scriptहार्दिक बोले- हम अंडे और पत्थरों से डरने वाले नहीं बार-बार मध्यप्रदेश आएंगे, यहां देखें पूरा अपडेट | hardik patel live speech satna madhya pradesh | Patrika News

हार्दिक बोले- हम अंडे और पत्थरों से डरने वाले नहीं बार-बार मध्यप्रदेश आएंगे, यहां देखें पूरा अपडेट

locationसतनाPublished: Jun 08, 2018 05:25:14 pm

Submitted by:

suresh mishra

LIVE: मंच पर पहुंचे हार्दिक पटेल, यहां देखें पूरा अपडेट

hardik patel live speech satna madhya pradesh

hardik patel live speech satna madhya pradesh

सतना. सतना में पाटिदार नेता हार्दिक पटेल बोले कि हम अंडे और पत्थरों से डरने वाले नहीं हैं, अब बार-बार मध्यप्रदेश आएंगे। करीब 25 मिनट के भाषण में हार्दिक बोले कि आज कोई जाति खतरे में नहीं है.. न कुशवाह न कुर्मी । बस कोई खतरे में है तो वह किसान है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी जाति का घमंड होना चाहिए ..पर इसका मतलब यह नहीं कि हम किसान को छोड़ दें। उन्होंने कहा कि बिना प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष का नाम लिए कटाक्ष किया कि हमारे दो गुजरातियों से खतरनाक कोई नहीं है।
हम अंडे फेंकने पर भी किसी से नहीं डरेंगे, मामा से तो क्या डरेंगे। उन्होंने कहा कि हिंदू बनकर जो आदमी अंडे फेंक रहा है वह तो खुद ही मांसाहारी है। पाटीदार के नेता व किसान क्रांति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हार्दिक पटेल युवा बेरोजगार किसान मजदूर महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।। अपने भाषण से पहले मंच पर बैठे बैठे हार्दिक ने मध्यप्रदेश के सिंगरौली में नक्सली धमकी की खबर को चुनाव से जोडक़र एक मजेदार ट्वीट किया कि लगता है कि लोकसभा चुनाव बहुत जल्द आएगा।
hardik patel live speech <a  href=
Satna madhya pradesh” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/06/08/8_6_2923545-m.jpg”>
patrika IMAGE CREDIT: patrika
hardik patel live speech satna madhya pradesh
Patrika IMAGE CREDIT: Patrika
यह बोले – प्रकाश आंबेडकर
इस मौके पर भीमराव आंबेडकर के पौत्र और पूर्व सांसद प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि जब तक हम धर्म की राजनीति से जुड़े रहेंगे तब तक किसानों का भला होने वाला नहीं है। डेढ़ सौ साल पहले फुले ने किसान समस्याओ पर एक किताब लिखी और ब्रिटिश सरकार को दिया, सौ साल पहले अंबेडकर ने भी छोटे किसानों की समस्या पर किताब लिखी ,और कहा कि पानी ,खाद ,सब्सिडी की व्यवस्था होनी चाहिए ,मंडी के अलावा एक अलग बाजार भी खुलना चाहिए । सौ साल हो गए लेकिन किसी ने दोनों की बात नही मानी। कोई सरकार मानने को तैयार नही ।
हम 40 साल से संघर्ष करते आ रहे हैं ,अब संघर्ष करने की नही सत्ता हाथ मे लेने की जरूरत है। इस व्यवस्था में दो बड़े दुश्मन जाति और धर्म तो हैं ही 1990 में गेट का जो एग्रीमेंट उससे मंडियां दुनिया के किसानों के लिए खुल गई। परिस्थितियों को ध्यान में न रख कर वास्तविकता भूल गए लोग प्रतिस्पर्धा की सलाह दे रहे हैं। भारत की जनसंख्या बढ़ रही है । विदेश में अनाज होता है लेकिन वो खपत नही कर पाते ,90 में मार्केट उनके लिए खुलने के बाद उनका अनाज यहां आता है। यहां का किसान विदेशी किसानों के साथ मुकाबला कर ही नही सकता , क्योंकि उसे सस्ते दामो पर अपनी फसल बेचनी पड़ेगी। व्यापारी दोषी नही क्योंकि वो तो व्यापार कर रहा है। जब तक यहां की मंडियां यहां के किसानों के लिए आरक्षित नही होंगी तब तक किसान सरकार से लड़ नही सकता । इसलिए कोई राजनैतिक दल अगर वादा करे तो उससे 1990 के पहले की व्यवस्था लाने को कहो ,जो कहे उसी के साथ खड़े हो ।
