एप में निगम प्रशासन ने जिस शिकायत का समाधान महज पांच मिनट में कर दिया, उसकी जमीनी हकीकत यह समने आई कि 12 घंटे बीत जाने के बाद भी कचरा यथावत था। कुछ लोग तो एप के माध्यम से दिन में कई बार शिकायत करते है, उनका ऑनलाइन समाधान भी महज कुछ मिनटों में हो जाता है। इससे स्वच्छता रैंकिंग में तो शहर की स्थिति सुधर सकती है। शहर स्वच्छता में नंबर वन भी बन सकता है। लेकिन, कागजी सफाई से स्वच्छ शहर का सपना फिलहाल साकार होता नजर नहीं आ रहा।
पहल अच्छी पर …!
नाली साफ कराना हो, सड़क से कचरा उठवाना हो या फिर मृत पशु को उठवाना हो, इसके लिए शहर की जनता को अभी तक निगम कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते थे। लेकिन स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने स्वच्छता एप लांच किया है। इस एप को अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड कर जनता घर बैठे स्वच्छता संबंधित शिकायतों का समाधान करा सकती है। इसके लिए लोगों को सिर्फ कचरा या गंदगी की फोटो खींच कर एप में डालकर जगह का नाम लिखना है। शिकायत मिलने के 12 घंटे में अधिकांश शिकायतों का समाधान कर दिया जाएगा।
नाली साफ कराना हो, सड़क से कचरा उठवाना हो या फिर मृत पशु को उठवाना हो, इसके लिए शहर की जनता को अभी तक निगम कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते थे। लेकिन स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने स्वच्छता एप लांच किया है। इस एप को अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड कर जनता घर बैठे स्वच्छता संबंधित शिकायतों का समाधान करा सकती है। इसके लिए लोगों को सिर्फ कचरा या गंदगी की फोटो खींच कर एप में डालकर जगह का नाम लिखना है। शिकायत मिलने के 12 घंटे में अधिकांश शिकायतों का समाधान कर दिया जाएगा।
प्रतिदिन 50 से अधिक शिकायतें
ऑनलाइन समाधान के लिए एप में प्रतिदिन 50 से अधिक शिकायतें आ रही है। उनका निराकरण संबंधित अधिकारी द्वारा पांच मिनट से एक घंटे के बीच कर दिया जाता है। लेकिन अभी शहर में स्वच्छता एप के बारे में जानकारी रखने वालों की संख्या कम है। निगम प्रशासन इसके लिए जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को एप की जानकारी दे रहा है। लेकिन अभी लोग केंद्र सरकार के इस एप के प्रति दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
ऑनलाइन समाधान के लिए एप में प्रतिदिन 50 से अधिक शिकायतें आ रही है। उनका निराकरण संबंधित अधिकारी द्वारा पांच मिनट से एक घंटे के बीच कर दिया जाता है। लेकिन अभी शहर में स्वच्छता एप के बारे में जानकारी रखने वालों की संख्या कम है। निगम प्रशासन इसके लिए जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को एप की जानकारी दे रहा है। लेकिन अभी लोग केंद्र सरकार के इस एप के प्रति दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
जनवरी में कभी भी स्वच्छता जांचने आ सकती है केंद्र की टीम
स्वच्छता सर्वे-2018 के लिए देशभर में चार हजार शहरों को शामिल किया गया है। इसमें विंध्य के सतना, रीवा व सिंगरौली का भी नाम है। इसकी जांच केंद्र की टीम करेगी। चार जनवरी से केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की टीम स्वच्छता सर्वे-2018 की शुरुआत करेगी। अधिकारियों की अलग-अलग टीम और सर्वे करने वाली कंपनी के प्रतिनिधि देशभर के शहरों में स्वच्छ भारत अभियान के तहत हो रहे कार्यों की हकीकत देखेंगे। टीम जनवरी में कभी भी विंध्य के इन जिलों में पहुंच सकती है।
