70 किलोमीटर चलने पर प्रसव पीड़ा
70 किमी. चले होंगे कि पिपरी गांव के शकुंतला को प्रसव पीड़ा होने लगी। हालत बिगड़ती देख साथ चल रही महिलाओं ने सड़क किनारे साडिय़ों की आड़ बनाई और यहां बच्चे का जन्म हुआ। लगभग एक घंटे रुकने के बाद इस तेज गर्मी में बीच बियावान रास्ते रुकने से बेहतर चलने का निर्णय सभी ने लिया। शकुंतला से भी पूछा गया तो उसने सहमति जताई। इसके बाद शकुंतला ने आगे का सफर शुरू किया। 160 किलोमीटर का पैदल सफर कर पांचवे दिन ये लोग बिजासन बार्ड पहुंचे। जब बार्डर में अपनी जांच की बारी का इंतजार कर रहे थे, तभी एक महिला पुलिस अधिकारी कविता कनेश उनके पास आईं और पूरी स्थिति पता की। फिर वहां की एक बड़ी बिल्डिंग (एकलव्य छात्रावास) ले गईं।
बस से हुए रवाना
राकेश के अनुसार 11 मई को वहां के (बड़वानी) के अधिकारियों ने एक बस से सभी लोगों को अपने-अपने घरों के लिए रवाना किया। बस में अलग-अलग जगह के लोग बैठे थे। लिहाजा सभी को छोड़ते-छोड़ते बस बढ़ रही थी। पहला बड़ा स्टाप जबलपुर के पास हुआ। यहां कुछ देर सुस्ताने के लिए सभी लोग रुके। इसके बाद फिर बढ़े। सोमवार की रात कटनी के आगे सब लोग रुके। जब भोर हुई तो सब लोग नित्य क्रिया से फुर्सत होकर आगे बढ़े। झुकेही बार्डर में स्क्रीनिंग हुई। लगभग एक घंटे रुकने के बाद साढ़े 8 बजे के लगभग यहां जांच पूरी कराने के बाद आगे बढ़े और उचेहरा पहुंचे।
70 किमी. चले होंगे कि पिपरी गांव के शकुंतला को प्रसव पीड़ा होने लगी। हालत बिगड़ती देख साथ चल रही महिलाओं ने सड़क किनारे साडिय़ों की आड़ बनाई और यहां बच्चे का जन्म हुआ। लगभग एक घंटे रुकने के बाद इस तेज गर्मी में बीच बियावान रास्ते रुकने से बेहतर चलने का निर्णय सभी ने लिया। शकुंतला से भी पूछा गया तो उसने सहमति जताई। इसके बाद शकुंतला ने आगे का सफर शुरू किया। 160 किलोमीटर का पैदल सफर कर पांचवे दिन ये लोग बिजासन बार्ड पहुंचे। जब बार्डर में अपनी जांच की बारी का इंतजार कर रहे थे, तभी एक महिला पुलिस अधिकारी कविता कनेश उनके पास आईं और पूरी स्थिति पता की। फिर वहां की एक बड़ी बिल्डिंग (एकलव्य छात्रावास) ले गईं।
बस से हुए रवाना
राकेश के अनुसार 11 मई को वहां के (बड़वानी) के अधिकारियों ने एक बस से सभी लोगों को अपने-अपने घरों के लिए रवाना किया। बस में अलग-अलग जगह के लोग बैठे थे। लिहाजा सभी को छोड़ते-छोड़ते बस बढ़ रही थी। पहला बड़ा स्टाप जबलपुर के पास हुआ। यहां कुछ देर सुस्ताने के लिए सभी लोग रुके। इसके बाद फिर बढ़े। सोमवार की रात कटनी के आगे सब लोग रुके। जब भोर हुई तो सब लोग नित्य क्रिया से फुर्सत होकर आगे बढ़े। झुकेही बार्डर में स्क्रीनिंग हुई। लगभग एक घंटे रुकने के बाद साढ़े 8 बजे के लगभग यहां जांच पूरी कराने के बाद आगे बढ़े और उचेहरा पहुंचे।
पहली बार सतना में नसीब हुआ अस्पताल
शकुंतला ने बताया, बच्चे के जन्म के बाद कहीं अस्पताल नहीं मिला। उचेहरा पहुंचे तो एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया। यहां जांच हुई। डॉक्टरों ने देखा और इलाज शुरू किया। देर शाम सब ठीक मिलने पर छुट्टी कर घर पहुंचाया गया। कलेक्टर ने भी बड़ी मदद की है। घर पहुंची शकुंतला अपनों को देख खुशी से रो पड़ी। हालांकि परिवार वालों को सलाह दी गई कि 14 दिन तक सभी उससे दूरी बनाए रखें।
10 हजार की सहायता, दो किलो पौष्टिक लड्डूू
कलेक्टर अजय कटेसरिया ने बताया कि महिला को रेडक्रास से 10 हजार रुपए की दी गई है। परिवार को २० दिन का राशन का पैकेट, साबुन, शक्कर, सेनिटाइजर दिया गया है। महिला बाल विकास विभाग की ओर से शकुंतला को २ किलो पौष्टिक लड्डू दिए गए हंै।
शकुंतला ने बताया, बच्चे के जन्म के बाद कहीं अस्पताल नहीं मिला। उचेहरा पहुंचे तो एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया। यहां जांच हुई। डॉक्टरों ने देखा और इलाज शुरू किया। देर शाम सब ठीक मिलने पर छुट्टी कर घर पहुंचाया गया। कलेक्टर ने भी बड़ी मदद की है। घर पहुंची शकुंतला अपनों को देख खुशी से रो पड़ी। हालांकि परिवार वालों को सलाह दी गई कि 14 दिन तक सभी उससे दूरी बनाए रखें।
10 हजार की सहायता, दो किलो पौष्टिक लड्डूू
कलेक्टर अजय कटेसरिया ने बताया कि महिला को रेडक्रास से 10 हजार रुपए की दी गई है। परिवार को २० दिन का राशन का पैकेट, साबुन, शक्कर, सेनिटाइजर दिया गया है। महिला बाल विकास विभाग की ओर से शकुंतला को २ किलो पौष्टिक लड्डू दिए गए हंै।
मजबूती से हैरान महकमा
जांच में मिला कि पैदल सफर फिर बस से यात्रा के बाद भी शकुंतला में कमजोरी नहीं है। बच्चे के जन्म के बाद भी और अभाव में रहने के बाद भी उसका हीमोग्लोबिन 10 फीसदी है। विभाग हैरान था कि महिला इतनी स्वस्थ कैसे है। नवजात सहित उसके चार अन्य बच्चे भी पूरी तरह से स्वस्थ है।
जांच में मिला कि पैदल सफर फिर बस से यात्रा के बाद भी शकुंतला में कमजोरी नहीं है। बच्चे के जन्म के बाद भी और अभाव में रहने के बाद भी उसका हीमोग्लोबिन 10 फीसदी है। विभाग हैरान था कि महिला इतनी स्वस्थ कैसे है। नवजात सहित उसके चार अन्य बच्चे भी पूरी तरह से स्वस्थ है।