सतना

2021 से हॉलमाॄकग सोने की आभूषणों की होगी सेलिंग

केंद्र सरकार की पहल, कस्टमर को मिलेगी संतुष्टि, दोबारा बेचने में नहीं होगी परेशानी
 

सतनाFeb 07, 2020 / 12:19 pm

Jyoti Gupta

Hallmaking gold jewelery will be sold from 2021

सतना. सोने की ज्वैलरी को लेकर अक्सर लोगों में दुविधा होती है कि वह जो सोना ले रहे हैं वह वास्तव में खरा है या नहीं। जब वापसी करते हैं तो भी कई बार उनको उस वक्त के सोने के दाम से कम दाम पर ज्वैलरी बेचनी पड़ती है। अब एेसा नहीं होगा। सोने के आभूषण को बेचने के लिए केंद्र सरकार ने हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है। एक साल बाद १५ जनवरी 2021 से सिर्फ हॉलमार्क वाले आभूषण दुकानदारों को बेचने की इजाजत होगी। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना और सजा का भी प्रावधान है। इस फैसले से शहर के अधिकांश आभूषण कारोबारी खुश हैं । उनका कहना है कि इससे ग्राहकों को फ ायदा मिलेगा । विश्वास कायम होगा। दोबारा आभूषण बेचने में नहीं परेशानी होगी। कई दुकानदार कई बार 18 कैरेट की ज्वैलरी को 22 कैरेट बताकर बेच देते थे। अब इस समस्या से लोगों को निजात मिलेगी ।
धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम
हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के बाद धोखाधड़ी कम होगी। इसके साथ ही केवल तीन कैटेगरी में ही आभूषण मिलेंगे। 14, 18 और 22 कैरेट के आभूषणों की बिक्री होगी जिससे कस्टमर को ज्यादा फ ायदा मिलेगा। अब धोखाधड़ी करने वाले सराफ ा कारोबारी ऊपर कारवाई भी होगी। वही हॉलमार्क केंद्र भी अगर धोखाधड़ी करता है तो उस पर कम से कम एक लाख से कुल आभूषण की कीमत का 5 गुना तक जुर्माना वसूला जाएगा।
अपनी पसंद का बनवा सकते हैं आभूषण

कारोबारियों ने कहा कि हॉलमार्क अनिवार्य होने के बाद लोग अपनी पसंद की डिजाइन से आभूषण बनवा सकते हैं। ग्राहक भी हॉलमार्कि ंग केंद्र में आभूषण की जांच कराकर कैरेट का पता कर सकता है। ज्वैलर्स को एक साल का वक्त पुराने आभूषण को बेचने के लिए दिया गया है। इस अवधि के दौरान सभी ज्वैलर्स को पंजीकरण भी कराना होगा।
यह कहते हैं कारोबारी
हॉलमार्किंग से ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा। हालांकि सरकार रजिस्ट्रेशन शुल्क को कम करे। हॉलमार्किंग केंद्र पर भी नजर रखने की जरूरत है। साथ ही शहर में अधिक संख्या में हॉलमार्क सेंटर खोलने की जरुरत है।
अविष सराफ, प्रदेश अध्यक्ष, इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन प्लस

हॉल मार्किंग से अब ग्राहकों को यह जानने में परेशानी नहीं होगी कि आभूषण कितने कैरेट का है। दुकानदार भी इसको लेकर काफ ी सतर्क रहेंगे। उन्हें अपनी ज्वैलरी को बेचने में घाटा नहीं होगा।
उमाशंकर अग्रवाल, सराफा संघ उपाध्यक्ष

अब ग्राहक आसानी से पता कर सकते हैं कि आभूषण 18 या 22 कैरेट का है । पहले कई लोग धोखाधड़ी भी करते थे अब इस पर लगाम लगेगी, लोगों का भरोसा बढ़ेगा।
संजय सोनी, ज्वैलरी विक्रेता

इंडस्ट्री को फ ायदा मिलेगा । जो लोग गलत कर रहे थे केवल उन्हीं को परेशानी होगी। ग्राहकों को क्वालिटी प्रोडक्ट मिलेगा। लोगों को दुविधा कम होगी ।
रविशंकर गौरी, सराफा संघ सरंक्षक
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.