स्वच्छता सर्वे-2018 के लिए देशभर में चार हजार शहरों को शामिल किया गया है। इसमें विंध्य के सतना, रीवा व सिंगरौली का भी नाम है। इसकी जांच केंद्र की टीम करेगी। चार जनवरी से केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की टीम स्वच्छता सर्वे-2018 की शुरुआत करेगी। अधिकारियों की अलग-अलग टीम और सर्वे करने वाली कंपनी के प्रतिनिधि देशभर के शहरों में स्वच्छ भारत अभियान के तहत हो रहे कार्यों की हकीकत देखेंगे। टीम जनवरी में कभी भी विंध्य के इन जिलों में पहुंच सकती है।
हम अब भी तैयार नहीं हैं
स्वच्छता को लेकर जनवरी 2017 से लगातार दिशा-निर्देश जारी किए गए। उसके तहत नगर निगम को कदम उठाए जाने थे। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि विंध्य के सतना-रीवा में कोई तैयारी ही नहीं है। अंतिम समय में कवायद शुरू की गई है। हाल ही में सतना में एप डाउनलोडिंग सहित कार्यशाला का आयोजन किया गया था। यानि मैदानी स्तर पर हम पूरी तरह फिसड्डी हैं। इसलिए पहले जैसी स्थिति पर पहुंचना भी चुनौती है। हालांकि सिंगरौली की स्थिति सतना-रीवा से बेहतर है। वर्तमान स्थिति में देश के टॉप फाइव में बना हुआ है।
स्वच्छता को लेकर जनवरी 2017 से लगातार दिशा-निर्देश जारी किए गए। उसके तहत नगर निगम को कदम उठाए जाने थे। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि विंध्य के सतना-रीवा में कोई तैयारी ही नहीं है। अंतिम समय में कवायद शुरू की गई है। हाल ही में सतना में एप डाउनलोडिंग सहित कार्यशाला का आयोजन किया गया था। यानि मैदानी स्तर पर हम पूरी तरह फिसड्डी हैं। इसलिए पहले जैसी स्थिति पर पहुंचना भी चुनौती है। हालांकि सिंगरौली की स्थिति सतना-रीवा से बेहतर है। वर्तमान स्थिति में देश के टॉप फाइव में बना हुआ है।
पहले से ज्यादा चिंता
यह पहला मौका है जब एक साथ चार हजार से ज्यादा शहरों को सर्वे में शामिल किया गया है। इस बार प्रतियोगिता पहले से ज्यादा कड़ी है। फरवरी तक सर्वे पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद डेढ़-दो महीने में स्वच्छता सर्वे के परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
यह पहला मौका है जब एक साथ चार हजार से ज्यादा शहरों को सर्वे में शामिल किया गया है। इस बार प्रतियोगिता पहले से ज्यादा कड़ी है। फरवरी तक सर्वे पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद डेढ़-दो महीने में स्वच्छता सर्वे के परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
केंद्र से पहले राज्य टीम आएगी
स्वच्छता के मामले में केंद्र सरकार की टीम से पहले राज्य की टीम स्थिति का जायजा लेगी। नगरीय विकास विभाग परफॉर्मेंस ऑडिट कराएगा। ऑडिट इसलिए होगा ताकि केंद्र के स्वच्छता सर्वे में नगरीय निकायों की तैयारी का अंदाजा लगाया जा सके। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में एक टीम जा रही है। वह तीन दिन रुककर केंद्रीय स्वच्छता सर्वे के मापदंडों पर हो रहे कामों को परखेगी।
स्वच्छता के मामले में केंद्र सरकार की टीम से पहले राज्य की टीम स्थिति का जायजा लेगी। नगरीय विकास विभाग परफॉर्मेंस ऑडिट कराएगा। ऑडिट इसलिए होगा ताकि केंद्र के स्वच्छता सर्वे में नगरीय निकायों की तैयारी का अंदाजा लगाया जा सके। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में एक टीम जा रही है। वह तीन दिन रुककर केंद्रीय स्वच्छता सर्वे के मापदंडों पर हो रहे कामों को परखेगी।