वायदा बाजार, बिचौलिए कृषि उत्पादों में न हो यह मांग भी होनी चाहिए ताकि किसानों को उनके हक का दाम मिले।
कभी अकोला क्षेत्र का किसान साल भर में 4 या 5 कैश क्रॉप लेता था, लेकिन अब वो आत्महत्या कर रहा है । जैसा हाल किसान का वैसा बेरोजगारों का भी है । भाजपा सरकार कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम चलाना चाहती है। बाबा साहब ने कहा था कि।किसान के बढ़े हुए परिवार में से किसी न किसी को सरकार रोजगार दे । लेकिन सरकार देना तो दूर निकालने की कोशिश कर रही है। हमसे टैक्स लिया जा रहा है लेकिन उसके एवज में हमे कुछ नहीं मिल रहा। हम तिजोरी भर रहे हैं। इस बार सरकार की तिजोरी 16 लाखा 30 हजार करोड़ से भरेगी लेकिन सरकार का खर्च 22 लाख 10 हजार करोड़ है। अपनी सरकार चलाने के लिए सरकार को 5 लाख करोड़ उधार लेने पड़ेंगे । किसानों को देने ,उनसे अनाज लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य देने 4 लाख करोड़ और चाहिए । ये सरकार उस स्थिति में नही है । वादे से भागने के लिए सरकार अक्टूबर में धान की फसल आने तक चुनाव घोषित करा सकती है। पीएम बताएं क्यों अक्टूबर चुना ,क्यों नही धान पर एमआरपी क्यों नही लगाई। इस सरकार के मन मे खोट है। बहकावे की राजनीति से बच कर रहना होगा। मोदी से आग्रह है कि स्कैम का ही पैसा अगर एकत्र करते हैं तो किसानों का हित हो सकता है। ये जुमलेबाजी की सरकार है। आज भी पिछली सरकार को। कोसते हैं , चार साल हो गए अभी भी वही हाल है । मैं तो कहता हूं कि ये सरकार चलाने के काबिल नहीं। अब बदलने की जरूरत है। ये जुमलेबाजी की सरकार है ,सच की सरकार नहीं है।
हालांकि सतना में आई आंधी-तूफान व हल्की के कारण कार्यक्रम स्थल थोड़ा अस्त-व्यस्त हुआ है। फिर भी हजारों दर्शक हार्दिक पटेल की एक झलक पाने के लिए लालायित है। हर एक के मुंह में एक ही नाम हार्दिक-हार्दिक आ रहा है। हार्दिक पटेल के 14 गाडिय़ों का काफिला शुक्रवार की सुबह मैहर मंदिर में मां शारदा देवी के दर्शन उपरांत करीब एक बजे सतना पहुंचा हैै। इस दौरान जिले के कार्यकर्ताओं ने उनका जगह-जगह स्वागत किया है। सतना कांग्रेस शहर अध्यक्ष मकसूद अहमद भी मंच पर मौजूद हैं।
hardik patel live speech satna madhya pradesh
patrika IMAGE CREDIT: patrika
आज तक गुजरात में कहीं जाने की अनुमति नहीं ली
हार्दिक ने कहा कि भाजपा सरकार में किसान सबसे ज्यादा शोषित हैं। शिवराज सरकार में किसानों को बिजली बिल न चुकाने पर जेल भेज दिया जाता है। जब हार्दिक से यह पूछा गया कि उन्हें सभा में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली, एेसे में यदि प्रशासन सभा स्थल जाने से रोकता है तो वह क्या करेंगे? उन्होंने कहा कि मैंने आज तक गुजरात में कहीं जाने की अनुमति नहीं ली। अपना काम कर रहा हूं। प्रशासन अपना काम करे।
डीजी रिजर्व फोर्स संग पुलिस रहेगी तैनात
हार्दिक की सभा के लिए डीजी रिजर्व फोर्स के 100 जवानों के साथ जिले का पुलिस बल तैनात किया जाएगा। एसपी राजेश हिंगणकर ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था के प्रभारी एडिशनल एसपी आरएस प्रजापति होंगे। इनके साथ सीएसपी वीडी पाण्डेय भी शहर पुलिस बल के साथ रहेंगे। सभा में आने वाले लोगों के वाहनों की पार्किंग व्यवस्था हवाई पट्टी के पास बने मैदान में की गई है। 10 फिक्स प्वॉइंट मोबाइल पार्टी के साथ बनाए गए हैं। डीएसपी ट्रैफिक अखिलेश तिवारी ने कहा, यातायात बेहतर बनाए रखने पुलिस बल को ब्रीफ कर ड्यूटी तय की है।

ट्रेंडिंग वीडियो