मानसून सीजन में कॉलोनियों में बाढ़ का कारण बन रहे खाली प्लाटों से जल निकासी के लिए निगम प्रशासन पांच साल बीत जाने के बाद भी कोई कारगर योजना नहीं बना सका है। शहर में एेसी कोई कॉलोनी नहीं, जहां खाली प्लाटों में गंदा पानी न भरा हो। नगर निगम द्वारा जल निकासी के प्रबंध कराने की बजाय कॉलोनियों में बनाई जा रही नालियों को भी इन खाली प्लाटों से जोड़ दिया जाता है। इससे नालियों का पानी नाले में जाने की बजाय प्लाटों में जमा होकर लोगों के घरों में घुसता है। इससे कॉलोनियों में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।
बारिश का पानी घरों एवं दुकानों में न घुसे, इसके लिए प्रशासन ने रीवा रोड में सड़क के दोनों ओर नाले का निर्माण कराया है, लेकिन एमपीआरडीसी के इंजीनियर की मिलीभगत के चलते नाला निर्माण में ठेका एजेंसी ने जमकर मनमानी की है। ठेकेदार ने नाले की ऊंचाई सर्विस लेन से ऊंची कर दी है। इसके कारण सड़क का पानी नाले में बहना संभव नहीं है। ठेकेदार की मनमानी को गंभीरता से लेते हुए छह माह पूर्व नाले की दीवार तोड़कर उसकी ऊंचाई पटरी से नीचे करने के निर्देश दिए थे, लेकिन ठेका एजेंसी एक किमी नाले की मरम्मत भी नहीं कर सकी है। मानसून आने में 50 दिन और बचे हैं, यदि ठेकेदार ने नाले की ऊंचाई कम नहीं की तो बारिश में रीवा रोड का नाले में तब्दील होना तय माना जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि विगत दिवस हुई बारिश में ही स्थिति बदतर हो गई थी, यदि इसका मेंटीनेंस समय पर नहीं हुआ तो बारिश में जलभराव से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।