बच्चों से किए सवाल क्लास में पहले शिक्षक से पूछा कौन सा विषय पढ़ा रहे हैं। शिक्षक ने भौतिकी की क्लास के बारे में जानकारी दी। इस पर कलेक्टर ने बच्चों से पूछा कि ट्रांसफार्मर किस काम में उपयोग होता है? पहले एक छात्र को खड़ा किया लेकिन वह कुछ बोल नहीं पाया। इसके बाद एक छात्रा को खड़ा किया। छात्रा ने बिना झिझके बड़े अच्छे तरीके से ट्रांसफार्मर के बारे में जानकारी दी। इससे खुश कलेक्टर ने बच्ची को शाबाशी दी।
शिक्षक का निवेदन किया स्वीकार क्लास में शिक्षक ने बताया कि कुछ दिन पहले यहां कैरियर काउंसलिंग हुई थी। कई बच्चे कलेक्टर बनने को बोल रहे थे। ऐसे में एक मोटीवेशन क्लास आप ले लेते तो इनका मार्गदर्शन हो जाता। कलेक्टर सहज भाव से इस पर राजी हो गए और बच्चों की मोटीवेशनल क्लास ली। कलेक्टर ने बच्चों को बताया कि आपके सामने दो-दो IAS अफसर खड़े हैं। मैं और जिला पंचायत सीईओ। दोनों से सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई की है। मैने तो कोई कोचिंग भी नहीं की। इसलिये यह न समझें कि प्राइवेट विद्यालय वाले ही कलेक्टर बन सकते हैं। सरकारी विद्यालय के बच्चे भी कलेक्टर बन सकते हैं। बस दृढ़ निश्चय और लक्ष्य के साथ थोड़ी प्लानिंग और थोड़ी मेहनत से पढ़ाई करें तो आप भी कलेक्टर बन सकते हैं। आप सभी मेहनत कीजिये, कहीं हमारी मदद की जरूरत हो तो हमें बताएं।
टीका अवश्य लगवाएं अंत में विद्यार्थियों से कहा कि कोविड की तीसरी लहर का प्रभाव बढ़ रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करें और टीकाकरण अवश्य कराएं। खुद भी मास्क लगाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।