आठ साल की उम्र में अपहरण के बाद वैश्यावृत्ति के जाल में फंसी लड़की
सतनाPublished: Jun 22, 2019 11:20:08 pm
युवक की मदद से अपने गांव लौटकर सुनाई आपबीती, राजस्थान का कंजड़ गिरोह ने किया था 11 साल पहले अगवा
सतना. आठ साल की उम्र में चित्रकूट से अगवा हुई बालिका 11 साल बाद घर लौटी है। जब उसने आपबीती सुनाई तो रोंगटे खड़े हो गए। पीडि़ता अपने एक साथी की मदद से घर लौटी है। इस बीच उसे कई साल तक वैश्यावृत्ति के दलदल में रहना पड़ा। उसने उप्र चित्रकूट के पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए कार्रवाही की मांग की है।
11 साल पहले अपहरण
उप्र के चित्रकूट जिला मुख्यालय के शंकर बाजार से 8 वर्ष की सुमन का 3 अप्रैल 2008 को शाम सात बजे अपहरण हुआ था। आस पास रिश्तेदारियों में खोजने के बाद जब बेटी का कहीं पता नहीं चला तो पीडि़त पिता ने कर्वी कोतवाली में बेटी के गुम होने की सूचना दर्ज कराई। पुलिस भी खानापूर्ति करती रही और वक्त बीतने के साथ मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
नाम बदल कर किया दुष्कर्म
कर्वी से लापता लड़की को राजस्थान के भीलवाड़ा का आजाद कंजड़ उसकी पत्नी और बेटा अगवा कर ले गए थे। कंजड़ परिवार ने उसका नाम बदलकर शबाना रख दिया। इसके बाद बुरी नियत रखने वाले आजाद कंजड़ ने शबाना के साथ बालात्कार किया। इतना ही नहीं आजाद के बेटों ने भी मासूम के साथ दुष्कर्म किया। 8 साल की उम्र में घर से दूर हुई मासूम शबाना के साथ वर्ष 2012 से दुष्कर्म जैसी यातनाए लगातार होने लगीं। कुछ समय बाद उसे वैश्या वृत्ति के दलददल में धकेल दिया गया। उसकी कमाई से आजाद कंजड़ का घर चलने लगा। वर्ष 2013 में एक समारोह में विकास गुर्जर नाम के युवक से शबाना की मुलाकात हुई। भरोसा करते हुए शबाना ने विकास को अपने घर बुलाकर आपबीती सुनाई। शबाना की कहानी सुनकर विकास अक्सर उससे मिलने लगा। दोनों के बीच चल रहे इस मसले की भन पाकर आजद कंजड़ ने इनके मिलने पर पाबंदी लगा दी। लेकिन ग्राहकों के मोबाइल से कभी कभी शबाना की बात विकास से होती रहती थी। विकास 2015 में फिर शबाना से मिला और आजाद कंजड़ से शबाना से धंधा कराने से मना किया। इस बीच विकास ये तय कर चुका था कि वह सुमन से शबाना बनी सुमन को वेश्या वृत्ति से छुटकारा दिलाएगा। इस वक्त शबाना गर्भवती भी हो गई थी। जिसका कंजड़ परिवार फिर गर्भपात कराना चाहता था लेकिन इस बार शबाना इसके लिए तैयार नहीं थी। शबाना के मना करने पर कंजड़ परिवार का उस पर कहर टूटना शुरू हो गया था बलात्कार के अलावा मारपीट आम बात हो गयी थी। शबाना को बचाने के लिए विकास कंजड़ परिवार को 30 हजार रुपए महीने के हिसाब से पैसे देने लगा और उसी के घर में अलग कमरा बनाकर रख दिया। लेकिन इसके बाद भी कंजड़ परिवार उससे जबरन वैश्यावृत्ति करवाता रहा। विकास ने शबाना से शादी भी कर ली और स्थानीय पुलिस से मदद मांगी। लेकिन पुलिस ने उसकी कोई मदद नहीं की। इस पर विकास उसके परिवार को खोजते खोजते चित्रकूट पहुंचा और उसके पिता को राजस्थान ले गया। फिर पूरी कहानी बताई। विकास ने शबाना को फिर से सुमन नाम दिया और 2 जून को राजस्थान से उप्र के चित्रकूट आकर पुलिस से न्याय की गुहार लगाई।
लगाते थे इंजेक्शन
पीडि़ता का कहना है कि जब वह अपने पिता के घर थी तब एक आदमी अपनी पत्नी और बेटे के साथ घर के पास आया। पीने के लिए पानी मांगा तो पानी पिलाया। इस बीच वह लड़की को बिस्किट दिलाने के बहाने अपने साथ ले गए और फिर अपने पास से बिस्किट खिलाया। बिस्किट खाते ही चक्कर आ गया तो अपहरणकर्ता लड़की को गोदी में लेकर स्टेशन पहुंचे। जब होश आता तो बिस्किट खिला देते और फिर राजस्थान ले गए। वहां शरीर जल्दी ग्रोथ करे इसके लिए आरोपी दवाइया देेते थे और इंजेक्शन लगाते थे।
बस्ती से भाग नहीं पाई
अपने घर लौटी पीडि़ता ने बताया कि उसने वैश्यावृत्ति के चंगुल से भागने का भी प्रयास किया। लेकिन वह बदमाशों के चंगुल से छूट नहीं पाई। जब कोशिश की तो उसके बाद यातना के रूप में आजाद कंजड़ और उसके बेटे बलात्कार जैसी घिनौनी हरकत करते थे। जब विकास मिला तो उसने कंजड़ परिवार को लाखों रुपए सिफ इसलिए दिए ताकि वह अगवा की गई लड़की को इस दलदल से बचा सके। पीडि़ता ने बताया कि उसके जैसी कई लड़कियां इस गिरोह के पास हैं और सभी वैश्यावृत्ति करने को मजबूर हैं।