बता दें कि जिले में भी अन्य जिलों की तरह कोरोना की इस दूसरी लहर के बीच अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों और उनके तीमारदारों से मनमानी वसूली की। लगातार की जा रही शिकायतों को भी दरकिनार किया जाता रहा। लेकिन अब जब कोरोना संक्रमण का ग्राफ नीचे आने लगा तो स्वास्थ्य विभाग भी मानों सोते से जागा और रेट चार्ट जारी कर दिया है।
निजी अस्पतालों के लिए रेट चार्ट -नर्सिंग एवं डॉक्टर विजिट चार्ज प्रतिदिन प्रति मरीज अधिकतम 700 रुपये
-हाई फ्लो आक्सीजन रुपये प्रतिलीटर प्रतिदिन
-आक्सीजन चार्ज प्रतिदिन प्रति मरीज अधिकतम 1500 रुपये
-पीपीई किट का अधिकतम 500 रुपये प्रति मरीज प्रतिदिन
-खाद एवं अन्य डिस्पोजल आइटम प्रतिदिन 700 रुपये
-दवाओं अस्पताल की ही फार्मेसी से खरीदने बाध्य नहीं किया जाएगा
-हाई फ्लो आक्सीजन रुपये प्रतिलीटर प्रतिदिन
-आक्सीजन चार्ज प्रतिदिन प्रति मरीज अधिकतम 1500 रुपये
-पीपीई किट का अधिकतम 500 रुपये प्रति मरीज प्रतिदिन
-खाद एवं अन्य डिस्पोजल आइटम प्रतिदिन 700 रुपये
-दवाओं अस्पताल की ही फार्मेसी से खरीदने बाध्य नहीं किया जाएगा
हालांकि राज्य सरकार ने काफी पहले ही शुल्क निर्धारित कर दिया था। लेकिन स्थानीय प्रशासन उस पर कड़ाई नहीं कर सका। शासन स्तर से जारी रेट चार्ट के अनुसार अस्पताल 29 फरवरी 2020 को प्रचलित शुल्क में 40 फीसद तक बढ़ोत्तरी कर सकते हैं। कलेक्टर ने भी आदेश जारी कर दिए थे लेकिन स्वास्थ्य विभाग और सीएमएचओ लगातार लापरवाही करते रहे। अब जब पब्लिक में निजी अस्पतालों के खिलाफ गुस्सा भड़कने लगा तब जाकर गुरुवार को कोविड अस्पतालों के लिए इलाज खर्च की दर सूची स्वास्थ्य विभाग ने जारी की है। शासन द्वारा जारी दर सूची में पंजीयन शुल्क का उल्लेख नहीं किया गया है। इसके तहत निजी अस्पताल मरीजों से पंजीयन शुल्क नहीं ले सकेंगे।
निजी अस्पातालों में भर्ती मरीजों से मनमानी वसूली की शिकायत सुनने के लिए आयुक्त नगर निगम तन्वी हुड्डा को नोडल अधिकारी बनाया गया है। पीड़ित मरीज हुड्डा से शिकायत कर सकते हैं।