छह मादाओं ने दिए थे अंडे, अभी दो ने फोड़े
सोन घडिय़ाल अभयारण्य के अधिकारियों की मानें तो यहां आधा दर्जन मादा घडिय़ालों ने अंडे दिए थे। एक मादा घडिय़ाल करीब 40 से 50 अंडे देती है। छह घडिय़ाल ने 200 से 250 अंडे बीते 15 से 20 अप्रेल के बीच दिए थे। अंडे देने के बाद घडिय़ालों द्वारा इन्हे रेत में गड्ढा खोदकर सुरक्षित कर दिया गया था। माहभर का समय बीतने के बाद अब अंडे फोडऩा शुरू कर दिया है। गरुवार शाम दो मादाओं द्वारा अंंडे फोड़ दिए गए हैं, जिसमें एक सैकड़ा शिशु घडिय़ालों का जन्म हुआ है।
सोन घडिय़ाल अभयारण्य के अधिकारियों की मानें तो यहां आधा दर्जन मादा घडिय़ालों ने अंडे दिए थे। एक मादा घडिय़ाल करीब 40 से 50 अंडे देती है। छह घडिय़ाल ने 200 से 250 अंडे बीते 15 से 20 अप्रेल के बीच दिए थे। अंडे देने के बाद घडिय़ालों द्वारा इन्हे रेत में गड्ढा खोदकर सुरक्षित कर दिया गया था। माहभर का समय बीतने के बाद अब अंडे फोडऩा शुरू कर दिया है। गरुवार शाम दो मादाओं द्वारा अंंडे फोड़ दिए गए हैं, जिसमें एक सैकड़ा शिशु घडिय़ालों का जन्म हुआ है।
पांच वर्ष बाद आई खुशियां
सोन घडिय़ाल अभयारण्य में वयस्क नर घडिय़ाल नहीं होने से यहां घडिय़ालों की वंशवृद्धि बीते पांच वर्ष से थम गई थी। पत्रिका ने इस मुद्दे को उठाया तो गत वर्ष दिसंबर में चंबल राष्ट्रीय उद्यान के घडिय़ाल अभयारण्य से एक नर घडिय़ाल लाकर छोड़ा गया था, जिसके बाद घडिय़ालों में प्रजनन हुआ और अप्रेल माह में छह मादा घडिय़ालों ने अंडे दिए, अंडों से बच्चों के जन्म के बाद अब घडिय़ालों की वंशवृद्धि शुरू हो गई है। शिशु घडिय़ालों की गणना करीब एक माह बाद की जाएगी।
सोन घडिय़ाल अभयारण्य में वयस्क नर घडिय़ाल नहीं होने से यहां घडिय़ालों की वंशवृद्धि बीते पांच वर्ष से थम गई थी। पत्रिका ने इस मुद्दे को उठाया तो गत वर्ष दिसंबर में चंबल राष्ट्रीय उद्यान के घडिय़ाल अभयारण्य से एक नर घडिय़ाल लाकर छोड़ा गया था, जिसके बाद घडिय़ालों में प्रजनन हुआ और अप्रेल माह में छह मादा घडिय़ालों ने अंडे दिए, अंडों से बच्चों के जन्म के बाद अब घडिय़ालों की वंशवृद्धि शुरू हो गई है। शिशु घडिय़ालों की गणना करीब एक माह बाद की जाएगी।
रखी जा रही सतत निगरानी
मादा घडिय़ाल के अंडे देने के बाद से ही उन पर सतत निगरानी रखी जा रही है। गुरुवार शाम दो मादा घडिय़ालों द्वारा अंडे फोड़े गए, जिसमें 80-90 की संख्या में बच्चे निकले हैं, सभी बच्चे स्वस्थ हैं और मादा घडिय़ाल उनकी सुरक्षा देखभाल व पालन पोषण कर रही है़। हमारी टीम द्वारा शुक्रवार सुबह जोगदह घाट पहुंचकर जायजा लिया गया है।
बृजेंद्र सिंह भदौरिया, परिक्षेत्र अधिकारी सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य सीधी
मादा घडिय़ाल के अंडे देने के बाद से ही उन पर सतत निगरानी रखी जा रही है। गुरुवार शाम दो मादा घडिय़ालों द्वारा अंडे फोड़े गए, जिसमें 80-90 की संख्या में बच्चे निकले हैं, सभी बच्चे स्वस्थ हैं और मादा घडिय़ाल उनकी सुरक्षा देखभाल व पालन पोषण कर रही है़। हमारी टीम द्वारा शुक्रवार सुबह जोगदह घाट पहुंचकर जायजा लिया गया है।
बृजेंद्र सिंह भदौरिया, परिक्षेत्र अधिकारी सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य सीधी