एपी गजब है.. जिला अस्पताल में पीआरओ करते रहे बच्चों की डॉक्टरी जांच
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल में आयोजित मासूमों के स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है।

सतना. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल में आयोजित मासूमों के स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में हद दर्जे की लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। शिविर में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच चिकित्सक नहीं निजी चिकित्सा संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी कर रहे थे। मासूमों की जान से खिलवाड़ सीएमएचओ और सीएस की नाक के नीचे की जा रही थी। इतना ही नहीं आधा दर्जन से अधिक मासूमों को पीआरओ द्वारा सर्जरी के लिए भोपाल रेफर भी कर दिया गया। खुला होने के बाद महकमे के जिम्मेदार भी गड़बड़ी को स्वीकार कर रहे हैं। दरअसल, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल पुरानी ओपीडी के कक्ष क्रमांक-5 में मंगलवार सुबह कटे-फटे होठ और तालू से पीडि़त मासूमों (0 से 18 वर्ष) के लिए जांच शिविर का आयोजन किया गया था। परिजन मासूमों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जिनके स्वास्थ्य की जांच चिकित्सकों द्वारा नहीं बल्कि निजी चिकित्सा संस्थान के पीआरओ अभिषेक शर्मा और बालेद्र द्विवेदी द्वारा गया।

जिलेभर से आए पीडि़त मासूम
जिलेभर से पीडि़त मासूम शिविर में पहुंचे जो कटे-फटे होंठ और तालु से मुस्कुरा भी नहीं पा रहे थे। परिजनों को बड़ी आस के साथ शिविर में पहुंच थे। इनमें विद्याधर पाण्डेय राजेंद्रनगर, लक्ष्मी कुशवाहा नागौद, नैंसी कपाडि़या मैहर, मुस्कान साकेत रामनगर, अभिषेक चौधरी नागौद, साक्षी रावत रामपुर बाघेलान, नाजनीन फातिमा सतना, केंदार रैकवार बरौंधा मझगवां, माया वर्मा कोठी शामिल थे।
क्या कहती है आरबीएसके गाइडलाइन
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की गाइड लाइन के मुताबिक ६ माह से ६ वर्ष की उम्र के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण डिस्ट्रिक अरली आइडेंटीफिकेशन इन चिल्ड्रिन कक्ष में किया जाना चाहिए। जहां मासूमों की स्वास्थ्य की जांच के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ, मेडिकल ऑफीसर, स्टाफ नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को मौजूद होना चाहिए। इसके बाद मासूमों को सर्जरी के लिए उच्च संस्था रेफर किया जाना चाहिए। लेकिन बच्चों की जांच के दौरान कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं था।

6 मासूमों को पीआरओ ले गए भोपाल
जिला अस्पताल में आयोजित शिविर में जिलेभर से दस परिजन अपने मासूम को लेकर पहुंचे। इनमें से ८ मासूमों को सर्जरी के लिए भोपाल रेफर किया गया। इनमें से दो मासूमों विद्याधर पाण्डेय और अभिजीत सिंह दो दिन बाद भोपाल जाएंगे। छह मासूमों को बिसोनिया हॉस्पिटल के पीआरओ अपने साथ भोपाल लेकर गए। दो मासूम साक्षी रावत और नाजनीन फातिमा का वजन कम होने के कारण सर्जरी के लिए फिट नहीं पाए गए। अब इन्हें फिर आयोजित होने वाले कैंप में जांच के बाद भेजा जाएगा।
कटे-फटे होंठ और तालू से पीडि़त मासूमों की जांच कोई भी कर सकता है। अभिषेक और बालेंद्र द्विवेदी बिसोनिया हॉस्पिटल के पीआरओ हैं।
मीना सिंह तिवारी, जिला समन्वयक आरबीएसके
आरबीएसके के जिला अस्पताल में लगे शिविर के विषय में मुझे जानकारी नहीं है। जिला समन्वयक से पता करके ही कुछ बता पाऊंगा।
डॉ. सत्येंद्र सिंह, प्रभारी सीएमएचओ
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