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एडिशनल चीफ सेक्रेट्री ने कहा, बायोटेक्नो क्राप्स से हल नहीं हो सकती एग्रीकल्चरल क्राइसेस

locationसतनाPublished: Sep 07, 2019 12:06:42 am

Submitted by:

Sonelal kushwaha

एकेएस विवि में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में पशुपालन व पोल्ट्री फॉर्म पर दिया जोर

Additional Chief Secretary manoj srivastav

Additional Chief Secretary manoj srivastav

सतना. एकेएस विवि के एग्रीकल्चर संकाय में आयोजित तीन दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस में मप्र शासन के एसीएस मनोज श्रीवास्तव ने कृषि के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी की उपयोगिता व उसके दुष्प्रभाव पर चर्चा की। देशज पद्धति को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। कहा, पशुपालन व पोल्ट्री फार्म को बढ़ावा दिया जाए तो किसानों की आय बढ़ सकती है। बायोटेक क्रॉप्स पर अफ्रीका में अध्ययन हुआ, लेकिन कृषि समस्या का समाधान करने में यह प्रयोग फेल रहा। खेती में टेक्नोलॉजी का प्रयोग तो जरूरी है पर वह हमारी पारिस्थितिकी के अनुरूप हो। पशुपालन और कृषि एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने एनीमल एनीस्थीसिया, एनीमल मसाजिंग व एनीमल फिजियोथेरेपी जैसे कोर्सेस शुरू करने का सुझाव दिया।
पॉली हाउस व अन्य टेक्नोलॉजी से कमाई
नाबार्ड के एमडी एसके बंसल ने बताया कि एक एकड़ में १० हजार कमाने वाला किसान, पॉली हाउस व अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग कर छह लाख महीने कमा रहा है। कृषक, महिलाएंं, कलाकार व युवाओं के हुनर की पहचान कर गांवों में जरूरी व्यवस्थाएं करनी होंगी।
नदियों को जोड़ें
विवि के कुलाधिपति बीपी सोनी ने कहा कि आजादी के बाद कृषि का उत्पादन काफी बढ़ा है। सिंचाई का रकबा बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए नदियों को आपस में जोडऩे व हर गांव में वेयर हाउस व कोल्डस्टोरेज बनवाने का सुझाव दिया।
उपस्थित रहे

इस मौके पर विवि के प्रो.चांसलर अनंत सोनी, कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक, प्रतिकुलपति डॉ. आरएस त्रिपाठी, डॉ. हर्षवर्धन, ओएसडी. प्रो. आरएन त्रिपाठी, डॉ. एसएस तोमर, डॉ. केआर मौर्या, डॉ. आरएस पाठक, डॉ. नीरज वर्मा, डॉ. अभिषेक सिंह, अजीत सराठे, राजेश मिश्रा, सात्विक सहाय बिसारिया, शीलेंद्र उपाध्याय, संतोष श्रीवास्तव, रमा शर्मा, दीपनारायण, नवनीत राठौर, आशुतोष गुप्ता, आशुतोष मौर्या, विनीता देवी उपस्थित रहे।
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