बता दें कि, केन्द्र की मोदी सरकार ने रेलवे की व्यवस्थाओं को चुस्त दुरस्त बनाने के लिए होमगार्ड की मदद लेना जरूरी समझा है। ये व्यवस्था लागू होते ही आए दिन हो रहे हादसों पर लगाम लगेगी। साथ ही बल की कमी झेल रही आरपीएफ को संजीवनी मिलेगी।
अनुमति मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू पुलिस महानिरीक्षक सह मुख्य सुरक्षा आयुक्त आरपीएफ आरके मलिक ने पत्रिका को बताया कि रेल मंत्रालय से होमगार्ड रखने की अनुमति मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जबलपुर जोन में जबलपुर, कोटा और भोपाल डिवीजन आते हैं। तीनों जगहों पर रेल सुरक्षा बल का 1700 जवानों का स्टाफ है। इसमें आरक्षक स्तर के करीब 100 पद रिक्त हैं, जिन्हें होमगार्ड से भरे जाने हैं।
जोन स्तर पर होगी भर्ती
मुख्य सुरक्षा आयुक्त मलिक ने बताया कि जोन स्तर पर मप्र होमगार्ड की भर्ती की जाएगी। डिवीजन में जहां बल की कमी है वहां होमगार्ड भेजे जाएंगे। इससे यात्री ट्रेन और रेल परिसर की सुरक्षा में काफी मदद मिलेगी। अभी बल की कमी होने के बाद जोन के कई पोस्ट मौजूदा स्टॉफ से ही काम चला रहे हैं। कुछ जगहों पर रिजर्व फोर्स आरपीएसएफ की मदद भी ली जा रही है।
मुख्य सुरक्षा आयुक्त मलिक ने बताया कि जोन स्तर पर मप्र होमगार्ड की भर्ती की जाएगी। डिवीजन में जहां बल की कमी है वहां होमगार्ड भेजे जाएंगे। इससे यात्री ट्रेन और रेल परिसर की सुरक्षा में काफी मदद मिलेगी। अभी बल की कमी होने के बाद जोन के कई पोस्ट मौजूदा स्टॉफ से ही काम चला रहे हैं। कुछ जगहों पर रिजर्व फोर्स आरपीएसएफ की मदद भी ली जा रही है।
आरपीएफ में बल की कमी पूरी करने के लिए होमगार्ड रखने का निर्णय रेल मंत्रालय ने लिया है। डीआरएम और डीएससी को कहा गया है कि आपसी तालमेल से यह प्रक्रिया पूरी करें।
आरके मलिक, आइजी, आरपीएफ
आरके मलिक, आइजी, आरपीएफ