इस लाखों की धोखाधड़ी के मामले में गंभीरता नहीं दिखा रहे।

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