ग्राम भैंसी, थाना कोठी जिला सतना निवासी रामखिलावन साकेत ने यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा था कि उसका २७ वर्षीय पुत्र सतीश मानसिक रूप से अस्वस्थ है। 1 मार्च 2016 से वह घर से लापता है। उसकी तलाश के हरसंभव प्रयत्न करने के बाद मामले की रिपोर्ट पुलिस में की गई। लेकिन पुलिस ने अभी तक उसे खोजने के प्रयास नहीं किए।
तलाश कमजोर हुई तो फिर होगी सुनवाई
बेंच ने कहा कि सुको के निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में गुमशुदगी के मसले पर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में दिशानिर्देश जारी नहीं किए जा सकते। इसलिए कोर्ट याचिका पर विचार नहीं करेगी। लेकिन इस तथ्य से प्रभावित हुए बिना कि याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट पहुंच चुका है सतना एसपी गुमशुदा की तलाश लगातार गंभीरता से करते रहें। हर माह तलाश के लिए उठाए गए कदमों की रिपोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष पेश करें। रजिस्ट्रार जनरल को भी कहा गया कि वे हर रिपोर्ट का अवलोकन कर इन कदमों की समीक्षा करें। जब भी उन्हें लगे कि प्रयास नाकाफी हैं, वे तत्काल मामले को कोर्ट के समक्ष आदेश जारी करने के लिए लिस्ट करें।
बेंच ने कहा कि सुको के निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में गुमशुदगी के मसले पर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में दिशानिर्देश जारी नहीं किए जा सकते। इसलिए कोर्ट याचिका पर विचार नहीं करेगी। लेकिन इस तथ्य से प्रभावित हुए बिना कि याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट पहुंच चुका है सतना एसपी गुमशुदा की तलाश लगातार गंभीरता से करते रहें। हर माह तलाश के लिए उठाए गए कदमों की रिपोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष पेश करें। रजिस्ट्रार जनरल को भी कहा गया कि वे हर रिपोर्ट का अवलोकन कर इन कदमों की समीक्षा करें। जब भी उन्हें लगे कि प्रयास नाकाफी हैं, वे तत्काल मामले को कोर्ट के समक्ष आदेश जारी करने के लिए लिस्ट करें।
छत्तीसगढ़ तक तलाश
याचिका के जवाब में राज्य सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट में बताया गया कि 5 मार्च 2016 को याचिकाकर्ता ने रिपोर्ट दर्ज कराई। उसके बाद लगातार सतीश को खोजने के प्रयास किए जाते रहे। इसी दौरान 27 जून 2017 को याचिकाकर्ता ने पुलिस को सूचना दी कि भैसावर निवासी दिनेश सिंह अपने साथियों शेरबहादुर सिंह, अमोद सिंह, अमित उर्फ सिंटू, उमेश कोल, बबली डोहार व आदित्य सिंह के साथ उसके पुत्र को ले गए थे। इस पर पुलिस ने उक्त सभी व्यक्तियों से पूछताछ की। यहां तक कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर तक पुलिस गुमशुदा को खोजने गई, लेकिन वह नहीं मिला। इसके लिए मीडिया का सहारा भी लिया गया, लेकिन निष्फल रहा।
याचिका के जवाब में राज्य सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट में बताया गया कि 5 मार्च 2016 को याचिकाकर्ता ने रिपोर्ट दर्ज कराई। उसके बाद लगातार सतीश को खोजने के प्रयास किए जाते रहे। इसी दौरान 27 जून 2017 को याचिकाकर्ता ने पुलिस को सूचना दी कि भैसावर निवासी दिनेश सिंह अपने साथियों शेरबहादुर सिंह, अमोद सिंह, अमित उर्फ सिंटू, उमेश कोल, बबली डोहार व आदित्य सिंह के साथ उसके पुत्र को ले गए थे। इस पर पुलिस ने उक्त सभी व्यक्तियों से पूछताछ की। यहां तक कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर तक पुलिस गुमशुदा को खोजने गई, लेकिन वह नहीं मिला। इसके लिए मीडिया का सहारा भी लिया गया, लेकिन निष्फल रहा।