scriptकार्रवाई तो दूर जांच भी नहीं कर पा रहे स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार | health dipartment satna | Patrika News
सतना

कार्रवाई तो दूर जांच भी नहीं कर पा रहे स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार

कलेक्टर, सीएमएचओ, सीएस सहित अन्य जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी

सतनाApr 16, 2019 / 10:56 pm

Vikrant Dubey

not-even-taking-training-with-surgery

not-even-taking-training-with-surgery

सतना. गर्भवती के इलाज में लापरवाही के मामलों की जांच में जमकर लापरवाही की जा रही है। तीन दिन का अल्टीमेटम के बाद १० दिनों में भी रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। जांच टीम में शामिल स्वास्थ्य अधिकारी लापरवाहों पर कार्रवाई की बजाए उन्हें बचाने में जुटे हुए हैं। सीएमएचओ सहित अन्य जिम्मेदारों को मामले की जानकारी है लेकिन मिलीभगत के चलते सभी चुप्पी साधे हुए हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा जांच में लापरवाही के ये पहले मामले नहीं हैं। जांच के नाम पर महज कागजी कोरम पूरा किया जाता है। कार्रवाई के नाम पर महज नोटिस जारी कर फाइल को बंद कर दिया जाता है। बीते वर्ष एेसे आधा दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
बचाने में जुटी जांच टीम-
जांच टीम में शामिल स्वास्थ्य अधिकारी हकीकत सामने लाने की बजाए पर्दा डालने में जुटे हुए हैं। लापरवाहों को बचाने जानबूझकर रिपोर्ट सौंपने में विलंब किया जा रहा है। जिससे मामला ठंडे बस्ते में चला जाए और किसी के खिलाफ कार्रवाई न हो पाए। जांच टीम द्वारा बरती जा रही लापरवाही की जानकारी कलेक्टर, सीएमएचओ, डीएचओ सहित अन्य जिम्मेदारों को है लेकिन संरक्षण के चलते सभी मौन हैं।
कैसे कम होगी मातृ-शिशु मृत्यु दर-
महकमे के द्वारा मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने अनेक अभियान और योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन हकीकत यह है कि स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती को प्राथमिक इलाज भी बेहतर नहीं मिल पा रहा है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से इलाज में लापरवही के रोजाना मामले सामने आ रहे हैं। नतीजन मातृ-शिशु मृत्यु दर का ग्राफ कम नहीं हो पा रहा है।
डाक्टर सहित स्टाफ ने गर्भवती को पीटा, चोट से आंख में जम गया खून
गर्भवती वंदना द्विवेदी पत्नी कृष्णकुमार द्विवेदी निवासी भरगवां हिरौंदी, मझगंवा के साथ जिला अस्पताल ओटी में ७ अपे्रल को डॉ केएल सूर्यवंशी द्वारा मारपीट का आरोप था। जिससे गर्भवती की आंख में खून जम गया था। कलेक्टर के निर्देश पर जांच के लिए टीम गठित की गई।
टीम-
कलेक्टर सतेंद्र सिंह की सख्ती के बाद सीएस डॉ एसबी सिंह ने तीन सदस्यीय टीम बनाई। जिसमें शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील कारखुर, आरएमओ डॉ अरुण त्रिवेदी और अस्पताल प्रशासक इकबाल सिंह को शामिल किया गया।
जांच की स्थिति-
टीम को तीन दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए। लेकिन टीम में शामिल स्वास्थ्य अधिकारी जांच के नाम पर खानापूर्ति करने में जुटे हुए हैं। पीडि़त द्वारा लिखित कथन नहीं दिए जाने की बात कहकर सच्चाई पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है।
सिविल अस्पताल गंभीर बता किया रेफर, रास्ते में नार्मल प्रसव
सिविल अस्पताल मैहर से गर्भस्थ शिशु को गंभीर बता मोहिनी चौधरी पति रविदास चौधरी निवासी महाराज नगर मैहर ६ अपे्रल की देर रात जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। जिसे लेकर आ रही जननी एक्सप्रसे उचेहरा रेवले फाटक के पास पंचर हो गई थी। गर्भवती ने सड़क पर बच्ची को जन्म दिया था।
टीम –
सीएमएचओ डॉ विजय कुमार आरख ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की। जिसमें जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ सत्येंद्र सिंह, गायनी विभागाध्यक्ष डॉ रेखा त्रिपाठी, डीपीएचएनओ उमा वर्मा को शामिल किया गया था।

जांच की स्थिति-
सीएमएचओ डॉ आरख ने टीम को जांच प्रतिवेदन अभिमत सहित ९ अपे्रल तक सौंपने के निर्देश दिए थे। लेकिन १५ अप्रेल तक जांच प्रतिवेदन नहीं सौंपा गया है। जांच टीम द्वारा लापरवाहों को बचाने प्रतिवेदन में सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं होने का हवाला देकर टाला जा रहा है।

Home / Satna / कार्रवाई तो दूर जांच भी नहीं कर पा रहे स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो