scriptस्कूलों में लागू हो पढ़ाई का अमेरिका माडल तो अभिभावकों को मिले राहत | If America's model of education is applicable in schools | Patrika News

स्कूलों में लागू हो पढ़ाई का अमेरिका माडल तो अभिभावकों को मिले राहत

locationसतनाPublished: May 20, 2020 01:18:00 am

Submitted by:

Sukhendra Mishra

निजी स्कूलों में चले पुरानी किताब , प्रशासन करे पहल

Instructions to ban expensive books in private schools

Instructions to ban expensive books in private schools

सतना. यदि जिले की सभी निजी एवं सरकारी स्कूलों में अमेरिका की तर्ज पर पुरानी किताबों से पढ़ाई शुरू हो तो लाकडाउान के बीच आर्थिक तंगी से गुजर रहे अभिभावकों को बड़ी राहत मिल सकती है। इसके लिए जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आगे आना चाहिए।
गौरतलब है कि शहर के निजी विद्यालय कमीशन के लिए हर साल सिलेवस की दो तीन किताबे बदल देते हैं। वहीं स्टेशनरी दुकानदार अभिभावकों को सेट में किताबे बेचने हैं। जिसके चलते निजी स्कूलों में बच्चा पढ़ाने वाले अभिभावकों को हर साल 3 से 5 हजार रूपए की किताब खरीदनी पड़ती है। यदि प्रशासन हर साल किताब बदलने की मानमानी पर रोक लगाते हुए सभी विद्यालयों में बुक लाइब्रेरी बनवाएं और छात्रों को पुरानी किताबों से पढ़ाई की पहल करे तो, इससे कागज की खपत कम होगी और अभिभावकों के हजारों रुपए बचेगे। अभिभावकों के बचेगे ५० करोड़
निजी विद्यालयों द्वारा हर साल बुक बदलने एवं निजी प्रकाशकों की किताब चलाने से शहर में किताब का कारोबार ५० करोड़ को पार कर गया है। यदि प्रशासन संकट काल में पुरानी बुकों से पढ़ाई की नई पहल करे तो अकेले सतना शहर के अभिभावकों के 50 करोड़ रूपए बच सकते हैं।
सस्ती हो शिक्षा व्यवस्था
निजी विद्यालय कमीशन की लालच में हर साल किताब एवं स्कूल ड्रेस चेंज कर देते हैं। निजी स्कूलों की इस मनमानी के कारण कान्वेंट स्कूलों की पढ़ाई साल-दर साल महंगी होती जा रही है। यदि प्रशासन कक्षा एक से १२ तक निजी एवं सरकरी सभी स्कूलों में पुरानी किताबों से पढ़ाई की नई पहल करे तो इससे शिक्षा सस्ती हो सकती हैं। क्यों निजी स्कू ल में बच्चे पढ़ाने वाले अभिभावक स्टेशनरी एवं ड्रेस पर हर साल 10 हजार रूपए से अधिक खर्च करते हैं। पुरानी किताबों को बढ़ावा मिलने से मध्यम एवं गरीब वर्ग के लोगों को बढ़ी राहत मिल सकती है।
अमेरिका में यह है व्यवस्था
अमेरिका की हर स्कूल में एक बुक बैक है। परीक्षा समाप्त होते ही छात्रों से सभी किताबे बुक बैंक में जमा करा ली जाती हैं। नया सत्र शुरु होते ही बुक बैंक में रखी किताबे नए छात्रों को बांट दी जाती है। इससे अभिभावकों को हर साल बच्चों के लिए किताब नहीं खरीदना पड़ता।
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